Monday, June 22, 2020

चूट के साथ मस्ती

मेरा नाम समीर सिंह और आज मैं आपको एक ऐसी लड़की की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसने कभी सेक्स नहीं किया | हालाँकि वो मुझसे मुझसे उम्र छोटी थी पर पुरी तरह से खिलकर कमल का फुलहो चुकी थी और उसकी(uski) चुत भी शायद अंदर से चुदाई की पुकार कर रही थी जिसकी पुकार आखिर मैंने एक दिन सुन ही ली और शायद पूरी हद तक पूरी कर दी | दोस्तों मैं एक मशहूर शहर में लोगों को नाचना शिखाता हूँ और करीब 150 बछ एमरे यहाँ अलग – अलग समय में सिखने भी आते हैं |
यूँ तो मैं चुत का इतना शौक़ीन नहीं हूँ पर एक लड़की की भरी जवानी ने उसकी(uski) चुत का शौक रखने में मुझे मजबूर ही कर दिया | उसका(uska) नाम जसवी था और वो अक्सर ही दोपहर को अपनी कुछ दोस्तों के साथ मेरी क्लास में नाच सिखने के लिए आया करती थी | वो अपनी सभी दोस्तों को मुकाबले इतना अच्छा नहीं नाचती थी इसी कारण मैंने उसके(uske) अकेले में क्लास लेने और आची तरह से उसे सिखाने की सोची और गलती से उसे चुदाई का पाठ पढ़ा डाला | उस दिन दोपहर को सब बच्चों के जाने के बाद उसे अकेले में ही सिखा रहा था |
हुआ हुआ यूँ उसके(uske) कदम और हाथ की दिशा सही से बन रही थी जिसके कारण अब मुझे उसके(uske) हाथ और कभी उसे पीछे सुकी कमर को पकड़ सहारा लगन पड़ जाता था | उसने(usne) उस वक्त एक छोटी सी कर्ट और उप्पर के कसा हुआ टॉप पहना था जिसपर से उसके(uske) चुचों का उभार्साफ मेरी नज़रों के सामने था | मैं जब उसे सिखा रहा था उसके(uske) हाथों और बाहों को पकडे हुए तो मैंने ध्यान दिया की अब उसका(uska) ध्यान और हटा जा रहा था | मैंने जब उसकी(uski) शकल को ध्यान से सिखा तो उसकी(uski) नज़रें एक दम खामोश थी और वो एक शांत पड़ी हुई थी | मैंने उससे जब पुछा की क्या कारण है तो वो मुझे कुछ जवाब ना दे पाई पर शयद सब कुछ समझा चुका था और अंदर से उत्तेजित होता चला गया |
मैं अब जान बुझ कर उसकी(uski) बाहों को अपनी हटली से सहलाते हुए उसे सिखाने का प्रयत्न किया जिसे वो फिर से एक दम सुन पड़ गयी और मेरा सामने मुड़कर खड़ी रही | मैं उसे देखता हुआ उसके(uske) बाहों को सहलाता आज अ रहा था | धीरे – धीरे मेरा एक हाथ उसके(uske) टॉप के अंदर चलता चला गया उसकी(uski) कमर से होता हुआ उसके(uske) पेट पर पहुँच गया | मैं उसे गरम करता हुआ अपनी एक ऊँगली को उसकी(uski) नाभि के चारों और घुमाने लगा | अब तो उसकी(uski) गर्म आहें छूट रही थी और मैंने फटाफट उसके(uske) चुचों को भींचते हुए उसके(uske) टॉप को वहीँ खड़े – खड़े उतार दिया | मैं उसके(uske) छोटे – छोटे चूचकों को अपने होठों के तले मिस्मिसात हुए चूसने लगा | मेरा पास वक्त की पाबन्दी थी इसीलिए मैंने उसकी(uski) स्कर्ट को भी उप्पर की और उघाड़ दिया और उसकी(uski) नीली पैंटी को नीचे को खींच दिया |
मैंने उसे वहीँ सीडी पर बिठाते उसकी(uski) चुत में ऊँगली करने लगा | मैंने अब जहत से अपने तने हुए मोटे लंड को निकाला और उसके(uske) उप्पर चड़ते हुए उसकी(uski) चुत में अपने लंड को दे मारा और देदनादन चोदना शुर कर दिया | मैं बिलकुल मज़े में था और वो दर्द से चींख रही थी | मैं उसकी(uski) एक चींख के उप्पर भी ध्यान ना दिया दिया और पूरे समय उसे भरकर चोदा और आखिर में उसके(uske) पेट पर ही अपना वीर्य चोदा दिया | उस दिन के बाद से मैंने उसे रोज अकेले में सीखाना शुरू किया और उसकी(uski) चुत भी मारता चला गया |

मिलकर किया मस्ती

मेंरा नाम कल्पना है. और में सूरजपुर में रहती हु में दिखने में बहुत ही सेक्सी और जवान हु . मैने बहुत से लोगो के साथ सेक्स किया है और उस सभी लोगो से मैने 2 लडको को पसंद किया था दोनों लडको का अपना अलग ही मजा था उनमे एक का नाम नितिन और दुसरे का नाम अमित था . नितिन का लंड बहुत ही लम्बा था . और अमित का लंड मोटा था . इन दोनों से में बहुत प्यार करती थी. सुबह नितिन से चुद्वाती थी. और शाम को अमित से मेरी जिंदगी बड़े आराम से चलने लगी थी पर उस रात के बारे में सोचते ही में काप उठती हु . नितिन अचानक रात को 10 बजे मेरे घर आया मुझे लगा की अमित आया होगा क्योकि अक्सर रात को अमित ही आया करता था मैने जेसे ही दरवाजा खोला तो देखा की सामने नितिन खड़ा हुआ है वो दारू के नसे में पूरी तरह से धुत था.
मने उसे अंदर बुलाया पर थोडा डर भी लग रा था की कही अमित ना आजाये उसने(usne) रूम में आते ही मुझे अपने बाहों में भर लिया मुझे दरवाजा बंद करने का भी मोका नहीं दिया वो पूरी तरह से चुदाई करने का मन बना के आया था उसने(usne) मुझे सोफे में लेटा दिया और मुझे चूमने चाटने लगा . मुझे कुछ भी बोलने का मोका नहीं दे रहा था . अचानक नितिन खड़ा हो गया और कहा अपने कपडे उतारो . उस वक्त में मना भी नहीं कर सकती थी . मैने अपने कपडे उतार के नंगी हो गई नितिन ने मुझे सोफे में बीठा कर मेरे दोनों पैर फेला दिया और मेरी चूत को चाटने लगा . अब में भी सब कुछ भूल के उसका(uska) साथ देने लगी . की अचानक मेरी नजर दरवाजे की तरफ पड़ी और उधर देखते ही मेरा जोश पूरी तरह से ठंडा हो गया दरवाजे के पास अमित खड़ा हुआ था उसने(usne) मुझपे चिल्लाना सुरु किया मदेरचोद रंडी की ओलाद कितनो से चुदती हो तेरी माँ की चुद उसी वक्त नितिन को गुस्सा आ गया और दोनों में झगडा होने लगा .
उस वक्त मुझे समझ में नहीं आ रहा था की क्या करू मैने चिलाया चुप रहो मेरी मर्जी में जिस से भी चाहू चुदा सकती हु मेरा चुद मेरी मर्जी अगर तुम लोगो को ये सब अच्छा नहीं लगता तो तू शोक से जा सकते हो पर याद रखना आज के बाद तुम चुदाई को तरस जाओगे . मेरी बात काम करने लगी थी दोनों शांत हो चुके थे और में दोनों को खोना नहीं चाहती थी तभी नितिन ने कहा पर तुम ही बताओ हम दोनों एक ही छूट को केसे चोद सकते है तब मैने उन दोनों से पूछा अच्छा ये बताओ में जो फेसला करुँगी वो तुम दोनों को मानना पड़ेगा दोनों ने कहा ठीक है तब मैने कहा की नितिन तुम्हारा लंड लम्बा है जब तुम मेरी चूत में डालते हो तो मुझे बहुत अच्छा लगता है . और अमित का लंड मोटा और टाइट है जो मेरी गांड मारने के लिए सही है आज से मेरी चूत सिर्फ नितिन चोदेगा और मेरी गांड अमित मरेगा बस और अब में कुछ भी नहीं सुनना चाहती उस वक्त में नंगी ही खड़ी थी मैने कहा तुम दोनों किसका इंतजार कर रे हो अब तो मेरा बटवारा भी हो चूका है शायद में ये बोल के गलती कर दी थी दोनों एक साथ मेरे एक एक बटले को दबाना लगे और किस करने लगे में पहली बार एक साथ दो लोगो से चुदाने जा रही थी उस वक्त थोडा डर भी लग रहा था | पर में मन ही मन खुश भी हो रही थी की चलो दोनों लडको को खोने से बच गई.
में अपने घुटनों के बल बेठी और नितिन का लम्बा लंड चूसने लगी और एक हाथ से अमित का लंड हिलाने लगी थोड़ी देर बाद में नितिन को सोफे में लेता दी और उसके(uske) लंड को अपने चूत में रख के घुसवाने लगी पीछे से अमित मेरी गांड को चाटने लगा और अपनी ऊँगली को घुसाने लगा फिर अमित भी अपना मोटा लंड मेरी गांड में घुसाने लगा निचे से नितिन मेरी चूत चोद रा था और पीछे से अमित मेरी गांड मार रहा था उस वक्त में जन्नत में पहुच गई थी और दोनों के लंड का मजा लेने लगी थोड़ी देर चोदने के बाद नितिन का लंड झड गया पर अमित नहीं रुका वो मेरी गांड को पूरी ताकत से चोद रहा था और मेरी चूची हो मसल रहा था थोड़ी देर गांड मारने के बाद अमित का लंड भी जवाब दे गया पर उस रात हम तीनो को बहुत मजा आया हम तीनो को नया अनुभव मिला था और अब हम जब भी सेक्स करते है तीनो एक साथ करते है …

परोसी की चूची को चोदा

मेरा नाम राजीव है । यहाँ आपके सामने यह मेरी पहली स्टोरी है। जिसमे मैं अपनी जिन्दगी की सच्ची सेक्स स्टोरी आप सभी को बताने रहा हूँ।
मैं एक सुन्दर दिखाई देने वाला लड़का हूँ। लेकिन मेरी हाइट और बॉडी काफ़ी अच्छी है। बात उन दिनों की है जब मैं 23 साल का था और में अपनी पढाई के लिए दिल्ली गया हुआ था। वाहा मैं अपने रिश्तेदार के घर पर रह रहा था। मुझे तब सेक्सी फिल्म देखने का बहुत शोक था लेकिन मैने कभी सेक्स किया नही था।
मेरे रिश्तेदार एक पॉश इलाक़े मैं रहते है इस लिये पड़ोस मैं सब मालदार पड़ोसी ही रहते है। जिसमे बहुत ही सेक्सी सेक्सी लड़किया रहती थी वही पर एक लड़की रहती थी जिसका नाम सीमा था। वो हमारे रिश्तेदार के घर पर आती रहती थी। वो बहुत ही सुन्दर और सीधी साधी दिखती थी। मेरी उससे काफ़ी अच्छी बनने लग गयी थी। जब भी मैं उसको देखता तो मेरा लंड मोबाईल टावर बन जाता था। क्योंकि उसके(uske) बूब्स का साईज 33-26-39 होगा और वो ऐसे कपड़े पहनती थी जिसमे उसकी(uski) जवानी पूरी तरह से झलकती थी।
उसकी(uski) उम्र तब 22 की होगी। और वो जब चल कर आती जाती थी तो उसकी(uski) गांड देखकर तो मैं पागल ही हो जाता था। जब भी वो आती थी तब मैं अपना मोबाइल चालू रखता था। और चुपके से उसकी(uski) फोटो खीच लिया करता था। फिर उनको देख कर मुठ मरता था। ये उन दिनों की बात है जब उसने नया लेपटॉप लिया हुआ था और मुझे कंप्यूटर की अच्छी जानकारी थी। इसलिए वो अक्सर मेरे पास कंप्यूटर के बारे मैं कुछ ना कुछ पूछने आ जाया करती थी। एक बार की बात मैं अपनी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। इसलिये मैंने अपने कॉलेज से छुट्टी ली हुई थी और घर पर ही पड़ाई करता था।
उस दिन दोपहर के समय मैं अचानक से सीमा आई और वो सीधे मेरे रूम पर आकर मुझसे बोली की राजीव मुझे लगता है की मेरा लेपटॉप खराब हो गया है। तुम मेरे साथ आकर प्लीज़ उसे देख लो मैं तो बहुत खुश हो गया और मैने तुरंत हाँ कर दी और उसके(uske) साथ ही उसके(uske) घर पर चला गया वहाँ जाकर देखा तो उसके(uske) घर पर कोई भी मौजूद नही था। उसने बताया की सभी लोग आज कुछ ना कुछ काम से बाहर गये हुए है। वो सीधे अपने रूम मैं मुझे लेकर गयी। और लेपटॉप को मेरे सामने रख दिया और बोली तुम इसे देखलो तब तक मैं तुम्हारे लिए कॉफी बनाकर लाती हूँ।
फिर मैं उसका(uska) लेपटॉप देखने लगा मैंने देखा की उसके(uske) लेपटॉप में वायरस आ गये है। इसलिए में भी उसके(uske) लेपटॉप की छानबीन करने लगा और फिर उसमे मैं से काफ़ी सेक्सी फिल्मे मिली। मैं ये कुछ सब देख कर चोंक गया मैंने जब वो फिल्मे देखना शुरु कि तो वो अचानक से वहां पर सीमा आ गई मुझे देख कर बोली तुम ये क्या कर रहे हो मैंने कहा क्या तुम ये सब कुछ देखती हो वो पहले तो वो कुछ नही बोली फिर कहा की मुझे यह सब कुछ देखना अच्छा लगता है। उसने मुझ से पूछा क्या तुम यह सब कुछ नही देखते हो? तब मैंने तुरन्त उसे हाँ बोल दिया।
उसने मुझसे पूछा क्या तुमने कभी सेक्स किया है? तब मैंने कहा नही मैं तो अभी तक वर्जिन ही हूँ। यह सुनकर तो वो बहुत खुश हुई और बोली आज सही समय है। तुम्हे अपनी वर्जिनिटी तोड़ देनी चाहिये। मैं तब बहुत शरमा रहा था। तभी उसने मुझसे कहा इसमे क्या शरमाना ये तो सभी लोग करते है। लेकिन ये तुम्हारा पहला टाइम है इसलिए? उसने मुझसे कहा की मैं तुम्हारी पहली चुदाई बहुत ख़ास बना दूंगी उसने पहले मेरी टी शर्ट उतारी फिर उसने मुझसे कहा की तुम अब मेरे कपड़े उतारो।
उसकी(uski) टाइट टी शर्ट जैसे ही मैंने उतारी तो उसके(uske) बूब्स जैसे चलकर कर बाहर आ गये। मेरा लंड अब मेरी पेंट फाड़ रहा था। उसने जब ब्रा खोली तो उसके(uske) निप्पल दिखाई दिये जो बहुत ही सुडोल और बड़े थे। उसने कहा की चूसो इन्हे। जैसे ही मैंने उसके(uske) बूब्स को दबाना शुरू किया तो मुझे लगा की जैसे मुझे जन्नत मिल गयी हो। फिर हमने काफ़ी देर किस किया। दोस्तो उसके(uske) दोनों हाथ तो जैसे मखमल जैसे थे। उसके(uske) बाद मुझे धीरे धीरे जोश आने लगा उसका(uska) भी शरीर पूरा गरम हो चुका था। फिर उसने मूझे बैठाया और मेरी पेंट और अंडरवियर निकाल दिया मेरा 6.5 इंच का लंड अब बाहर आ चुका था।
और फिर जब उसने मेरा लंड चूसना शुरु किया मुझे तो ऐसा लगा की जैसे कोई सेक्सी फिल्म की हिरोइन मेरा लंड चूस रही हो वो बोली की पहली बार कोई वर्जिन लंड चूसने को मिला है। मैंने फिर पूछा की आप तो इन कामों में काफ़ी जानकार लगती हो। तब वो मुस्कुरा कर बोली तुम सिर्फ़ मज़े लो फिर उसके(uske) बाद वो बेड पर लेट गयी और कहा की मेरी पेंटी उतारो दोस्तो यह मेरा पहला समय था जब मैंने ऐसी जवान चूत के दर्शन किए थे। उसकी(uski) चूत एकदम चिकनी और गीली हो चुकी थी। वो बहुत कामुक लग रही थी।
उसने मुझे अपनी उसकी(uski) चूत चाटने को कहा तो मैं भी कहा पीछे रहने वाला था। मैने उसकी(uski) चूत को बहुत देर तक चाटा और वो तो बस चोदो मुझे जोर से चोदो राजीव बोल रही थी 15 मिनट तक चूत चाटने के बाद वो बोली राजीव तुम अपनी जवानी मुझे दे दो। उसने मुझसे पूछा की कौन सी सेक्स स्टाइल में करोगे। दोस्तों मैं तो बस उसकी(uski) गांड का दीवाना था इसलिए मैंने कहा मैं तुम्हारी गांड देखते देखते चोदना चाहता हूँ। फिर वो मेरे सामने गांड दिखा कर अपने घुटनो पर खड़ी हो गयी फिर मैंने अपना लंड उसकी(uski) चूत मैं डाला।
उसकी(uski) चूत का एहसास ऐसा था जैसे कि कोई मखमल की दीवार हो। फिर मैंने अपना पूरा लंड उसकी(uski) चूत के अंदर डाल दिया उसकी(uski) चीख निकल गयी और चिल्लाई आआआवउुउउ। मैंने अपनी पूरी ताक़त लगानी शुरू की तो उसने कहा अपने लंड को धीरे धीरे हिलाओ नही तो तुम्हारा वीर्य जल्दी से निकल जाएगा। इसलिए तुम पहले मेरी चूत का पूरा मज़ा ले लो और मुझे तुम्हारे लंड का पूरा मज़ा लेने दो क्योंकी बहुत दिन बाद लम्बा और मोटा लंड मिला है। फिर मैंने उसे करीब 20 मिनट तक चोदा मैने बहुत सी स्टाईल भी बदली मैंने कहा की अब मेरा लंड अब वीर्य छोड़ने वाला है उसने कहा चूत में नहीं बाहर निकालो और कहा की मेरे बदन पर अपना वीर्य निकाल दो।
फिर मैंने अपना लंड उसकी(uski) चूत से बाहर निकाला और उसके(uske) चहरे पर और बूब्स पर अपने लंड का वीर्य डाल दिया। पहली बार मेरे लंड से इतना वीर्य निकला था। उसके(uske) करीब पूरे बदन पर मेरे लंड का वीर्य फैल गया था। और फिर हम दोनो उठे और साथ मैं वॉशरूम मैं जाकर अपने बदन को साफ किया फिर उसके(uske) बाद जाकर मैंने उसका(uska) लेपटॉप सही किया फिर हम लेपटॉप सही करने के बहाने से कई बार चुदाई करते थे। तो दोस्तों उम्मीद है कि आपको मेरी पहली स्टोरी पसंद आई होगी।

चूची के मजे

हैलो फ्रेंड्स.. मैं रोहित.. सोनीपत (हरियाणा) से एक बार फिर से एक कहानी लेकर आपकी सेवा में हाजिर हूँ.
को आप लोगों ने बहुत सराहा.. जिसके लिए आप लोगों का धन्यवाद.
मेरी पिछली कहानी में आपने पढ़ा था कि कैसे मुझे जन्मदिन पर परी की चूत तोहफे में मिली.
उसके(uske) बाद तो 3-4 दिन में हम दोनों का मिलना होता रहा.
अब मेरे लंड को उसकी(uski) चूत की आदत पड़ गई थी और उसकी(uski) चूत को मेरे लण्ड की, अब तो मुझे उसकी(uski) चूत मारे बिन रहा नहीं जाता था.
एक दिन उसका फ़ोन आया कि उसके(uske) माता-पिता किसी काम से बाहर जा रहे हैं और 4 या 5 घण्टे बाद आएंगे.
बस मौका मिल गया और मैं पहुँच गया अपनी जान के घर पर उसकी(uski) चुदाई करने.
उसके(uske) घर जाने के बाद मैं उससे लपक कर मिला.
उसने(usne) मुझे बैठाया.. वो गर्म दूध ले आई और अपने लिए कॉफ़ी.
इस सब के बाद मैंने उसको अपनी बाँहों में भर लिया और उसके(uske) गुलाबी होंठों पर टूट पड़ा.
कुछ मिनट में ही मैंने उसके(uske) होंठ चूस-चूस कर गुलाबी से लाल कर दिए थे.
चुम्बन करने से ही मेरा लंड बिल्कुल तन गया था और मैंने कपड़ों के ऊपर से ही बिना उसकी(uski) सलवार उतारे उसकी(uski) चूत को रगड़ना शुरू कर दिया.
उसके(uske) बाद मैंने उसके(uske) कपड़े निकालने शुरू कर दिए और कुछ देर बाद हम दोनों एक-दूसरे के सामने बिल्कुल नंगे पड़े थे. उसके(uske) होंठों से चुम्बन करते हुए उसके(uske) चूचों पर आ गया और उसके(uske) कड़क चूचों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा. मैं एक हाथ से उसके(uske) दूसरे चूचे को मसलने लगा, कभी प्यार से चूसता और दांतों से काट देता.
जैसे उसके(uske) चूचों को मैं दांतों से काटता.. वो अपने नाख़ून मेरे कमर में गाड़ देती.
उसके(uske) मुँह से ‘आह्ह्ह.. उह्ह्ह..’ की आवाज़ निकल रही थी.
कुछ ही देर में उसके(uske) चूचे एकदम लाल हो गए और उन पर मेरे दांतों के निशान साफ़ दिखाई दे रहे थे.
कुछ देर बाद मैं उसके(uske) पेट से चुम्बन करता हुआ उसकी(uski) गुलाबी चूत पर आ गया. उसकी(uski) चूत एकदम पाव रोटी की तरफ फूली हुई थी और उसकी(uski) चूत पर हल्के-हल्के भूरे रंग के बाल थे, जो उसकी(uski) चूत की सुंदरता बढ़ा रहे थे.
मैं उसकी(uski) चूत को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा, कभी उसके(uske) दाने को मसलता.. कभी दाँतों से काट देता.
उसकी(uski) चूत से एक अजीब सी महक आ रही थी.. जो मुझे पागल बनाए जा रही थी.
जीभ से चूत की चुदाई करना उसको सुकून दे रहा था.. क्योंकि जैसे ही मेरी जीभ अन्दर जाती.. तो वो अपनी गाण्ड उठा कर उसको और अन्दर लेने की कोशिश करती.
फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और वो मेरा लण्ड गपागप चूसने लगी.
मैंने धीरे-धीरे उंगलियों से उसे चोदना शुरू किया.. वो बस सिसकारियाँ भर रही थी और बड़बड़ा रही थी- आआहह.. उफ्फ़.. सीईईई.. साथ ही वो अपने हाथों से मेरे सर को अपनी चूत पर दबा रही थी.
मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.. पर मजा भी आ रहा था.
उसकी(uski) चूत से चिकना सफ़ेद सा कामरस बह निकला.. और मैं उसका सारा पानी चाट-चाटकर पी गया.
वो अब भी लगातार मेरे लण्ड को चूस रही थी.. जैसे कि इसको खा ही जाएगी.
उसके(uske) इसी चुदासपन से थोड़ी ही देर बाद मैं उसके(uske) मुँह में झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गई.
उसने(usne) अपनी जीभ से मेरे लण्ड को चाटकर साफ़ कर दिया.
करीब एक घण्टे तक हम दोनों ऐसे ही एक-दूसरे में बाँहों में पड़े रहे.
अब फिर से वो मेरे लण्ड से खेलने लगी और उसके(uske) मुँह का स्पर्श पाकर मेरा लण्ड फिर से फुंफकार मारने लगा.
लण्ड को गीला करने के बाद वो मेरे ऊपर आ गई और लण्ड को पकड़कर उस पर बैठ गई और मेरे लण्ड को अपनी चूत से चोदने लगी. उसकी(uski) चूत में मेरा लण्ड अन्दर-बाहर होता हुआ दिख रहा था कि कैसे उसकी(uski) निगोड़ी चूत मेरे लण्ड को पूरा गप्प से खा जाती.
कुछ देर में वो थक गई और मुझे चुदाई करने के लिए कहने लगी.
मैं उसको नीचे लिटाकर उसकी(uski) चूत पर अपना लण्ड रगड़ने लगा.
ऐसा करने से उसकी(uski) चुदास बढ़ रही थी और वो मुझे गालियाँ देकर चोदने के लिए कहने लगी.
फिर एक ही झटके में मैंने पूरा लण्ड उसकी(uski) चूत में उतार दिया.. जिससे वो एकदम से चिहुँक गई.
फिर ऐसे ही चुदाई करने के बाद मैंने उसको घोड़ी बनने के लिए कहा और अपना लण्ड पीछे से उसकी(uski) चूत में डालकर दनादन चोदने लगा.
मेरे हर झटके के साथ उसके(uske) चूचे आगे-पीछे हिल रहे थे.
जैसे पूरा लण्ड बाहर निकाल कर अन्दर डालता.. तो उसके(uske) मुँह से सिसकारी निकल जाती. पूरे कमरे में उसकी(uski) ‘आह्ह्ह्ह.. ओह्ह्ह्ह्ह..’ की आवाज़ गूंज रही थी और साथ में चूत से आती ‘फच्च.. फच्च..’ की चुदर ध्वनि की आवाज़.. जो माहौल को और रोमाँटिक बना रही थी.
‘आहह.. ओफफ्फ़.. सीईई.. मैं मर गईईईई.. अहहूऊ.. ओहुचह..’ मदहोशी के आलम में मादक आवाजें निकल रही थीं.
कुछ देर की चुदाई के बाद चुदाई चरम सीमा पर पहुँच गई थी और वो मुझसे कहने लगी- जानू मेरा पानी निकलने वाला है.. और जोर-जोर से झटके मारो.. फ़क मी हार्ड… जोर से.. आह्ह्ह्ह और जोर से.. फाड़ डालो इसको..
कुछ 8-10 झटकों के बाद वो अपनी गाण्ड उठाकर झड़ने लगी और उसकी(uski) चूत के गरम निकलते पानी से मेरे लण्ड ने भी सरेंडर कर दिया और उसकी(uski) चूत को पानी से भर दिया.
फिर हम ऐसे ही पड़े रहे और कुछ देर बाद मेरा लण्ड अपने आप उसकी(uski) चूत से बाहर निकल आया और उसकी(uski) चूत से मेरा पानी निकलने लगा.
फिर हमने एक-दूजे को बाँहों में लेकर लिप किस किया और अपने कपड़े पहनने लगे कि तभी हमने बाहर किसी की आहट सुनी.
मैंने देखा तो उसकी(uski) पड़ोस की भाभी हमें देख रही थीं और सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत को रगड़ रही थीं.
उनको देखकर तो मैं डर ही गया और मेरा चेहरा उतर गया. परी और उसकी(uski) भाभी मेरा उतरा हुआ चेहरा देखकर हँसने लगीं. मैं समझ गया कि यह इन दोनों की मिली-भगत है.
मेरे पूछने पर परी ने बताया कि उनको भी मुझसे चुदाई करवानी है क्योंकि उसका पति नाईट ड्यूटी करता है और बहुत दिनों तक उसकी(uski) चुदाई नहीं होती.
मुझे यह सुनकर तो मजा आ गया और मेरा लण्ड भाभी को देखकर फुंफकार मारने लगा.
फ्रेंड्स, कैसी लगी आपको मेरी कहानी?
अगली कहानी में बताऊँगा कि कैसे मैंने परी की भाभी की चुदाई की और उसको माँ बनाया.

देशी लौंडियों के साथ की मस्ती

नमस्कार फ्रेंड्स, आप सभी मुझे जानते हो.. मेरा नाम जय है. मैं अन्तर्वासना का बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ.. साथ ही आप सभी का धन्यवाद करता हूँ.. जो मेर कहानियाँ पढ़ कर मुझे उसकी(uski) कमियाँ बताते हो या पसंद करते हो.
यह कहानी उस वक्त की है.. जब मेरी दोस्त गीत और मैं हम दोनों दीघा घूमने गए थे.
हमारी फ्लाइट दिल्ली से थी और दोनों नियत समय पर एयरपोर्ट पहुँच गए थे.
हमने अपना सामान बुक करवाया और अपने प्लेन की सीट पर जाकर बैठ गए.
हमने शाम को करीब 6 बजे दीघा में लैंड किया.
एयरपोर्ट से हमने टैक्सी ली और सीधे अपने होटल पहुँच गए.. जो कि मैंने पहले ही ऑनलाइन बुक किया हुआ था. हमारा होटल बीच के बिल्कुल पास था. हम दोनों कमरे में गए और नहा-धो कर फ्रेश हुए.. उसके(uske) बाद हमने चाय पी और रात को बीच पार्टी देखने निकल गए.
हमने वहाँ काफी कुछ देखा और रात को सागर के किनारे सैर करते हुए हमें बहुत अच्छा लगा. आगे चल कर हम एक बीच पार्टी में पहुँच गए.. जहाँ पर बहुत सारे कपल डांस कर रहे थे और मस्ती कर रहे थे.
उस पार्टी में एंटर होने के लिए टिकट खरीदनी पड़ती थी, हमने टिकट ली और अन्दर पहुँच गए.
मैं और गीत एक-दूसरे की बाजू में बाजू डाल कर डांस करने लगे.
हम दोनों बहुत बढ़िया डांस कर रहे थे.
गीत और मुझे दूसरे लोगों को देख कर मस्ती बढ़ने लगी.. क्योंकि वहाँ कुछ लोग आपस में किस करते हुए डांस कर रहे थे.. कुछ लड़कियाँ और लड़के किस करते हुए डांस कर रहे थे.
अब मैं भी गीत को छेड़ने लगा था.
मैं कभी गीत की पीठ पर हाथ ले जाता और कभी उसके(uske) कूल्हों को टच करके डांस करता. गीत भी मस्ती से खूब मज़े ले-लेकर डांस कर रही थी.
रात के करीब 12 बज चुके थे.. पार्टी पूरे जोरों पर थी.. मैंने गीत को किस की.. गीत भी मेरा पूरा जवाब दे रही थी. उसने(usne) भी मेरी आँखों में आँखें डाल कर मेरे लिप्स पर किस की.
अब हम बिल्कुल खुले डांस कर रहे थे. हमें किसी की कोई परवाह नहीं थी.
गीत ने घूम कर अपनी पीठ मेरी तरफ की और मैं भी गीत की पीठ को हाथ से सहलाते हुए डांस करने लगा. गीत ने जीन्स और टी-शर्ट पहनी हुई थी.
मैंने अपने दोनों हाथों को आगे किया और गीत के दोनों मम्मे शर्ट के ऊपर से ही दबाने लगा. जिस वक्त की मैं बात कर रहा हूँ.. तब वहाँ की बीच पार्टी में ऐसा सब चलता रहता था.
तभी गीत को शायद मज़ा आने लगा और वो गर्म हो चुकी थी. मैंने देखा कुछ जोड़े पार्टी से जाने लगे थे, हम भी पार्टी से बाहर आ गए..
साथ ही स्टाल पर डिनर लगा था.. हमने वहीं पर डिनर किया और बाहर आ गए.
हम दोनों हाथ में हाथ डाल कर समुंदर के किनारे रेत के ऊपर चलते हुए आ रहे थे.
रात का अंधेरा और चुदाई की आग दोनों तरफ लगी हुई थी.
ठंडी हवा चल रही थी.. समुंदर की लहरें मौसम को और खूबसूरत कर रही थीं.. दिल करता था वहाँ ही बैठ जाएँ. मैं और गीत पानी में पैर डाल कर वहाँ ही बैठ गए.. जब पानी की लहर आती तो हमारे पैर से लेकर कपड़े तक सब भिगो जाती.. और फिर वापस चली जाती.v मैंने गीत के लबों को अपने लबों में लिया और मस्ती से चूमना शुरू कर दिया.
गीत ने भी अपने दोनों हाथ मेरी पीठ की तरफ ले जाकर मुझे अपनी बाँहों में भर लिया.
हम दोनों ही स्लिम हैं.. इसलिए हमें ऐसे मज़ा बहुत आ रहा था.
मैंने गीत की शर्ट को ऊपर किया और उसकी(uski) ब्रा साइड में करके उसके(uske) निप्पल्स को हाथ से सहलाने लगा.
अब गीत भी मस्ती से सिसकार रही थी.. मैंने किस करते हुए उसकी(uski) गर्दन पर अपने होंठ और जीभ घुमानी शुरू कर दी.
गीत की गर्दन से लेकर मैं अपनी जीभ उसके(uske) कान के पास ले गया, उसे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने उसके(uske) दूसरे कान की तरफ भी ऐसे ही किस की.. और अपनी जीभ और होंठ सभी जगह पर घुमाए. गीत को मज़ा भी बहुत आ रहा था और वो सिसकार रही थी.
तभी मैंने उसको अपनी दोनों टांगों पर बिठाया और उसकी(uski) आँखों में आँखें डाल कर कहा- हाँ जानेमन.. बोलो कैसा लग रहा है..
वो बोली- यार की गोद मैं बैठ कर कैसा लगना चाहिए मेरे राजा..
मैंने उसकी(uski) इस अदा से खुश होकर उसकी(uski) शर्ट को उतार दिया और उसके(uske) मम्मो को ब्रा की कैद से आज़ाद कर दिया.
पानी की लहरें बार-बार आ रही थीं और माहौल को और मस्ती से भर रही थीं.
मैंने गीत के मम्मों को अपने होंठों में ले लिया और उसकी(uski) पीठ को अपने हाथों से सहलाने लगा.
अब मैं अपनी जीभ से उसकी(uski) चूचियाँ चाट रहा था और कभी-कभी दांतों से भी हल्के से काट देता.. तो गीत कसमसा कर रह जाती.
मैंने उसकी(uski) दोनों बाँहों को ऊपर उठाया और उसकी(uski) बाँहों को मैं किस करने लगा.. जिससे वो और मस्त हो गई.
अभी तक मैं उसके(uske) शरीर को ऊपर से ही मस्त कर रहा था.. परन्तु मुझे नहीं पता था कि गीत इतना ज्यादा मज़ा फील कर जाएगी.
वो तो बहुत ज्यादा जोरदार सिसकारियाँ लेने लगी और बोलने लगी- आ..ह्ह जा…नू आह.. उ..ई. बस ब..स.. चो.द… दे. ..चोद… दो.. आ..ह…
जैसे कि मैंने पहले भी बताया था कि गीत जब चुदती है.. तो बिल्कुल बेशर्म हो जाती है और मैं भी.
मैंने अपने आप पर काबू रखते हुए कहा- ले मादरचोद.. अब ले यार की गोद का मज़ा..
मैं फिर से उसे पानी जीभ से ही तड़पाने लगा.
गीत ये सहन न करते हुए.. कसमसा रही थी और मज़े से पानी-पानी हो रही थी.
गीत ने अपना ही एक हाथ हाथ से अपनी जीन्स के बटन को खोल कर अपनी पैंटी सरका कर उसमें डाल दिया और अपने हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगी और जोर-जोर से सिसकने लगी.
जब मैंने देखा कि गीत बहुत गर्म हो रही है.. तो मैंने गीत को उठाया और समंदर कि लहरों से थोड़ा दूरी पर ले जाकर उसको रेत पर ही लिटा दिया और उसकी(uski) जीन्स और पैंटी उतार दी.
गीत अब बिल्कुल अल्फ नंगी हो चुकी थी.
अब मैंने अपनी जीभ से गीत की चूचियों पर किस किया और फिर अपनी जीभ उसके(uske) पेट पर फिराने लगा. ऐसे मैं उसके(uske) हर अंग पर किस करता हुआ अपने होंठ उसकी(uski) जवानी के असली भाग तक लेकर आ रहा था.
ज़ल्दी ही मैं उसकी(uski) टांगों पर किस कर रहा था.
मेरी जीभ की इस कदर की चटाई से गीत और ज्यादा तड़प उठी थी.
आखिर मैंने उसका इंतज़ार ख़त्म करते हुए उसकी(uski) असली हीरोइन.. उसकी(uski) जवानी के कीमती खजाने यानि कि उसकी(uski) चूत पर अपनी जीभ का अग्र भाग रख दिया और उसकी(uski) आग जैसी तपती जवानी ने भी जैसे मुझे वेलकम कहा और अपना गर्म-गर्म पानी मेरी जीभ को टच करवा दिया.
अब गीत बोल रही थी- ओह्ह.. आह्ह.. चोद भी दे अब.. उ.ई. .आ..ह.. साले.. चोद अपनी इस कुतिया को.. आह.. उई. मेरी चूत बहन(behan)चोद. फाड़ दे आज.. ये कुतिया चुदने को बेताब है आह्ह.. मेरे चोदू राजा.. आह्ह.. मैंने उसकी(uski) चूत में जीभ डाल कर उसको खूब चाटा. उसकी(uski) गर्म जवानी से भरे हुए उसके(uske) रसीले मम्मे भी खूब दबाए. अब गीत की चूत से पानी टपकने लगा था.
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मैंने उसे कस कर बाँहों में भर लिया और उसकी(uski) चूत पर घर चूमा किया और अपनी जीभ को उसकी(uski) पूरी चूत में उतार दिया, उसके(uske) मम्मों को अपने हाथों से सहलाने लगा. अब गीत पूरी मस्ती से जीभ की चुदाई का मज़ा ले रही थी.
मुझे पूरी उम्मीद थी कि गीत इस बार अपनी जवानी का रस मेरी जीभ पर ही छोड़ देगी.. मतलब वो ऐसे ही छुट जाएगी.
गीत अब बहुत जोरदार ‘आहें..’ भर रही थी ‘उई आह्ह.. चोद दे जानू.. आह्ह..’
चुदाई की मस्ती में गीत की चूत ने आखिर मेरी जीभ का मज़ा न सहन करते हुए अपनी जवानी का पानी मेरी जीभ पर छोड़ दिया और गीत ने अपने दोनों हाथों से मेरे सर को जोर से पानी छोड़ती चूत पर दबा दिया.
मैं उसकी(uski) जवानी का पानी पी रहा था. उसकी(uski) चूत से टपक रहा पानी सीधा मेरे मुँह में आ रहा था और मेरी जीभ भी उसे चाट रही थी. गीत भी अपनी जवानी का पूरा मज़ा ले रही थी.
आस-पास का शान्त वातावरण जिसमें सामने लहरों की आवाजें करता समंदर.. खुला आसमान.. हम सबसे बेखबर अपने मज़े में डूबे हुए एक-दूसरे की जवानी का मज़ा ले रहे थे.
आखिर गीत ने अपनी चूत कि आखिरी बूंद तक मेरे मुँह में भर दी.
मैंने उसकी(uski) चूत को छोड़ा और उसकी(uski) आँखों में आँखें डाल कर देखा और कहा- क्यों जानेमन.. कैसा मज़ा आया?
वो भी मेरी आँखों में देखकर बोली- मेरे बेशर्म यार.. जैसा तुम्हें आया.
मैंने तुरंत कहा- साली मेरी प्यारी कुतिया.. मेरा मज़ा तो अभी रूम में जाकर पूरा होगा.
यह कह कर हम दोनों हँसने लगे.
मैंने उसे उठाया.. हम दोनों उठ गए.
तभी गीत बोली- तुम बहुत चालाक हो..
मैंने कहा- क्यों साली.. क्या हुआ.. मादरचोद.. एक तो इतना मज़ा दिया तुझे..
गीत बोली- साले मुझे अल्फ नंगी तो कर दिया और तुमने अपनी शर्ट तक भी नहीं खोली.. तो चालाक ही हुए न.. मैंने कहा- कोई बात नहीं साली.. रूम में चल.. वहाँ जाकर जो मर्जी खोल लेना. यहाँ अँधेरा था न.. वहाँ रोशनी भी खूब होगी.
गीत बोली- अब अपनी बार अँधेरा.. मेरी बारी क्या रोशनी थी.. मेरे चोदू..
गीत अब अपने कपड़े पहन चुकी थी और हमारे दोनों के कपड़े गीले हो चुके थे. ऐसे बातें करते हुए और हँसते हुए हम वहाँ से आने लगे.
हम ज़ल्दी से होटल आए और कमरे में दाखिल हो गए.
रात के करीब 2 बजने वाले थे.
एक घंटा तो हमने बीच पर ही लगा दिया था.
मैंने गीत को फिर से बाँहों में भरा.. परन्तु वो बोली- नहीं जानू.. अब जान नहीं रही.. अब सुबह करेंगे.. नींद भी आ रही है. मैंने उसे दो-तीन किस किए और बिना चोदे एक-दूसरे को अपनी बाजुओं में लेकर सो गए.
हमें पता ही न चला कि कब सुबह के 7 बज चुके थे.
फिर हमने सुबह जबरदस्त चुदाई की.. जिसकी दास्तान कभी फिर बताऊँगा.
हम दीघा में 4 दिन रहे और अभी तक दीघा की वो रंगीन यादें नहीं भूल पाए हैं.

दोस्त की बहन की चूची

नमस्कार फ्रेंड्स, मेरा नाम आशीष है.. मैं 24 साल का लड़का हूँ और रायपुर में रहता हूँ. अभी एक बड़ी कंपनी में इंजीनियर हूँ.
यह कहानी मेरी और मेरे एक दोस्त की चचेरी बहन(behan) की है.
बात दो महीने पहले की है.. मैं अपने कॉलेज के दोस्त से मिलने उसके(uske) गाँव गया था.
वहाँ मेरी मुलाक़ात उसकी(uski) सेक्सी कजिन रेनू से हुई.. रेनू बारहवीं में बायोलॉजी की स्टूडेंट है.
रेनू एक बहुत ही खूबसूरत परियों जैसी लड़की है. उसका फिगर देख कर अच्छे-अच्छों के लंड से पानी निकल जाए. वो बहुत ही सेक्सी लड़की है..
उसे देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया.
अगर वो अकेली होती.. तो पता नहीं उसके(uske) साथ मैं उस वक़्त क्या करता.
वैसे तो मैंने कभी उसे बुरी नज़र से नहीं देखा.. पर जब मैं.. मेरा दोस्त.. उसकी(uski) गर्लफ्रेंड प्रिया और रेनू मंदिर घूमने गए.. तब मेरी रेनू से अच्छे से बात हुई.
मेरा दोस्त और उसकी(uski) गर्ल-फ्रेंड प्रिया दोनों एकांत में मुझे और रेनू को छोड़ कर चले गए. वहाँ पर मेरी और रेनू की बहुत अच्छी दोस्ती हो गई.
वापिस घर आने पर शाम हो गई ठण्ड का मौसम शुरू हो रहा था.. इसलिए शाम को ठिठुरन लग रही थी.
रेनू अपने कमरे में.. और मैं मेरे दोस्त के कमरे में जाकर कपड़े बदलने लगे.
उसी वक़्त बाहर कुछ हल्ला हुआ, जाकर देखा तो पता चला कि दोस्त की नानी की तबियत बहुत खराब है.. तो उसके(uske) माँ और पापा चले गए थे.
रेनू के मम्मी-पापा उसके(uske) भाई से मिलने भोपाल गए हुए थे तो अब घर में 3 लोग ही बचे थे, मैं.. रेनू और मेरा दोस्त.
कुछ देर बाद दोस्त की गर्ल-फ्रेंड का फ़ोन आया.
उस वक़्त रात के 9 बज रहे थे हम तीनों खाना खा रहे थे.
दोस्त ने मेरे कान में धीरे से कहा- आज मेरा और मेरी गर्लफ्रेंड का सेक्स करने का प्लान बना है.. तो तू रेनू को कोई भी बहाना बता दे.. ताकि मैं रात भर अपनी गर्लफ्रेंड के घर रह कर मजे ले सकूँ.
मैंने कहा- ओके..
दोस्त 10 बजे चला गया.
अब घर में सिर्फ मैं और दोस्त की सेक्सी बहन(behan) रेनू रह गए.
रेनू ने मुझसे कहा- मुझे पता है कि भैया अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने गए हैं.
मैं चौक गया.. फिर बोला- यार उसे मज़े करने दो.
उसके(uske) बाद हम टीवी देखने लगे.. अचानक से किसिंग सीन आया.. तो मैंने चैनल बदलने को कहा.. तो रेनू ने टीवी बन्द कर दिया.
वो मेरे पास आई और बोली- आप बहुत सीधे हो.
मैंने पूछा- क्यों?
तो कहने लगी- इतना शरीफ हर कोई नहीं होता कि एक सुन्दर लड़की सामने हो ठण्डी का मौसम हो और लड़का चुप रहे.
मैंने कहा- रेनू साफ़ कहो.. कहना क्या चाहती हो?
उसने(usne) कहा- आई लव यू.
मैं एकदम सन्न रह गया और उससे कहा- कब से यार?
तो वो बोली- जब आप पिछले साल आए थे.. तब से मैं आपको लाइक करती हूँ.. पर आपसे कभी बात करने का मौका नहीं मिला.
मैंने कहा- ये सही नहीं है.
वो बोली- आज मैं हूँ.. आप हो हमारे बीच दूसरा कोई नहीं आएगा, मुझे प्यार करो आशीष.. मैं तुम्हें बहुत प्यार करती हूँ.
ऐसा बोलकर वो मेरे गले लग गई.
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मेरी तो जैसे दिल की दुआ कबूल हो गई कि जिस लड़की के नाम की ‘आहें’ भरता था.. वो आज मेरी बाँहों में है.
मैंने रेनू को कसकर पकड़ लिया और ‘आई लव यू टू’ कहा.
मैंने रेनू को गोद में उठाया और बिस्तर पर ले जाकर किस करने लगा, वो भी मुझे मेरे बालों को पकड़ कर चूमने लगी.
उसने(usne) मेरी शर्ट का बटन खोल दिया और मेरे सीने को चूमने लगी.
दस मिनट की चुम्मा-चाटी के बाद मैंने रेनू के टॉप को निकालना शुरू किया तो वो और गर्म होने लगी.
टॉप और निक्कर निकाल कर उसके(uske) मम्मों को.. जो रसीले आम की तरह थे.. वो चूसने लगा.
वो भी मुँह से आनन्द भरी आवाजें निकालने लगी.
फिर मैं धीरे से उसके(uske) लोअर में हाथ डाल कर उसकी(uski) पैंटी के ऊपर से उसकी(uski) चूत को सहलाने लगा. उसने(usne) कहा- अभी ये सब नहीं..
पर मैं कहाँ मानने वाला…
मैंने अपनी पैंट उतारी और सिर्फ चड्डी में हो गया और रेनू की लोअर और चड्डी एक साथ उतार कर फेंक दिया. अब वो पूरी नंगी मेरे सामने थी.
मैंने उसकी(uski) चूत में उंगली डाल दी.. पर उंगली घुस नहीं रही थी.. क्योंकि वो वर्जिन मतलब अनचुदी थी.
मैं उसकी(uski) चूत चाटने लगा तो वो उत्तेजित हो कर बोली- आह्ह.. फ़क मी आशीष.. और मत तड़पाओ.. अब डाल दो.
फिर मैंने अपनी चड्डी उतारी.. मेरा लम्बा लण्ड देख कर रेनू बोली- बाप रे इतना मोटा.. मेरी चूत को फाड़ देगा.
मैंने कहा- मज़ा भी बहुत आएगा.
मैंने उसे सीधा लेटा दिया.. अब उसके(uske) ऊपर आ गया और लण्ड को उसकी(uski) चूत के मुँह पर रख दिया. पहले झटके में लण्ड फिसल गया..
फिर एक झटका मारा तो लण्ड आधा घुस गया और रेनू जोर से चिल्लाने लगी- माआआ.. निकालो.. मैं मर जाऊँगी प्लीज.. निकालो..
पर मैंने एक और जोर से झटका मार दिया तो मेरा लण्ड उसकी(uski) चूत में समा गया.
वो छटपटाने लगी.. पर मैं नहीं रुका.
उसकी(uski) चूत से खून निकलने लगा और वो रोने लगी.
मैं लण्ड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा. कुछ देर बाद वो भी जोश में आ गई.. उसका दर्द कम हो गया और वो भी चुदाई के मज़े लेने लगी ‘फ़क मी हार्ड.. फ़क मी’ बोलने लगी.
काफी देर तक इसी पोजीशन में चुदाई की और कुछ देर में रेनू झड़ गई.
कुछ मिनट बाद मेरा भी लण्ड अकड़ने लगा. मैं भी उसकी(uski) चूत में पूरा झड़ गया.. माल को उसकी(uski) चूत में भर दिया.
मैंने अपना लण्ड निकाला.. तो देखा कि मैंने प्यार की मुहर उसकी(uski) चूत पर मार दी है. उसके(uske) होंठ चूम कर हल्के से काट लिया.. उसके(uske) बाल बिखरे थे.
हम दोनों ठण्ड के मौसम में कम्बल के अन्दर नंगे एक-दूसरे से चिपके हुए थे.
रात के 12 बज गए, मेरा लण्ड फिर खड़ा हुआ.. इस बार मैंने उसे घोड़ी बना कर चोदा.
वो भी मुझसे बहुत मज़े ले रही थी, वो बोली- मैं आपके साथ बहुत खुश हूँ.
मैंने भी उसे ‘लव यू’ कहा..
उसने(usne) कहा- आपका लण्ड काफी बड़ा है.. पोर्न एक्टर की तरह है.
मैंने भी कहा- तुम भी सनी लियोनी से कम नहीं हो.
वो हँसने लगी.
उसके(uske) बाद उस रात मैंने रेनू की एक बार और चुदाई की.. उसकी(uski) चूत सूज गई थी और फूल गई थी. बिस्तर पर खून ही खून हो गया था.
रात में 3 बजे तक की चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे के साथ कम्बल में सो गए.
सुबह 5 बजे दोस्त का फ़ोन आया कि वो शाम को आएगा.
मेरी मुराद और पूरी हो गई.
हम दोनों सुबह 9 बजे सोकर उठे, सुबह में ठण्डी थी.. तो मेरी लण्ड फिर खड़ा हो गया.
फिर मैंने एक बार और रेनू को चोदा. रेनू के बदन पर मेरे प्यार के बहुत सारे निशान बन गए थे.. उसकी(uski) चूत को मैंने 4 बार चोदा था.
उस दिन के बाद आज तक मैंने रेनू को 8 बार चोद चुका हूँ.. और वो मेरे लण्ड की पूरी तरह दीवानी हो गई है. अभी 4 दिन पहले ही मैंने रेनू की गांड भी चोदी है. बहुत मज़ा है रेनू के साथ सेक्स करने में.
मेरी कहानी कैसी लगी, ज़रूर बताना.

भाई के साथ मस्ती

नमस्कार फ्रेंड्स, मेरा नाम प्रिया भार्गव है.
मैं अब आपको अपनी चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ, यह मेरी सच्ची कहानी है.
मेरी उमर 25 साल है. मेरे घर में हम 6 सदस्य हैं. मेरे पापा मम्मी मेरा एक भाई जिसकी उम्र 24 साल है और दो छोटी बहन(behan) एक 20 और दूसरी 17 साल 9 मास है.
मेरे भाई का नाम गौतम है और उस से छोटी बहन(behan) का नाम ज्योति और उस से छोटी का नाम बुलबुल है.
मेरा भाई हमेशा मुझे गलत नजर से देखता था. वो बी.कॉम के दूसरे साल का छात्र है और मैं बी.ए फाइनल की छात्रा हूँ. मैंने कई बार देखा है कि मेरा भाई कभी गंदी किताब पढ़ कर अपने लंड को हिला रहा है. वो मौका देख कर मुझे कपड़े बदलते देखता था, वो कभी-कभी मुझे नहाते भी देखा करता था लेकिन मैंने कभी उस इस बात को कभी किस से नहीं कहा.
बात इन्हीं सर्दियों की है, एक बार वो अपना मोबाइल अपने कमरे में छोड़ कर नहाने चला गया तो मैंने उसके(uske) मोबाईल में ब्लू मूवी देखी जिसमें एक लड़की एक लड़के का लंड चाट रही होती है और दो लड़के उसकी(uski) चूत और गाण्ड मार रहे होते हैं.
उन दोनों लड़कों के लंड बहुत मोटे थे कि मैं तो देख कर डर गई थी.
भाई के आने का टाइम हो गया था इसलिए मैंने मोबाइल जैसे रखा था, वैसा ही रख दिया.
एक बार मैं उसके(uske) कमरे में उसे उठाने के लिए गई तो मैंने देखा कि उसका लंड उसकी(uski) पैंट से बाहर निकला हुआ था और तना हुआ था, उसका लंड बहुत मोटा और लम्बा था.
मैं तो उससे डर कर कमरे से बाहर आ गई.
उस दिन के बाद तो मुझे भाई से थोड़ा डर लगने लगा.
एक बार की बात है पापा मम्मी किसी विवाह में गए थे, वहाँ से वे चार दिन बाद आने वाले थे.
उस दिन हम सारे बहन(behan) भाई एक कमरे में सो गए. मेरा भाई मेरे साथ सो गया.
रात को करीब दो बजे मैंने देखा की मेरे चूतड़ों पर कुछ चुभ रहा है, देखा तो मेरे भाई का लंड था जो उसकी(uski) पैंट से बाहर था.
मैंने देखा कि भाई तो सोया हुआ है तो मैंने उसे हाथ से हटाने के लिए छुआ तो मुझे वो सखत और प्यारा सा लगा, मुझे उसे छूने में मज़ा आ रहा था.
फिर मैं उससे थोड़ा दूर हो गई ताकि वो मेरे चूतड़ों को छुए ना !
फिर मैं सो गई, फिर 30 मिनट बाद वो फिर गांड में चुभ रहा था. अब मुझे पता चल गया कि भाई उसे जानबूझ कर चुभा रहा है.
मैंने सिर्फ सोने की एक्टिंग की !
उस दिन सिर्फ यही हुआ.
उससे अगले दिन भाई अपने किसी काम से बाहर चला गया.
मेरी गली का एक लड़का था वो मेरा बॉय-फ्रेंड था पर उसने(usne) आज तक ना तो मुझे किस किया और ना ही इसके अलावा कुछ और ! असल में मैंने ही उसे कुछ करने ही नहीं दिया. उसे पता लग गया था कि मैं घर पर अकेली हूँ तो उस दिन वो मेरा घर पर आया और मुझे किस करने लगा.
अब मेरा भी मन करने लगा.
तभी मेरा भाई आ गया और उसने(usne) हमें किस करते देख लिया लेकिन उस ऐसे नज़र अंदाज कर दिया जैसे कुछ देखा ही नहीं और अपने कमरे में चला गया.
इतने में वो लड़का वहाँ से चला गया.
उस रात को हम चारों बहन(behan) भाई ने मिलकर खाना खाया, मेरी दोनों बहनें अभी टी.वी देख रही थी, मैं और मेरा भाई सोने के लिए चल दिए.
मैं जाकर लेटने लगी कि तभी भाई आ गया और मेरे पास बैठ कर मुझसे बोला- मैंने सब देख लिया है कि तू आज क्या कर रही थी.
यह बात पापा और मम्मी को बता दूँगा.
मैं डर गई कि मैं अब क्या करूँ, मैंने भाई से कहा- तू भी तो करता होगा किसी लड़की के साथ ऐसा?
तो भाई ने कहा- मेरी ऐसी किस्मत कहाँ कि मैं किसी लड़की के साथ ऐसा करूँ. कोई लड़की मौका ही नहीं देती है.
मैंने कहा- लड़की कभी मौका नहीं देती, लड़के को ही मौका देख कर उस बाहों में भर लेना चाहिए.
तो भाई ने मेरा हाथ पकड़ा और कहा- अगर मैं किसी लड़की का हाथ ऐसे पकड़ लूँ तो इसके बाद क्या करना चाहिए?
‘तो उसका हाथ खींच कर उस अपनी बाहों में भर लेना और उसके(uske) होंठों को चूम लेना.’
इतना कहने की देर थी कि भाई ने मुझे अपनी बाहों भरा और मुझे किस करने लगा.
मैंने अपने आप को छुड़ाने की कोशिश की लेकिन छुड़ा नहीं पाई.
फ़िर उसने(usne) एक हाथ अपना मेरी चूची पर रखा दिया और दबा दिया. मैं सिसकार उठी लेकिन उसकी(uski) पकड़ से अपने आप को छुटा ना सकी और कुछ देर बाद मैं भी उसका साथ देने लगी, उसके(uske) साथ चूमाचाटी करने लगी.
फिर उसने(usne) मेरा टॉप उतार दिया.
मैं अब उसके(uske) सामने ब्रा में थी.
उसने(usne) मेरी ब्रा भी उतार दी, अब मैं अधनंगी हो चुकी थी. फिर वो अपने हाथों से मेरी चूचियाँ दबाने लगा और मेरी चूत पर अपना हाथ फिराने लगा.
मुझे कुछ ग्लानि महसूस हो रही थी कि वो मेरा भाई है, मैं उससे छुट कर दूसरे कमरे में आ गई और दरवाज़ा बंद कर लिया और दूसरे कपड़े पहन लिये.
वैसे मज़ा मुझे भी आ रहा था पर मैंने अपने आपको रोका कि वो मेरा भाई है. कुछ देर बाद मेरी दोनों बहनें सोने के लिए आ गई तो उन्होंने भाई से मेरा बारे में पूछा- जोया कहाँ पर है?
तू उसने(usne) कहा- वो दूसरे कमरे में है.
और मेरी दोनों बहनें सो गई.
मुझे भाई के सामने जाने में भी शर्म आ रही थी.
फिर मेरा भाई मेरे कमरे का दरवाजा खटखटाने लगा, उसके(uske) लाख बार कहने पर मैंने दरवाज़ा खोला और वो जल्दी से कमरे में आया और दरवाज़ा लगा दिया.
इससे पहले मैं कुछ कहती, उसने(usne) मुझे पकड़ा किस करने लगा.
मुझे पता चल चुका था कि आज मुझे चुदना ही पड़ेगा.
और फिर से उसने(usne) मेरी टॉप भी उतार दी और मुझे आधी नंगी करके मेरी चूत पर अपना हाथ फिराने लगा. मैंने उसे कहा- यह गलत है.
तू उसने(usne) कहा- तू ही तो कह रही थी कि लड़की कभी मौका नहीं देती, लड़के को ही मौका देखकर उस बाहों में भर लेना चाहिए. मैंने कहा- मैं तेरी बहन(behan) हूँ !
फिर उसने(usne) कहा- है तो तू लड़की !
वो ज्यादा ज़िद करने लगा तो मैंने कह दिया- ऊपर-ऊपर से कुछ भी कर ले उस ज्यादा मैं नहीं करने दूँगी.
उसने(usne) मेरी बात मानी और मुझे किस करने लगा, ऊपर से मेरी चूची को दबाने लगा और फिर थोड़ी देर बाद मेरी चूची को चूसने लगा.
मैं बहुत गर्म होने लगी और मुझसे फिर अपनी जींस उतारने को कहने लगा.
उसके(uske) ज्यादा जिद करने पर मैंने जींस उतार दी और उसने(usne) जल्दी से मेरी पैन्टी भी उतार दी.
अब मैं उसके(uske) सामने बिल्कुल नंगी थी.
उसने(usne) मेरी चूत में उंगली घुसा दी, मैं सिसकार उठी और वो उंगली ज़ल्दी-जल्दी अन्दर बाहर करने लगा जिससे मैं और गर्म हो गई. फिर उसने(usne) मुझे मेज पर बैठाया, इससे मेरी चूत और खुल गई और वो और वो झुक कर मेरी चूत को चाटने लगा.
उसकी(uski) इस हरकत से मुझे बड़ा मज़ा आया और मैं इसे और ज्यादा गर्म हो गई और उसके(uske) सिर पर हाथ फिराने लगी. काफ़ी देर तक मेरी चूत चाटी उसने(usne) और फ़िर अपना लंड निकाला.
मैं तो उस देख कर ही डर गई, वो 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था. उसने(usne) वो मेरी चूत पर लगाया तो मैंने कहा- मैंने कहा था कि सिर्फ ऊपर-ऊपर से कुछ भी कर सकते हो !
उसने(usne) कहा- दीदी, मैं वो ही तो कर रहा हूँ, मैं तो इस पर इसे फिरा रहा हूँ इसकी ऐसी किस्मत कहाँ कि आप जैसी सुन्दर लड़की की चूत मिले !
मैंने कहा- अच्छा.
मैंने जैसे ही यह बात कही, उसने(usne) लंड में बहुत तेज धक्का मारा और उसके(uske) लंड का टोपा मेरी चूत में घुस गया.
मुझे बहुत दर्द हुआ और मेरी चूत से खून निकलने लगा, मेरी आँखों से आँसू निकल गये.
मैंने उसकी(uski) पकड़ से छुटने की बहुत कोशिश की पर छुट नहीं पाई.
उसने(usne) एक धक्का और मारा जिससे उसका आधे से ज्यादा लंड मेरी चूत में घुस गया और मैं एक बार चीख पड़ी- अई…अई… मर गई ! फिर उसने(usne) एक और धक्का मारा और उसका सारा लंड मेरी चूत में घुस गया.
और उसने(usne) मुझे फिर से किस करना चालू कर दिया और तब तक करता रहा जब तक मैं नार्मल नहीं हो गई.
और तब फिर से लंड को अन्दर बाहर करने लगा, अब मेरी चूत में दर्द तो हो रहा था पर पहले जितना नहीं.
जब उसका लंड मेरी चूत के अन्दर जाता तो कभी-कभी मेरी बच्चेदानी की दीवार से टकराता जिससे मैं ‘आअअहह अअआहहह ऊई…’ कर रही थी क्योंकि मुझे दर्द होता था, वैसे अब मुझे मज़ा आने लगा था और लंड ने मेरी चूत में जगह बना ली थी.
अब तो भाई का हर धक्का मुझे बड़ा मज़ा दे रहा था.
फिर वो मुझे मेज से उठा कर बिस्तर पर ले गया और मुझे चूमने लगा और फिर से अपना लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया.
अब दर्द तो हो रहा था पर मज़ा भी बहुत आ रहा था, उसका मोटा लंड मेरी चूत की खुज़ली अच्छी तरह मिटा रहा था.
उस मुझे 20 मिनट तक चोदा और उसका माल मेरी चूत में निकल गया और मेरी भी साथ ही निकल गया.
मुझे पता नहीं था कि चुदाई में इतना मज़ा आता है वरना मैं तो कब की चुद जाती किसी ना किसी से ! मेरी सुंदरता के तो सारे लड़के दीवाने थे.
फिर भाई मेरी ऊपर ही सो गया और जब हमने आँखें खोली तो 2:00 बजे गए थे.
भाई फिर से मुझे गर्म करने लगा तो मैंने मना कर दिया, मुझे दर्द भी हो रहा था और चक्कर भी आ रहे थे.
फिर भाई उसी कमरे में सोने चला गया जिसमें मेरी बहनें सोई थी.
मैं पहले वाशरूम में फ्रेश होने गई और फिर आकर उसी कमरे में भाई के पास लेट गई.
भाई गहरी नीद में था !
सुबह मेरी बहन(behan) ने मुझे उठाया और मैं सही से चल भी नहीं पा रही थी तो उस ने पूछा -क्या हुआ?
मैंने कहा- पता नहीं, पैर में मोच आ गई है !
पर उसने(usne) मरी जींस पर खून देख लिया, वो बच्ची तो नहीं थी, सब समझ गई थी कि दीदी की सील टूट चुकी है.
जबसे मैं चुदी थी तब से मेरा मन किसी काम में नहीं लग रहा था.
रीना ने कहा- दीदी, भाई को चाय पीने के लिए जगा दो !
तो मैं भाई को जगाने के लिए चल दी.
मैंने भाई को जगाया तो उसने(usne) मुझसे पूछा- ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा है?
मैंने कहा- कहा था ना कि सब ऊपर-ऊपर से करना पर तूने मेरी सील भी तोड़ दी और मेरा घमण्ड भी कि मैं अपने पति के अलावा किसी से नहीं चुदाऊँगी. तेरा लंड बहुत मोटा था फिर भी मेरी चूत में चला गया, यह कैसे कर दिया तूने !
‘यह मेरे लंड का कमाल है.’ भाई बोला.
फिर हम सबने खाना खाया और मेरी बहनें अपने-अपने काम में लग गई. वो टी.वी देख रही थी, मैं रसोई में थी.
तभी भाई आया और पीछे आकर मेरे मम्मे बहुत तेज भींच दिए जिससे मैं चिल्ला उठी और यह आवाज मेरी रीना बहन(behan) ने सुन ली.
वो रसोई की तरफ आकर हमरी हरकत देखने लगी. तभी भाई ने मेरे कपड़े उतार दिए और एक मिनट में मुझे पूरी नंगी कर दिया और मेरी चूत को चाटने लगा जिससे मैं थोड़ी देर में गर्म हो गई और फिर उसने(usne) अपने लंड निकाला और मुझसे उसे चूसने के लिए कहने लगा.
मैंने पहले तो मना किया पर उसकी(uski) ज्यादा जिद करने पर चूसने लगी और फिर उसने(usne) मुझे घोड़ी बनाया और मेरी चूत में लंड घुसाने लगा.
मैंने उसे मना किया पर उसने(usne) अपने लंड पर अपना थूक लगाया और मेरी गांड में लंड लगा कर जोर लगाया और उसका लंड मेरी गान्ड में आधा घुस गया जिससे मैं क़राह उठी.
मैंने कहा- भाई तू मुझे मार ही डालेगा.
उसने(usne) मेरी बात अनसुनी की, एक बार और जोर मारा जिससे सारा लंड मेरी गांड में घुस गया और मैं दर्द के मारे आह…हआआ…आहहआ ऊईऊईऊई… करने लगी.
गाण्ड मरवाने में चूत जितना दर्द ही हो रहा था.
भाई ने 10 मिनट तक मेरी गांड की खूब चुदाई की और जब माल आने वाला था तू लंड निकलाकर कर सारा माल मेरे चेहरे पर गिरा दिया और बाद में मुझसे पूछा- मज़ा आया?
तो मैं लाज के मारे कुछ नहीं बोली और वाशरूम में अपने आप को ठीक करने के लिए जैसे ही उठी तो मैंने देखा कि रीना सब देख चुकी है. और वो मुझे वहाँ आता देख वहाँ से चली गई.
बाद में मैंने यह बात भाई को बताई तो भाई ने कहा- उसे भी चुदवा दे, उसका भी मन करता होगा किसी से अपनी चूत मरवाने का !
अब मैं समजहने लगी थी कि मेरे भाई पर सिर्फ मेरा हक़ है, मैं उसे किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहूँगी चाहे वो मेरी बहन(behan) ही क्यों ना हो, इसलिए मैंने कह दिया- वो बच्ची है, उसे बड़ी होने दे, तेरे लंड लेने लायक. तब मैं उससे बात करूंगी.

बॉस की सेक्रेट्री के साथ मस्ती

फ्रेंड्स में आज फिर से आप सभी के लिये एक और स्टोरी लेकर आया .ये स्टोरी एक परिवार की है जो कि अपने बॉस के साथ छुट्टियाँ बिता रहा है. इस परिवार मे एक 26 साल का एक मेहनती एंप्लायी है, जो कि एक कम्पनी मे काम करता है, लेकिन वो बहुत चालक भी है उसे पता था कि उसके(uske) बॉस के दिमाग़ मे क्या चलता रहता है उसे भी उसकी(uski) बॉस की तरह कंपनी मे एक ऊँचा मुकाम हासिल करना था. तो वो अब कुछ भी करने के लिए तैयार था. उसकी(uski) वाईफ उषा 21 साल की बहुत ही सुंदर थी लेकिन साथ मे बहुत आलसी वो घर का कम छोड़ कर टीवी और मेकप मे ही ज्यादा टाईम बिताती थी और हाँ हमेशा स्टेंडर्ड लाईफ जीने के सपने देखती थी. वो ज्यादा कामुक नहीं थी, बल्कि उसका दिमाग़ बच्चे जैसा था, वो अतुल की तरह समझदार और चालक नहीं थी.
एक बार अतुल के बॉस राघव जिनकी उम्र 37 साल थी, उससे उन्होंने पूछा कि कोई अच्छी जगह है क्या, जो पास हो मुंबई से, तो दो तीन दिन के लिए हम बाहर घूमने चलें, तभी अतुल ने झट से कहा कि उसके(uske) दोस्त का बगंला है. बॉस ने अतुल से कहा कि तुम्हे भी आना होगा अपनी वाईफ के साथ. तभी अतुल ने हाँ कर दी. जाते जाते बॉस ने कहा कि वो अतुल की वफ़ादारी से बहुत इंप्रेस है और प्रमोशन की सोच रहे है. अब अतुल खुश हो गया बॉस ने उसे 30,000 रुपये दिए और कहा कि ये लो, तभी अतुल ने लेने से इनकार कर दिया और कहा कि ये वो नहीं लेगा उसे रुपये की ज़रूरत नहीं है और जब ज़रूरत होगी तब ले लूँगा. घर आने के बाद अतुल ने सब उषा को बताया जिससे वो बहुत खुश हो गयी. अतुल ने समझाया कि उसके(uske) बॉस बहुत रंगीले किस्म के है उनसे बहस झगड़ा और नाटक मत करना और उनकी हाँ मे हाँ मिलाना बस दो दिन की बात है, उसके(uske) बाद कोई काम भी नहीं करना पड़ेगा तुम्हे.
फिर अगले दिन उषा और अतुल कार मे उसके(uske) बॉस के साथ गये. ड्राइवर के साईड मे अतुल पीछे की सीट पर लेफ्ट मे उषा उसके(uske) बाद बॉस और राईट मे बॉस की वाईफ अंजलि जिसकी उम्र 39 साल थी और वो मोटी थी. गोल चेहरा था और वो उषा और अतुल से कम बात करती थी, क्योंकि वो मिड्ल स्टेंडर्ड लोग थे. रास्ता आराम से एसी मे कट रहा था. थोड़ी दूर 45 मिनट के बाद बॉस ने कहा गाड़ी रोको मुझे पेशाब करना है, तभी ड्राइवर ने गाड़ी रोकी बॉस ने उषा को उतरने को कहा.
उषा उतर कर साईड दी बॉस उसके(uske) बाद साईड मे पेड़ पर पेशाब लगा उषा और अतुल देख रहे थे और बॉस की वाईफ अंजलि उन दोनो को देख रही थी. बॉस की लंबे पेशाब के बाद वो लंड को जोर से हिला रहा था, तभी उषा की आंखे फट गई और मुहं खुल गया लेकिन अतुल ने कुछ नहीं कहा उषा फिर से उठ गयी और बॉस के बैठने के बाद बैठ गयी.
तभी गाड़ी फिर स्टार्ट हो गयी बॉस ने कहा अतुल को की उसकी(uski) वाईफ बहुत सुंदर है और पूछा कि लव मैरिज है या अरेंज. बातों बातों मे उषा और अतुल के बारे मे हॉबीज, फेमेली सब कुछ पूछा. सबने रास्ते मे एक रेस्टोरेंट मे खाना खाया और शाम तक पहुंच गये. फिर 2-3 घंटे आराम करने के बाद सभी ने साथ मे बीच पर घूमने का प्लान बनाया बॉस ने कहा कि यहाँ तो कोई बिकनी गर्ल नहीं है. इससे अच्छा होता की हम गोआ जाते अतुल ने कहा कि ये अपना ही बीच समझिए और पैसे भी बच जाएँगे इस बात पर बॉस और अंजलि हंसने लगे और कहने लगे कि हम इतने अमिर है कि पैसे के बारे मै नहीं सोचते, ये हमारे शान के खिलाफ है. उषा को बहुत अफ़सोस हुआ ये समझ कर कि वो अमिर नहीं है और उसे जलन भी होने लगी. फिर बॉस ने कहा कि रात भर मस्ती करेंगे और दिन मे आराम करेंगे, अतुल भी बॉस की हाँ मे हाँ मिला रहा था. फिर रात को खाना खाने से पहले बॉस ने फरमाइश की कि उसे मुजरा या डांस देखना है, अतुल ने कहा कि ये मुमकिन तो नहीं है. इस पर बॉस नाराज़ हो गया अतुल ने झट से कहा कि मेरी वाईफ बहुत अच्छा डांस करती है उषा तभी सामने आ गई अतुल ने उषा से कहा कि तुम डांस करो बॉस देखना चाहते है.
उषा ने कहा कि उसके(uske) पास तो सिर्फ़ साड़ी है. बाकी सब तो घर पे भूल आई, बॉस ने कहा कि कोई बात नहीं अतुल का कोई ड्रेस पहन लो, अतुल भी कम कपड़े लाया था. अतुल ने कहा कि मेरा शॉर्ट कुरता है वो पहन लो उषा ने कुछ नहीं कहा फिर उसने(usne) पूछा नीचे क्या पहनूं तभी अतुल ने कहा की लेगी होगी तो पहन लो जीन्स मत पहनना और पेटिकोट तो बिल्कुल भी मत पहनना क्योंकि कुछ समझ मे नहीं आएगा की पैर किधर है. फिर अतुल उषा को अंदर लेकर गया और कुर्ता निकाल कर दिया, फिर अतुल ने उसको कहा कि ये मेरी लाईफ का गोल्डन चान्स है बॉस को अभी इंप्रेस किया तो हम मालामाल हो ज़ाएँगे. उषा ने कहा ठीक है में ऐसा डांस करूँगी की सब देखते रह जाएँगे. अतुल ने उषा को एक और बात कही कि अंदर कुछ मत पहनना उषा ने मना कर दिया. तभी अतुल ने उसे बहुत समझाया उषा मान ही नहीं रही थी. फिर बॉस की आवाज़ आई और अतुल बाहर आ गया.
फिर उषा कुछ देर सोचने लगी और बाहर आ गई. बॉस ने कहा कि बहुत देर लगा दी. उषा ने कहा थोड़ा प्रेक्टिस कर रही थी. बॉस ने कहा वाह गुड, उषा ने जो कुर्ता पहना था वो शॉर्ट तो था ही लेकिन बूब्स के कारण ऊँचा उठ गया था और ऐसा लग रहा था की मानो चूत दिख ही जाएँगी, अतुल को लगा था कि उषा ने अंडर गारमेंट्स पहना होगा, फिर उषा ने उसे इशारे से कहा कि उसने(usne) नहीं पहनी है अतुल बहुत खुश हो गया. दोस्तों ये कहानी आप कामुकता स्टोरीज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है.
उषा ने कहा कि ‘महेबूब मेरा महबूब मेरे’ गाने पर डांस करने वाली है. बॉस ने कहा चलो ठीक है. अतुल ने सीडी प्ले की और गाने के साथ डांस प्ले हुआ बॉस हैरान हो गये ये देखकर की अंदर भी कुछ नहीं पहना और लटके झटके से उनका हार्टबीट फास्ट होने लगा. बॉस, अंजलि और अतुल के होश ही उड़ गये, बॉस ने गुजारीश की वन्स मोर अतुल ने भी कहा वन्स मोर अंजलि बोली कि कुछ कमी है डांस मे, फिर उषा ने पूछा क्या, उसने(usne) कहा कि तुम्हारी बॉडी ठीक होनी चाहिए. बॉस खुश हो गया बोला” चलो में तुम्हे ठीक करके आता हूँ शावर के नीचे. मुझे भी बाथरूम जाना है.
अतुल हॉल मे ही बैठा रहा बॉस बाथरुम मे लेकर पहुंचा और कहा रूको में पेशाब कर लेता हूँ. फिर उषा ने देखा कि अतुल नहीं है तो वो बॉस को देखने लगी. बॉस ने कहा कि तुम्हे पेशाब करना है क्या? उषा ने कहा कि हाँ, बॉस बोला ठीक है, कर लो. उषा ने कहा कि उसके(uske) घर मे इंग्लीश टॉयलेट नहीं है कैसे करूं? बॉस ने उसे कहा कि में सिखाता हूँ. उषा को थोड़ा झुकाया और आंखे बंद करने को कहा. फिर उसके(uske) बाद पीछे से हाथ चूत को लगाया और कहा करो अब. उषा बॉस के हाथ पर पेशाब कर दिया उषा ने कहा सॉरी आप का हाथ गंदा हो गया. बॉस बोला कोई बात नहीं, तुम करो अच्छे से आराम से, बॉस हाथ धोने से पहले उंगलियों को चाट रहा था और स्मेल ले रहा था. उषा ने देखा और स्माइल दी.
बॉस ने शावर ऑन किया और उषा के ऊपर का कुर्ता गीला हो गया और बदन को पूरा चिपक गया. बॉस की नज़र जब उसके(uske) गांड पर भी पड़ी तो देखा कि कुर्ता भी पानी की वजह से थोड़ा गीला हो गया है और गांड पूरी नंगी हो गयी है. बॉस ने उषा से कहा कि तू बहुत कामुक लग रही है. उषा ने थेंक्स कहा, फिर हॉल मे पहुंचने के बाद बॉस ने उसका डर निकाला और उषा से कहा कि फिर से सेक्सी डांस करे, इस बार उषा टाँगे फैलाक़र नाचने कूदने लगी, कभी कभी बॉस के नज़दीक जाकर बॉस के सामने झुक जाती और बूब्स हिलाती. बॉस ने 15 मिनट तक डांस का मजा लिया. ये सब अंजलि को ठीक नहीं लग रहा था, वो ताना मारते हुए बोली लंड मे तो दम नहीं है फिर भी गांड मे चर्बी कितनी है. बॉस को गुस्सा आ गया और वो खड़े होकर गाली देने लगा कुत्ती कमिनी तुझे बुरा क्यों लगा. अंजलि बोली कितनी रंडीयों को चोदेगा, तुम्हारा पूरा खानदान चोदू है. दोनो के बीच झगड़ा बढ़ गया था.
बॉस ने अंजलि को एक तमाचा मारा बदले मे अंजलि ने बॉस के पैरो के बीच एक लात मारी, अब दोनो आउट ऑफ कंट्रोल हो रहे थे. फिर अतुल ने अंजलि को पकड़ कर रखा और बॉस को उषा ने. अतुल अंजलि को रूम मे ले गया और वो दोनो रूम मे ही रह गये. अतुल समझाने लगा अंजलि को की झगड़ा करने से कुछ नहीं होगा. उधर उषा ने बॉस को सोफे पर लिटा दिया और थाइस को सहला कर बोली” क्या दर्द है अभी भी, बॉस बोला नहीं आराम मिल रहा है. अंजलि ने अतुल से कहा कि वो जा रही है. यहाँ पर उसे अच्छा नहीं लग रहा है. अतुल ने पूछा क्यों? तो वो कहने लगी की यहाँ पर सर्विस कुछ नहीं है. अतुल ने मन मे सोचा कि खर्चे वाली बात कर रही है. फिर अतुल बोला कि उससे अच्छी सर्विस कोई और दे नहीं सकता, अतुल ने पूछा कि क्या चाहिए आपको अंजलि ने कहा कि वो पूल मे नहाना चाहती है लेकिन उससे पहले मसाज करवाना चाहती है. अतुल ने कहा कि मसाज के लिए अभी आदमी अरेंज करना मुमकिन नहीं होगा. अंजलि बोली कि उसे अभी जाना है और ज़िद करने लगी. अतुल बोला कि वो बहुत अच्छी मालिश करता है और कोई प्राब्लम नहीं होगी.
फिर अंजलि एक मिनट के लिए सोचने लगी और मान गयी. वहाँ पर बॉस फिर से उठकर बैठ गया, वो उषा के बूब्स को ही देख रहा था. फिर उसने(usne) उषा को बोला कि तुम्हारे बूब्स बहुत अच्छे है रोज आईने के सामने मालिश करती हो खुद को सुंदर बनाने के लिए. अंजलि बोली सर आप भी ना सच्ची बात पकड़ ही लेते है. बॉस बोला अभी पकड़ा कहाँ है, उषा बोली कि यहाँ टीवी है मूवी देखेंगे बॉस ने कहा कि उनके पास डीवीडी है, बहुत सारी स्पेशल है सिर्फ़ शादीशुदा लोगो के लिए. उषा ने पूछा क्या है उसमे बॉस ने उंगलियों से इशारे मे कहा कि चूत उषा को फिर भी नहीं समझ आया.
फिर उषा बोली में बाथरूम जाकर आती हूँ, बॉस ने कहा कि में भी आता हूँ बॉस ने कहा कि मुझे भी सू सू करना है. उषा बाथरूम मे गई और बॉस से कहा कि आप सू सू कर लो, बॉस ने कहा कि टाईम है तुम पहले कर लो. उषा ने कहा कि आप के साथ कैसे करूं बॉस बोला कुछ नहीं होता है. उषा इंग्लिश टॉयलेट पर बेलेंस करके बैठ गई जैसे देसी पर बैठती है. बॉस ने कहा कि ऐसे नहीं करते, उषा ने कहा कि प्लीज मुझसे दूसरे तरीके से नहीं होगा. बॉस ने भी ज्यादा फोर्स नहीं किया, बॉस ने पेंट मे हाथ डालकर लंड बाहर निकाला और मूठ मारने लगे. उषा पूछने लगी कि क्या कर रहे हो आप, बॉस ने कहा कि अंजलि की मार के कारण उसे थोड़ी तकलीफ़ हो रही है, इसलिए मालिश कर रहा हूँ. फिर बॉस ने मूठ मारना बंद किया और उषा के सामने सू सू कर दी. उषा ने कहा कि उसे कपड़े बदलने है, बॉस ने कहा कि बदल लो, उषा बोली नहीं आप के सामने नहीं प्लीज जाइए बॉस बोला अच्छा अच्छा ठीक है, में जाता हूँ बॉस बेड पर आकर लेट गया, उषा बेड रूम मे आकर बॉस को बोली कि क्या दर्द चला गया, बॉस बोला नहीं मसाज करना पड़ेगा. उषा बोली कि उसके(uske) पास पेन ऑयल है. बॉस तुरंत बोला कुछ भी लगा दो, उषा ऑयल लेकर बेड पर आ गई, उषा ने सिर्फ़ मेक्सी पहनी थी और अंदर एक पेंटी और ब्रा नहीं थी. बॉस के पास पहुंच कर बॉस को कहा कि ये लीजिए बॉस ने कहा कि तुम्हारे हाथो से ही लगा दो, उषा ने इनकार नहीं किया और बॉस की ज़िप खोल दी बॉस बोला कि पूरी पेंट निकाल दो.
फिर उषा ने देखा कि बॉस अंडरवियर नहीं पहनते तो उसने(usne) पेंट पूरी निकाल दी फिर उषा ने बॉस की शर्ट को भी ऊपर कर दी. बॉस बोला की बहुत अच्छा लग रहा है और उसने(usne) शर्ट भी निकाल दी, उषा के सामने बॉस पूरा नंगा हो गया, तभी अतुल तेल लेने सामने रूम मे आया.
फिर उसने(usne) देखा कि दोनो इस हालत मे है तो वो समझ गया की प्रमोशन का पूरा चान्स है. फिर उसने(usne) बॉस को पूछा, क्या आप ठीक है, बॉस ने कहा हाँ अतुल ने उषा को ठीक से मालिश करने के लिए कहा. उषा ने थोड़ा तेल हाथ मे लेकर बोतल अतुल को दे दी और फिर अतुल चला गया. उषा ने तेल हाथ मे मलकर लंड के ऊपर से नीचे तक दबाने लगी. बॉस तभी बोला थोड़ा आगे पीछे करती रहो, अतुल की मालिश कभी नहीं की क्या? अंजलि बोली कि नहीं की शादी को सिर्फ़ दो महीने हुए है. बोस बोला अच्छा ठीक है तुम्हे में बहुत कुछ सीखाऊंगा. उषा धीरे धीरे हाथ चलाती रही और बॉस हाथ मे पेपर लेकर लेटे लेटे पढ़ रहा था.
तभी उषा ने बात छेड़ी और पूछा कि आपकी वाईफ इतनी गाली क्यों देती है? बॉस ने कहा वो रंडी ऐसी ही है, उसे रोज़ कोई ना कोई कुत्ता चाहिए चोदने के लिए. उषा बोली कि उसको देख कर लगता भी है कि वो पागल है और किसी भी हद तक जा सकती है. बॉस बोला और तेल लगावो, बहुत अच्छा लग रहा है, फिर उषा बोली कि तेल नहीं है, अंजलि की मसाज के लिए अतुल लेकर गया है. बॉस बोला कि उसकी(uski) चूत के लिए तो पूरी बॉतल कम है, तू एक काम कर थोड़ा सा थूक लगा दे.
उषा बोली कि थूक पूरा हाथ मे लग जाएगा गंदा लगेगा. तभी बॉस बोला कि ठीक है सीधा मुहं ही लगा. तभी उषा ने कहा कि मुहं से मसाज कैसे होगी? बॉस बोला पेनिस का मसाज मुहं से ही करते है. अब उषा ने कहा कि उसे अच्छा नहीं लगेगा. बॉस ने कहा कि इससे औरतो की सुंदरता बड़ती है.
तभी उषा को लगा कि ट्राई करना चाहिए. फिर उषा ने हाँ कहा और मुंह मे लंड ले लिया और चूसने लगी. बॉस ने कहा कि सक करो प्रेशर से ब्लड सर्क्युलेशन अच्छा होगा, उषा ने कहा ठीक है और चूसने लगी वो ऐसे चूस रही थी जैसे लोलीपॉप. 15 मिनट के बाद बॉस बोला कि में झड़ने वाला हूँ क्या तुम रेडी हो? उषा ने हूंम्म कहा लेकिन मुहं से लंड नहीं निकाला वो चूसती गयी. फिर बॉस ने अहह कर आवाज़ निकाली और वीर्य मुहं मे चला गया. उषा ने बिना कुछ सोचे पी लिया. फिर बॉस ने पूछा कैसा था? उषा ने कहा कि मीठा भी नहीं और सॉल्टी भी नहीं, ये अजीब सा टेस्ट था. बॉस ने कहा कि चलो ठीक है, लेकिन आदत मत बना लेना, अंजलि तो रोज़ एक नौकर का वीर्य पीती है फिर भी तो उसे शांति नहीं मिलती. उषा ने कहा कि आपकी बीवी का कोई इलाज नहीं है, उसे जो भी चाहिए दे दीजिए. आगे की कहानी अगले भाग में .

सील तोड़ दिया शीला की

हेल्लो मेरा नाम रवि है में पेशे से डॉक्टर हूँ में चमड़ी कॉस्मेटिक और सेक्स रिलेटेड बीमारी का इलाज करता हूँ इस कारण मेरे पास जयादातर सुंदर लडकिय ही आती है मेरी उम्र 29 साल है मेने आज तक बहुत सेक्स किया और हर प्रकार का किया लेकिन में सेफ्टी का बहुत ध्यान रखता हूँ.
क्योकि आजकल सेक्स से होने वाली बीमारी बहुत ज्यादा हो गयी है इसलिए सेफ्टी में ही सबकी भलाई है अब में अपनी कहानी पर आता हूँ मेरे एक दोस्त है उनकी उम्र मेरे से काफी ज्यादा है वो मेरे नजदीक ही रहते है उनकी एक लड़की शीला है जिसने अभी बारह क्लास पास की है मेडिकल साइंस से,उसकी(uski) उम्र लगभग 18साल होगी दिखने में बहुत ही सुंदर है 45 किलो वजन. वाइट कलर. स्मार्ट, 5.2 लम्बाई है,फिगर 30- 26 -32 का है वैसे तो हम डेली साथ खेलते रहते थे लेकिन मेरा ऐसा कोई विचार नहीं था एक बार फरवरी में उसकी(uski) चूत में फंगल इन्फेक्शन हो गया जिस से वहां पर खुजली होने लगी,सफ़ेद पानी आने लगा और कुछ दाने निकल गए,उसकी(uski) मम्मी मुझे दिखाने के लिए लाई,मेने उसकी(uski) सलवार निकलवाई और चेक कर के उसको दवाई दे दी. इस तरह से वो ३ बार मेरे से दवाई लेके चली गयी लेकिन में उस बारे में ऐसा कुछ नहीं सोच रहा था,अब उसके(uske) एग्जाम ख़तम हो गए थे तो उसने(usne) प्रीमेडिकल एंट्रेंस का फॉर्म भर रखा था उसका सेंटर दिल्ली आ गया किस्मत ऐसे थी की जिस दिन उसका एग्जाम था उसके(uske) पिताजी की चंडीगढ़ में कोई मीटिंग थी इसलिए वो उसके(uske) साथ नहीं जा सकते थे. उन्होंने मेरे से रिक्वेस्ट की की आप शीला के साथ एग्जाम के लिए चले जाओ एक दिन की ही बात है,तो मेने भी हाँ कर दी, में और शीला शाम को अम्बाला से गुडगाँव वाली बस में बैठ गए करीब रात 9 बजे बस ने हमे धोलाकुन उतार दिया, हमारा सारा सफ़र लैपटॉप के सहारे पास हो गया,वहां जा कर हम दोनों कैंट में एक होटल में रूम में चले गए मेने लैपटॉप ओन किया और नीचें चला गया आर्डर देने के लिए में वापिस आया तो शीला लैपटॉप में इन्टरनेट पर कुछ देख रही थी,मेने टोवेल लिया और बाथरूम में चला गया वह मुझे ब्लू फिल्म की थोड़ी आवाज़ सुनाई दी में समज गया की शीला ब्लू फिल्म देख रही है लेकिन मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था.
थोड़ी देर में में बहार निकला तो शीला ने लैपटॉप बंद कर रखा था,इतनी देर में वेटर एक बियर,एक पेग व्हिस्की. कोल्ड ड्रिंक और आइस ले के आ गया. मेने बियर मग में डाली और पीना स्टार्ट कर दिया शीला बाथरूम में चली गयी फ्रेश होने के लिए. थोड़ी देर में शीला बहार आई तो उसने(usne) एक लूस टीशर्ट और एक निकर पहन रखा था. मेने उसको कोल्ड ड्रिंक दिया हम दोनों का ड्रिंक ख़त्म हुआ तो मेने खाना मंगवा लिया दोनों ने खाना खाया,फिर में बोला चलो शीला सो जाओ सुबह एग्जाम देना है,हम दोनों बेड पर लेट गए मुझे भी हल्का हल्का नशा होने लगा,थोड़ी देर में शीला ने अपना टॉपिक स्टार्ट कर दिया की मेरी चूत में खुजली क्यों होती है,पानी क्यों निकलता है और मेरे पास आ गयी,धीरे -धीरे टॉपिक सेक्स पर आ गया और बातो बातो में हम दोनों एक दुसरे से सट गए,मेने शीला को चूमना स्टार्ट कर दिया उसके(uske) गर्दन पर किस करना स्टार्ट कर दिया. एक हाथ से उसकी(uski) चूची दबाना स्टार्ट कर दिया. फिर उसको उठा के उसकी(uski) टीशर्ट निकाल दी और उसके(uske) मिल्की बूब्स को अपने मुह में ले लिया और दुसरे हाथ को उसकी(uski) पन्टी में डाल दिया उसकी(uski) चूत पे हलके हलके से बाल थे,मेने उसके(uske) क्लाइटोरिस को अपनी ऊँगली से रगड़ना शुरु कर दिया जिस से वो बहुत ज्यादा गरम हो गयी फिर मेने उसकी(uski) निकर और पन्टी को निकल के साइड में रख दिया. अब मेने अपने भी सारे कपडे निकाल दिए,वो आंख बंद कर के लेटी थी और सी-सी की आवाज़ निकाल रही थी फिर उसने(usne) मेरी चेस्ट को चूमना सुरु कर दिया अब मेने देखा की उसकी(uski) चूत एक दम गरम थी और उस से पानी निकलने के कारण चिकनी हो गयी थी,मेने उसकी(uski) चूत पे अपने होठ रख दिए और अपनी जीभ चूत के अंदर घुसा दी. इससे उसकी(uski) सिसकारी और तेज हो गयी अब उसने(usne) अपनी आंखे खोल दी और नीचे मेरे लिंग की तरफ देखा और खड़ी हो गयी,बोली मुझे और कुछ नहीं करना में मर जाउंगी,लेकिन मेरा सरुर बन चुका था और उपर से शीला एक कच्ची कली थी. फिर कैसे छोड़ता उसे. मेने ५ मिनट शीला को समझाया तो वो मान गयी लेकिन बोली धीरे-धीरे करना.
में उठा और बाथरूम से तेल की सीसी उठा के ले आया,तेल निकाल के शीला की चूतत में अंदर तक अच्छे से लगा दिया. फिर अपने 7-8 इंच के औजार पर तेल लगाया अब शीला की दोनों टांगे चोडी कर के उनके बीच में आ गया, एक टॉवल शीला की गांड के नीचे लगा दिया ताकि बेड गन्दा न हो सके,अपने लंड का सुपाडा शीला की चूत के सुराक पे लगा के उसकी(uski) दोनों टांगो को अपनी दोनों टांगो के बिच फंसा लिया और उस पर लेट गया. और उसके(uske) होठ अपने होठ में ले लिए अब एक जोर का झटका लगा दिया जिस से शीला चिल्ला उठी लेकिन उसके(uske) हिलने का कोई रास्ता नहीं था फिर मेने एक धक्का और लगाया और अब पूरा लिंग शीला के अंदर था. शीला रोने लगी मेने उसको समझाया की थोड़ी देर में सब ठीक हो जायेगा फिर धीरे-धीरे शीला नार्मल हो गयी और सेक्स के मज़े लेने लगी थोड़ी देर बाद दोनों का पानी छूट गया. मेने अपना लंड शीला बहार निकाला तो शीला देख के डर गयी की इतना खून कहाँ से आ गया इस पर,फिर मेने समझाया की रानी ये आपका ही है मेरा नहीं,फिर शीला ने नीचे देखा तो पूरा टॉवल लाल हो गया था फिर उसी टावेल से शीला की चूत को साफ़ किया और दोनों ने बाथरूम में जा कर धुलाई की फिर दोनों नंगे हो कर बेड पे लेट गए. थोड़ी देर में फिर काम सुरु हो गया इस बार शीला ने पूरा मज़ा लिया इस प्रकार हम दोनों सुबह के पांच बजे तक करते रहे और फिर अचानक आँख लग गयी और नंगे ही सो गये. में सुबह उठा तो देखा की साढ़े आठ हो गया था. 9 बजे से शीला का एग्जाम था,जल्दी से शीला को उठाया और दोनों बाथरूम में नहा के बिना ब्रेकफास्ट के ही निकल गए. सेंटर में पहूँच कर देखा तो साढ़े नो हो गए थे,शीला को एंट्री से मना कर दिया,फिर वहा पे मुझे एक सीनियर डॉक्टर दिखाई दिया मेने उस से बात की तो वो शीला को अंदर ले गया और एग्जाम में बैठा दिया.
बारह बजे शीला बहार आ गयी,तो डॉक्टर रवि मेरे सीनियर जिद करने लगे की आज मेरे पास रुक जाओ,फिर मेने मना किया लेकिन वो नहीं माने,फिर मेने शीला के पिता जी बात की तो वो बोले कोई नहीं रुक जाओ सुबह आ जाना,फिर दोपहर में लंच किया और तीनो सो गए,शाम को उठ कर रवि हमें घुमाने ले गया,रात को रवि के रूम पर आ कर हमने थोडा ड्रिंक किया,आज शीला ने भी थोड़ी बियर लगा ली थी,फिर मेने रवि से पूछा की शीला से एन्जॉय तो नहीं करना है रवि ने हाँ कर दी,फिर शीला से पूछा तो वो मान गयी हम दोनों के लिए,अब हमने खाना खाया और अपना पुराना काम शुरु कर दिया,उस कमरे में हम तीनो नंगे हो कर पूरा मज़ा ले रहे थे.
एक बार में शीला की चूत में अपना लंड डाल रहा था एक बार डॉक्टर रवि,हमने लैपटॉप में ब्लू फिल्म लगा रखी थी,एक बार करने के बाद तीनो बात करने लगे,फिर एक आईडिया आया की बारी बारी में मज़ा नहीं आया दोनों एक साथ करते है,मेने रवि को बोला की जेली लो,तो वो क्लिनिक से उठा लाया. फिर हमने दुसरे राउंड की शुरूवात की,इस बार हमारा प्लान शीला की दूसरी सील तोड़ने का था,शीला को गरम किया,हम दोनों भी गरम थे,अब रवि नीचे लेट गया शीला उसके(uske) लंड पर बेठ गयी,रवि का पूरा लंड शीला की चूत के अंदर था,अब शीला के बूब्स रवि की चेस्ट से लगे थे और उसकी(uski) गांड उपर साइड मेरी तरफ थी,शीला जम्प कर कर के मज़े ले रही थी फिर मेने शीला को बताया की शीला अब में तेरी गांड मारूंगा,थोडा दर्द हो सकता है,शीला ने हाँ कर दी,फिर मेने रवि को बोला की दोनों हाथो से शीला को कमर के पीछे से पकड़ लो,मेने क्रीम ली और आधी क्रीम शीला की गांड में डाल दी,फिर पांच मिनट उसकी(uski) गांड को रगडा,अब उसकी(uski) गांड चिकनी हो चुकी थी में शीला के पीछे बैठा और अपना लंड शीला की गांड के छेद पर लगा के उसके(uske) उपर लेट गया. फिर एक जोर का धक्का लगाया मेरा पूरा लंड शीला की गांड में बैठ गया और रवि का पूरा लंड शीला की चूत में था. इस प्रकार शीला सैंडविच की तरह दो लंडो के बीच थी. शीला की पिछली सील भी टूट चुकी थी लेकिन चिकनी होने के कारण उसे ज्यादा दर्द नहीं हुआ,फिर तीनो रिलैक्स हो गए थोड़ी देर बाद तीसरा ट्रिप स्टार्ट हो गया इस बार में आगे था और रवि पीछे. तीसरे ट्रिप के बाद में सो गया रात के 2 बज गए थे,रवि और शीला ने सुबह 5 बजे तक किया,फिर में उठ गया में और शीला नहाये और बस स्टैंड से अम्बाला की स्लीपर बस पकड़ के सुबह दस बजे अम्बाला पहूँच गए.
इस प्रकार दो रातो में शीला अपनी दोनों सील मुझसे तुडवा चुकी थी,अम्बाला आने के बाद तो हमारा डेली काम होने लगा. बीच-बीच में शीला सैंडविच बनने के लिए बोलती तो चंडीगढ़ जाना पड़ता था ग्रुप्सेक्स के लिए,इस प्रकार शीला एक अच्छी खिलाडी बन चुकी थी. मेरा दिल भी शीला के बिना नहीं रह पाता था लेकिन अब शीला ने बंगलोर में एडमिशन ले लिया तो हम नहीं मिल पाते है.
शीला मेरे साथ साथ लगभग दस से ज्यादा लंड ले चुकी थी जिसमे पांच इंच से दस इंच तक के लम्बे थे,में पहली बार ये अपनी कहानी बता रहा हूँ आपके विचार कहानी के बारे में जरुर लिखे.

Sunday, June 21, 2020

टीचर ने सिखाया चूदाई का ज्ञान

 मेरा नाम आशीष है और मेरी हाईट 6.5 है और मेरे लंड का साइज़ 8.1 इंच का है. फ्रेंड्स ये कहानी आज से चार साल पुरानी है. उस समय में 10th मे पढ़ता था और मेरी उम्र करीब 23 साल थी. मेरे स्कूल मे मेरी एक हिन्दी की टीचर थी और उनका नाम रुबिना था और वो बहुत सेक्सी थी और उसका फिगर 32-28-34 था और उनकी उम्र 25 साल की थी. में हिन्दी मे बहुत ही वीक था, इस कारण मेडम मुझे बहुत अच्छे से पढ़ाया करती थी.
मेरे बहुत डल होने से में मेडम के घर पर पढने भी जाने लगा था. वहाँ पर सिर्फ़ में अकेला ही जाता था. तभी एक दिन मेडम घर मे अकेली थी, में पढने के लिये बैठ गया था और तभी मेडम एक सेक्सी सी साड़ी मे वहाँ पर आई उनको ऐसे देखकर अब मेरी पेंट तम्बू बन गई थी. तभी मेडम ने आकर मुझसे पूछा कि तुम इतना घूर कर क्या देख रहे हो. तभी मैने उनको कहा कि मेडम आज आप बहुत खबसूरत लग रही हो. उन्होंने मुझे कहा थेंक्स और आकर कुर्सी पर बैठ गयी थी और मै नीचे जमीन पर बैठा था, तभी मैं उनकी चूत देख रहा था और थोड़ी देर बाद मेडम ने कहा कि तुम आज पड़ाई मत करो, आज हम थोड़ी गपशप करते है.
अब ये सुनते ही मैं बहुत खुश हो गया था. तभी मैंने बातो बातो में उनके बूब्स घूरता तो कभी कभी उनके पीठ पर हाथ मारता था. लेकिन वो मुझे कुछ नहीं बोलती थी, अब मैंने थोड़ी हिम्मत करते हुए मेडम से पुछा कि मेडम सेक्स क्या होता है, अब वो ये सुनते ही बहुत ही शॉक हो गई थी और कहने लगी कि ये शब्द तुमने कहाँ से सुना है. अब मैने कहा कि आपको देखकर मेरी पेंट में बहुत कुछ होने लगता है और मेरे दोस्त ने कहा था कि ये सेक्स करना चाहता है, तो आप बताइए कि ये सेक्स क्या है. अब मेडम मुझसे कहने लगी कि तुम सीखना चाहते हो क्या? अब मैने सुनते ही कहा हाँ, तभी वो बोली ठीक है तो सुनो सेक्स क्या होता है. जब एक मेल अपना लंड फिमेल की चूत मे डालता है. तभी मैने कहा कि मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है. चलो हम प्रेक्टिकली ट्राई करते है प्लीज़ और मेरे फोर्स करने पर वो मान गई और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुमने कभी सेक्स देखा है. अब मैने कहा हाँ मर्डर फिल्म में देखा था. तभी वो बोल वैसा ही तुम मेरे साथ अब करो यह बात सुनकर मैं बहुत खुश हो गया था.
अब मैने मेडम को अपनी बाँहों में भर लिया और मेडम ने अपनी आँख बंद कर ली और लम्बी लम्बी साँसे लेने लगी. अब मैं किस देने लगा था और अब वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी थी और फिर किस करते हुए मैंने उनका पल्लू नीचे गिरा दिया था और अब वो बहुत गर्म हो चुकी थी. तभी मैंने उन्हें कहा कि मैने सिर्फ़ इतना ही देखा है, तभी वो कहने लगी कि तुम अब मेरे बूब्स को दबाओ और सहलाओ, अब मैं ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा था. तभी वो बोली कि अब तुम मुझे पूरा नंगा करो, अब मैंने पहले उनका ब्लाउज और ब्रा निकाली और बाद मे पेटीकोट और पेंटी भी मैने पूरी निकाल दी.
अब वो बोली कि अब बूब्स को और चूत को अपने मुहं मे ले कर चूसो. अब मैं तो उनके गौरे और मोटे बूब्स देख कर पागल हो गया था. अब मैंने पहले लेफ्ट बूब्स को मुहं मे लिया और चूसने लगा. अब वो सिसकारियां लेने लगी थी और फिर मैं अब बूब्स की निप्पल को काटने लगा था और मेडम तो जैसे नशे में थी. फिर थोड़ी देर बाद चूसने के बाद मैंने अपना हाथ उनकी चिकनी चूत पर रखा तो वो बहुत ही पिंक थी और हल्के से बाल वाली थी और अब मैं उनकी चूत सहलाने लगा था.
तभी अचानक वो उठ गई और बोली, तुम अभी भी कपड़ो मे हो क्या, तो मैं बोला हाँ, तो वो कहने लगी कि तुम अब सीधे खड़े रहो, अब मैं खड़ा हो गया और वो मेरे पास आई और उन्होंने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और बाद मैं मेरी जींस भी निकाल दी और अब मेरा लंड अंडरवियर से बाहर आने को तड़प रहा था. अब वो कहने लगी कि देखो ये लंड है और इसकी वजह से सेक्स पूरा होता है. इस लंड को चूत में डाला जाता है अब बाकि मै तुम्हे अभी दिखा दूंगी और फिर ये बोलकर वो मेरी अंडरवियर उतार कर लंड को मुहं मे लेकर बड़े मजे से चूसने लगी थी. अब मुझे बहुत अच्छा फील होने लगा था और मैने कहा कि आपके ऐसे करने से मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.
अब वो कहने लगी कि ये तुम्हारा लंड कितना बड़ा है. ये तो शायद 8 इंच का होगा. तभी मैं बोला अच्छा मुझे इसके बारे मैं कुछ नहीं पता है, तभी वो बोली कोई बात नहीं मैं तुम्हे सिखा दूंगी. अब उसके(uske) बाद थोड़ी देर बाद लंड को चूसने के बाद अब वो कहने लगी कि अब तुम मेरी चूत को चूसो और अब फिर मैने बिना देर किए मेडम की चूत के पास अपना मुहं ले गया और अब चूत को चाटने लगा था और वो तो बस चुपचाप बेड पर पड़ी पड़ी हल्के सी सिसकारियाँ लेने लगी थी. अब वो कहने लगी कि तुम अब मेरी चूत के छेद मे अपनी उंगली डालो.
फिर मैंने तोड़ा थूक अपनी छोटी ऊँगली पर डाला तभी वो चोंक गयी. अब मैं डर गया था और अब उन्हें पूछने लगा क्या हुआ. तभी वो बोली कुछ नहीं ऐसा ही मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ था क्योकि ये आज पहली चीज़ है जो मेरी चूत के अंदर जा रही है और सही मे मेडम की चूत बहुत टाइट थी, लेकिन मैं जोर जोर से अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा था और वो तो पागल हुई जा रही थी. तभी कुछ देर बाद उनकी चूत से पानी निकलने लग गया . अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम इसे पीयो मैने चूत का सारा पानी पी लिया और फिर थोड़ी देर बाद वो बोली अब तुम सीधे लेट जाओ.
अब मैं सीधा लेट गया था और उन्होंने लंड के पास आकर लंड को चूसना शुरू किया, अब उन्होंने पूरा लंड मुहं मे डाल लिया था, लेकिन पूरा लंड मुहं में डालते ही अब उनकी सांसे रुक सी गई थी, तभी वो लंड को आगे पीछे करने लगी थी और फिर 10 मिनट के बाद उन्होंने लंड को मुहं से बाहर निकाला और लंड पर तेल लगाने लगी थी और कहने लगी कि तुम अब इस लंड को मेरी चूत मे डाल दो. अब मैं खड़ा हो गया और अब मै लंड चूत मे डालने को तैयार हो गया और अब वो बेड पर चुपचाप लेटी हुई थी. तभी मैंने चूत के मुहं पर लंड रख दिया था और चूत मै डालने लगा, तभी वो कहने लगी कि में चाहे जितना भी चिल्लाऊँ तुम नहीं रुकना ठीक है. बस तुम तो चूत मे लंड को रख कर जोर जोर से धक्के देना. तभी मैने चूत के होल पर लंड रखा और एक हल्का सा धक्का दिया तो लंड का मुहं थोड़ा सा अंदर चला गया था और फिर अब मैने एक ज़ोरदार घक्का दिया तो चूत मे आधा लंड अंदर चला गया. लेकिन चूत के अंदर लंड के जाते ही मेडम बहुत जोर से चिल्लाने लगी और रोने लगी, मैं बिना कुछ सुने चोदता रहा. अब मैने तीसरा ज़ोरदार धक्का दिया तो मेरा पूरा का पूरा लंड चूत के अंदर चला गया.
लेकिन अब चूत से बहुत खून बहने लगा और तभी मैने स्पीड कम की और बिना रुके धीरे-धीरे चोदने लगा था. अब थोड़ी देर बाद वो भी दर्द भूल कर मज़े लेने लगी थी और कहने लगी कि चोदो और चोदो जोर से फाड़ दो इसे और उसके(uske) मुहं से हाह्ह्ह्ह मरी अहहह और जोर से चोदो प्लीज़ रूको नही और जोर से, तभी मेरा निकलने वाला था. कुछ देर बाद मे वो झड़ गयी थी और काँपने लगी. अब में उससे बोला कि क्या हुआ आपको तभी वो कहने लगी कि कुछ नहीं तुम बस चोदते रहो. अब कुछ देर बाद मेडम का फोन आया तो मैं तोड़ा रुक गया. वो फोन पर उनकी मम्मी से बात कर रही थी, मम्मी ने कहा कि वो आधे घंटे मे घर पर वापस आ रही है. अब वो कहने लगी कि तुम जल्दी से अपना काम खत्म करो प्लीज़, अब मैं हाईस्पीड मे उन्हें चोदने लगा था. अब मैंने अपने एक हाथ से उनके बूब्स पकड़ लिये और दबाने लगा था. अब कुछ देर बाद फिर मैं भी झड़ने वाला था तभी मैने उन्हें कहा कि मै अब झड़ने वाला हूँ. लंड से वीर्य निकल रहा है आप कहो कहाँ पर निकालूं. तभी वो कहने लगी कि मै तुम्हारा वीर्य पीना चाहती हूँ. अब मैने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और मेडम के मुहं मे रख दिया और पांच मिनट मे लंड से पूरा वीर्य उनके मुहं मैं डाल दिया. अब मेडम पूरा वीर्य चूस चूस कर पी गई और पुरे लंड को चाट कर साफ किया.
अब वो मुझे थेंक्स कहने लगी और कहने लगी, आज तुमने बहुत अच्छे से मेरी चूत को चोदा है. तभी मैने कहा कि थेंक्स मुझे बोलना चाहिए. क्योंकि आज आपने मुझे पूरा सेक्स करना सिखाया है और फिर हम लोग अपने कपड़े पहकर बैठ गये थे. उस दिन से हम लोग रोज सेक्स करने लगे थे, जब कभी भी हमे मौका मिलता हम लोग पढ़ाई से पहले एक बार सेक्स जरुर करते थे. अब तक मैने कई बार उनकी गांड भी चोदी और वो बड़े मजे से चुदवाती थी.

प्यासी मम्मी को मिली यौन संतुष्टि

कल रात करीब बारह बजे मैं और मम्मी बुरी तरह थक कर अपने अस्त-व्यस्त बिस्तर पर लेटे हुए थे.
मम्मी को तो कुछ क्षण पहले ही नींद आई थी लेकिन मैं अभी भी उसके(uske) आने की प्रतीक्षा कर रहा था जब मुझे अपने बचपन की कुछ यादों ने घेर लिया.
वे यादें लगभग पन्द्रह वर्ष पहले से शुरू होती हैं जब मैं अपने माता पिता तथा दादी के साथ गोवा के एक शहर सिओलिम में रहता था.
तभी एक दिन हमारे परिवार को एक ऐसा आघात लगा जिसे मैं आज तक भुला नहीं पाया हूँ और शायद पूरा जीवन नहीं भुला पाऊंगा.
उस दिन मेरी माँ ‘नैन्सी’ बाज़ार से कुछ सामान लेने के लिए गई थी और लौट कर कभी वापिस नहीं आई क्योंकि एक सड़क दुर्घटना में उसे अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा.
उस समय मेरी दादी ने ही मुझे माँ जैसा लाड़-प्यार दे कर मेरे जीवन में आई माँ की कमी के दुख से उबारा था.
लेकिन शायद ऊपर वाले को यह भी मंज़ूर नहीं था इसलिए तीन साल बाद वृद्धावस्था में हुई बीमारी के कारण दादी को भी शरीर त्यागना पड़ा.
इस सदमे से मैं भी कुछ दिनों के लिए बीमार पड़ गया था जिसके लिए पापा को अपना काम छोड़ कर मेरी देखभाल के लिए घर पर ही रहना पड़ा था.
दादी के गुज़र जाने के बाद मेरी देखभाल में एवं घर के रख रखाव में कई तरह की समस्याएं आने लगी जिन्होंने पापा को बहुत ही परेशान कर दिया और उन्हें काम में भी नुक्सान होने लगा था.
उस समय इन सभी समस्याओं से निपटने के लिए मेरे इकतालीस वर्ष के पापा ने अपने दोस्तों एवं सगे सम्बन्धियों की राय पर एक गरीब घर की इक्कीस वर्षीय लड़की ‘मम्मी’ से शादी कर ली.
जब मम्मी ने घर में प्रवेश किया तब उसके(uske) व्यवहार में मेरे प्रति न तो कोई ममता थी और न ही मुझे उसमे कोई नम्रता या अपनापन ही दिखाई दिया था.
पापा की गैरहाजरी में तो वह मुझ पर हुक्म चलाती रहती थी और स्कूल से घर वापिस आने के बाद वह मुझे कुछ खाने पीने को देने के बजाय अपने बहुत से काम ही करवाती रहती थी.
एक दो बार जब मैं पढ़ाई कर रहा होता था तब मैंने उसके(uske) द्वारा बताये गए काम करने से मना कर देने पर उसने(usne) मुझे मारा भी.
जब मैंने पापा से मम्मी की शिकायत करी और बताया उसके(uske) आदेशों के कारण मेरी पढ़ाई में विघ्न पड़ता है तब उन्होंने मम्मी को समझाने का आश्वासन दिया और मुझे धैर्य रखने के लिए कहा.
शायद उसी रात को पापा ने मम्मी को भी समझाया होगा क्योंकि उस दिन के बाद से ही उसके(uske) व्यवहार में बदलाव आ गया और उसने(usne) मुझ पर हुक्म चलाने बंद कर दिये.
धीरे धीरे मम्मी से मेरे रिश्ते सुधरने लगे और दोनों में कुछ कुछ दोस्ती भी होने लगी थी लेकिन मैंने उसे कभी माँ का दर्ज़ा नहीं दिया और हम दोनों एक दूसरे को नाम से ही पुकारते थे.
क्योंकि मम्मी स्कूल एवं कॉलेज में अन्य लड़कियों को सिंगार एवं फैशन करते हुए देखा था लेकिन गरीबी के कारण खुद नहीं कर सकी थी इसलिए वह अपनी हसरतें शादी के बाद पूरा करने की चेष्टा करती थी.
उसकी(uski) चेष्टा को पूरा करने में कोई मार्गदर्शक नहीं होने के कारण वह अनजाने में कई बार मेरे सामने ऐसी हरकत कर देती थी जिसे उसे सिर्फ अपने पति के सामने ही करनी चाहिए थी.
मुझे अबोध समझ कर वह अक्सर मेरी उपस्थिति की परवाह किये बिना ही अपने कपड़े बदल लिया करती थी तथा अपनी जाली वाली पारदशी ब्रा और पैंटी पहन कर घर में घूमती रहती थी.
कई बार तो वह नहाने के बाद बाथरूम से सिर्फ पैंटी में ही बाहर आ जाती थी और टॉपलेस ही घर का काम करती रहती थी.
पापा को दिखाने के लिए वह कई बार मुझे माँ की तरह पूरा नंगा करके नहलाती तथा कपड़े पहना कर स्कूल के लिए तैयार भी करती थी.
नहलाते समय जब वह मेरे शरीर पर साबुन लगाती तब विशेष रूप से वह मेरे लिंग को अच्छी तरह से मसलती और उसके(uske) ऊपर की त्वचा को हटा कर उसके(uske) अन्दर से भी साफ़ करती थी.
अबोध बालक होने के कारण नग्नता और यौन क्रियाओं के बारे में अनभिज्ञ होने के कारण मैं वह सब कुछ कौतूहलवश देखता ही रहता था.
लेकिन जब मम्मी मेरे लिंग को मसलती और उसकी(uski) ऊपर की त्वचा हटा कर उसकी(uski) सफाई करती तब मुझे बहुत अच्छा लगता था.
मेरी इच्छा तो होती थी कि मम्मी मुझे रोज़ नहलाये और मेरे लिंग के साथ खेले क्योंकि उसमें होने वाली गुदगुदी से मुझे बहुत आनन्द मिलता था.
लेकिन वह सिर्फ शनिवार और रविवार को ही ऐसा करती थी क्योंकि बाकी दिन वह मेरे लिए स्कूल में साथ ले जाने का खाना बनाती रहती थी.
पापा और मम्मी की शादी के चार माह बाद जब मेरी गर्मी की छुट्टीयाँ हुई तब मैं पूरा दिन घर पर ही रहता था और दोपहर के समय मम्मी मुझे अपने साथ ही सुला लेती थी.
क्योंकि मुझे एवं मम्मी को गर्मी बहुत लगती थी इसलिए दोपहर को सोते के समय वह मेरे और अपने सभी कपड़े उतार कर दोनों पूर्ण नग्न हो कर सोते थे.
मैं अधिकतर मम्मी से चिपक कर सोता था और मेरा एक हाथ उसके(uske) एक स्तन पर तथा मेरा एक घुटना उसके(uske) जघनस्थल पर अवश्य रखा रहता था.
मेरे ऐसे सोने पर उसने(usne) कभी भी कोई आपत्ति नहीं की थी क्योंकि ऐसे में उसके(uske) एक हाथ में मेरा लिंग आ जाता था जिसे वह सहलाती रहती थी.
हम दोनों को इस तरह साथ रहते एवं सोते हुए पांच वर्ष बीत गए और उस अवधि में मुझ में मम्मी के प्रति कभी भी वासना की भावना उत्पन नहीं हुई.
लेकिन इन पांच वर्षों में धीरे धीरे मम्मी के रहन-सहन तथा पहनावे में काफी अंतर आ गया था और अब वह अधिक नग्न भी नहीं रहती थी.
ख़ास कर दोपहर को सोते समय मम्मी नाइटी पहन कर ही सोती थी लेकिन मैं तब भी पूर्ण नग्न हो कर उसी तरह उसके(uske) साथ चिपक कर सोता था.
मम्मी द्वारा मेरे लिंग को निरंतर सहलाने एवं मसलने के कारण मेरा लिन्ग पांच इंच लम्बा और डेढ़ इंच मोटा हो चुका था.
सिओलिम में पढ़ाई करने के बाद मेरे पापा ने मुझे आगे की पढ़ाई के लिए मापुसा के एक स्कूल में भेज दिया.
हायर सेकेंडरी की दो वर्ष की पढ़ाई मापुसा में करने के बाद उन्होंने मुझे अगले चार वर्ष के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए मैंगलोर भेज दिया.
इन छह वर्षों में छुट्टियों में मैं घर तो आता था लेकिन मेरे रहन-सहन में बदलाव के कारण मैं दिन के समय घर पर कम और स्कूल के दोस्तों के साथ अधिक रहता था.
साढ़े इक्कीस वर्ष की आयु में जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर के छह वर्ष बाद घर लौटा तब बत्तीस वर्षीय मम्मी को देखा तो दंग रह गया.
वह अभी भी अत्यंत गोरे वर्ण की बहुत ही आकर्षक एवं कमसिन युवती ही लगती थी लेकिन उसके(uske) गदराये शरीर के कुछ महत्वपूर्ण अंगों में भराव आ गया था.
मम्मी का वक्ष का माप ‘चौंतीस ए’ से बढ़ कर ‘चौंतीस डी’ हो गया था और कूल्हों का नाप ‘चौंतीस’ से बढ़ कर ‘छत्तीस’ हो गया था लेकिन उसकी(uski) कमर का नाप पहले जैसा छब्बीस ही था.
उसके(uske) गाल भर गए थे तथा चेहरे पर बहुत रौनक दिखाई देती थी और जब वह मुस्कुराती थी तब गालों के डिंपल कुछ अधिक गहरे दिखते थे.
वह हमेशा बिना बाजू वाला फ्रॉक पहने रहती थी जिसमे से उसकी(uski) सुन्दर सुडौल, लम्बी और मांसल बाजू, टाँगें एवं जांघे तथा गोल नितम्बों ने उसे बहुत ही आकर्षक बना दिया था.
उसके(uske) फ्रॉक का गला बहुत खुला एवं नीचा होता था जिस के कारण उसके(uske) दोनों उरोजों के बीच की गहरी दरार दिखती थी और किसी भी पुरुष को उसकी(uski) ओर निरंतर देखते रहने को विवश कर देती थी.
क्योंकि पापा ने अपने काम को और अधिक बढ़ाने के लिए मैंगलोर में एक नई कार्यशाला बना रहे थे इसलिए मेरे घर पहुँचने के दुसरे दिन से ही उन्होंने मुझे भी अपने साथ काम में लगा लिया.
लगभग एक माह के बाद जब मैंने सिओलिम में स्थित कार्यशाला का पूरा काम सम्भाल लिया तब पापा मैंगलोर में लगाई नई कार्यशाला के काम के लिए वहाँ चले गए.
अब मैं और मम्मी ही सिओलिम वाले घर में रहते थे और वह सुबह उठ कर मेरे लिए चाय नाश्ता बनाती तथा दोपहर का खाना कार्यशाला में भेज देती.
अधिक काम होने के कारण मैं अक्सर रात को देर से घर आता था और आते ही खाना खा कर सो जाता था तथा सुबह जल्दी उठ कर काम पर चला जाता था.
हाँ, सिर्फ रविवार का ही दिन होता था जिस दिन मैं सुबह देर तक सोता रहता था और मम्मी ही मुझे उठाती थी तथा उस दिन ही उससे मेरी कोई बात होती थी.
एक माह ऐसे ही गुजर जाने के बाद एक रविवार को मम्मी मुझे उठा रही थी तभी उसे बाहर तरकारी वाले की आवाज़ सुनाई दी. उसने(usne) मुझे कन्धों से पकड़ कर झिंझोड़ा और उठने के लिए कहते हुए तरकारी लेने के लिए तुरंत बाहर चली गई.
क्योंकि मैं जाग चुका था इसलिए बिस्तर से उठते ही बाथरूम में जा कर अभी शौच करना शुरू ही किया था कि मम्मी बहुत तेज़ी बाथरूम में घुस आई और मुझे कमोड पर बैठे देख कर कहा– अच्छा तुम यहाँ बैठे हो? कोई बात नहीं तुम आराम से निवृत हो लो, तब तक मैं यहाँ नाली के पास ही निवृत हो लेती हूँ.
इससे पहले कि मैं कुछ कह पाता उसने(usne) नाली के पास पहुँच कर अपनी फ्रॉक कमर तक ऊँची करी और अपनी पैंटी नीचे कर के नाली के पास बैठ गई.
मैं शौच करना भूल कर मम्मी की गोरी गोरी लम्बी टांगें, मांसल जांघें, गोल नितम्बों को और उसके(uske) मूत्र-छिद्र से शूह्ह्ह… शूह्ह्ह… की आवाज़ करती हुई मूत्र की धारा को ही देखता रह गया.
जब उसके(uske) मूत्र-छिद्र से मूत्र निकलना बंद हो गया लेकिन फिर भी मम्मी वहाँ से नहीं उठी तब मैंने ध्यान से देखा तो पाया कि उसकी(uski) योनि में से खून निकल रहा था.
मैं समझ गया कि उसकी(uski) माहवारी आ गई है लेकिन अनभिज्ञ बनते हुए बोला– मम्मी यह क्या! तुम्हारे मूत्र के साथ से खून भी निकल रहा है. क्या कोई तकलीफ है? क्या तुमने डॉक्टर को दिखाया है या उससे परामर्श किया है?
मेरे प्रश्नों के उत्तर में मम्मी बोली– अरे नहीं पीटर, ऐसी कोई बात नहीं है. यह सब मासिक धर्म के कारण खून आ रहा है. इसमें परेशान होने की कोई बात नहीं है, क्योंकि पांच दिनों में यह ठीक हो जाएगा.
उसकी(uski) बात सुन कर मैं चुप हो गया और शौच पूरा हो जाने के कारण मैंने अपने गुदा को धोकर उठ खड़ा हुआ. क्योंकि मेरा ध्यान मम्मी की टांगें, जांघें, नितम्बों और जघन-स्थल की ओर था इसलिए मेरे बिना पड़े कपड़ों को ऊपर किये ही खड़ा होते ही मेरा सात इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा तना हुआ लिंग मम्मी के सन्मुख था.
मेरे लिंग को देखते ही मम्मी ने अचंभित होते हुए कहा– हे भगवान, पीटर तुम्हारा लिंग तो काफी बड़ा हो गया है. जब मैंने इसे आखरी बार देखा था तब तो यह साढ़े चार से पांच इंच का ही था. अब तुम पूरे जवान हो गए हो और लगता है कि मैंगलोर में तुमने जवानी की मस्ती का आनंद लेने के लिए इसकी बहुत मालिश करी होगी.
मम्मी की बात सुन कर मुझे बोध हुआ कि मैं उसके(uske) सामने नग्न खड़ा था इसलिए शर्माते हुए अपने पजामे को ऊपर करते हुए वहाँ से अपने कमरे में चला गया.
कुछ देर के बाद मम्मी मेरे कमरे में आई और मेरी आँखों में झांकते हुए देखा और कहा– पीटर, इसमें शर्माने की क्या बात थी? छह वर्ष पहले तो तुम पूर्ण नग्न हो कर मेरे साथ सोते थे और मैं तुम्हारे इसी लिंग को सहलाती और मसल दिया करती थी. मैंने उत्तर दिया– मम्मी, तब मैं उम्र में छोटा था तथा मुझे इन अंगों के और यौन संबंधों के बारे में कुछ भी पता नहीं था. लेकिन अब मापुसा और मैंगलोर में रहने के बाद दोस्तों से कुछ पता चल गया है इसलिए शर्म आ गई थी.
मेरी बात सुनते ही मम्मी ने पूछा– एक बात बताओ, अगर मैं अभी तुम्हें पूर्ण नग्न करके नहलाना चाहूँ तो क्या तुम नहाने के लिए तैयार हो? अगर मैं पूर्ण नग्न हो कर तुम्हे अपने पास सुलाना चाहूँ तो क्या तुम पूर्ण नग्न हो कर मेरे पास सोने के लिए तैयार हो? उसकी(uski) बात सुन कर मैं असमंजस में पड़ गया कि क्या कहूँ और बगले झाँकने लगा तब वह जोर से व्यंग्यात्मक हंसी हंसते हुई बोली– मुझे मालूम था कि तुम्हारे पास मेरे इन प्रश्नों का कोई उत्तर नहीं होगा.
मम्मी की व्यंगात्मक हंसी और कथन ने मेरे अहम को ललकारा और मैंने झट से कहा– ऐसी कोई बात नहीं है. जब मुझे तुम्हारे सामने पहले नग्न होने में कोई आपति नहीं थी तो अब क्यों होगी. अभी बाथरूम में भी तो तुम्हारे सामने मैं लगभग पूर्ण नग्न ही था. लेकिन एक बात स्पष्ट करना चाहूँगा कि अगर उस हालत में अगर मुझसे तुम्हारे साथ कुछ अनैतिक हो गया तो मुझे दोष मत देना. मेरा उत्तर सुन कर मम्मी मुस्कराते हुए दरवाज़े तक गई और मुड़ कर बोली– ठीक है, जब ऐसा कुछ होगा तभी देखेंगे. अभी तो मेरे पास समय नहीं है, बहुत काम है करने को. मैं डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा रही हूँ तुम जल्दी से दांत साफ़ कर के वहां आ जाओ. उस दिन के बाद पूरा सप्ताह हम दोनों के बीच में काम के अतिरिक्त और कोई बात नहीं हुई.
लेकिन सप्ताह के अंत में शनिवार की रात को खाना खाने के बाद जब मैं अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था तब मम्मी मेरे पास बैठ कर बातें करने लगी.
उस समय उसने(usne) सिर्फ एक जाली वाली पारदर्शी फ्रॉक पहनी हुई थी जिसके नीचे ब्रा नहीं पहने होने के कारण उसमे से उसके(uske) स्तन और उनके ऊपर के चूचुक साफ़ दिखाई दे रही थी.
बातों ही बातों में मुझे पता ही नहीं चला कि मम्मी कब मेरे बगल में लेट गई और इसका बोध तब हुआ जब उसने(usne) मेरी ओर करवट ली और उसका एक स्तन उसकी(uski) फ्रॉक के खुले गले से बाहर निकल कर मुझे छूने लगा.
मुझे उस स्तन को देख कर बचपन की तरह उसको पकड़ने की इच्छा होने लगी और इसका असर मेरे लिंग पर होने लगा जो अचेतना की अवस्था से अर्ध-चेतना की अवस्था में पहुँच चुका था.
तभी मम्मी ने मुझे अपने बाहुपाश में ले लिया तथा अपनी टांग उठा कर मेरी जाँघों पर रखते हुए अपने घुटने को मेरे लिंग के उपर रख कर उसे दबा दिया.
उस दबाव के विरोध में मेरे लिंग ने अपना सिर ऊँचा किया और मम्मी के घुटने को ऊपर उठा दिया.
मेरे लिंग की यह हिमाकत देख कर मम्मी ने बिना कोई समय गवाएं मेरे पजामे में अपना हाथ डाल कर मेरे लिंग को अन्डकोशों सहित बाहर निकाल कर उसे मसलने लगी, फिर अगले ही क्षण अपने हाथों से लिंग नापते हुए वह बोली- पीटर, तेरा लिंग पहले से तो बहुत बड़ा हो गया है. मेरे अनुमान से यह सात इंच लम्बा तो होगा?”
मैंने उत्तर दिया- जो है वह तुम्हारे सामने ही है मैंने तो इसे कभी नापा नहीं है. तुम खुद ही इसे नाप कर इसकी सही लम्बाई पता कर सकती हो.
मेरी बात कोई उत्तर नहीं देते हुए मम्मी उठ कर बैठ गई और ‘बहुत गर्मी है…’ कहते हुए पहले मेरे पजामे और टी-शर्ट को उतार कर नग्न किया और बाद में अपनी फ्रॉक और पैंटी को भी उतार कर पूर्ण नग्न हो गई.
उसके(uske) नग्न हो कर बिस्तर पर लेटते ही मैंने मम्मी की ओर करवट ली और उसके(uske) एक उठे हुए मुलायम, लेकिन सख्त स्तन को अपने एक हाथ में पकड़ कर मसलने लगा.
मम्मी ने मेरी इस क्रिया का कोई विरोध नहीं किया और मेरे लिंग को अपने हाथ में ले कर अहिस्ता अहिस्ता हिलाने एवं मसलने लगी.
मैंने यौन वासना से उत्तेजित हो कर अपने दूसरे हाथ को मम्मी के जघन-स्थल के छोटे छोटे बालों में फेरता हुआ अपने बड़ी ऊँगली से उसकी(uski) योनि के भगान्कुर को ढूँढने लगा.
जैसे ही मेरी ऊँगली मम्मी की योनि के भगान्कुर से टकराई, वैसे ही वह एक सिसकारी लेते हुए उछली और मुझे कस कर जकड़ते हुए मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये.
मैं भी मम्मी को अपने से चिपटाते हुए उसके(uske) होंटों को चूसने लगा और साथ में उसके(uske) स्तन और भगान्कुर को मसलता रहा.
मम्मी शायद मुझसे भी अधिक उत्तेजित थी इसलिए उसने(usne) अपने होंठ मेरे होंठों से अलग किये और मेरे मुख से अपने दूसरे स्तन को लगाते हुए मुझे उसे चूसने का संकेत किया.
मैं तुरंत उस स्तन के चूचुक को मुख में लेकर कस के चूसने लगा और साथ में उसके(uske) दूसरे स्तन और भगान्कुर को मसलना ज़ारी रखा.
कुछ देर के बाद मम्मी बहुत जोर जोर से सिसकारियाँ लेती रही और फिर उसके(uske) अकड़े हुए शरीर ने कुछ झटके लेकर एक लम्बी सिसकारी ली.
तभी मुझे उसके(uske) भगान्कुर को सहलाने वाली ऊँगली पर कुछ गीलापन महसूस हुआ तो मैं समझ गया कि उसकी(uski) योनि ने पानी छोड़ दिया था.
उस समय मैंने बिना कोई क्षण गंवाए अपनी उस ऊँगली को उसकी(uski) योनि में डाल दिया और तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा. मम्मी की योनि पर मेरे हमले से उसकी(uski) उत्तेजना बहुत ही बढ़ गई थी जो उसकी(uski) ऊँची सिसकारियाँ बता रही थी. अपने को मुझसे अलग करते हुए उसने(usne) पलटी हो कर मेरे मुख पर अपनी योनि रख दी तथा मेरे लिंग को अपने मुख में लेकर चूसने लगी.
मैं भी अपने दोनों हाथों से मम्मी के दोनों स्तनों को मसलते हुए बहुत ही तेज़ी से अपनी जीभ से उसकी(uski) योनि की दीवारों और भगान्कुर को सहलाने लगा.
बीच बीच में मैं अपनी जीभ को उसकी(uski) योनि के अन्दर बाहर भी कर देता जिससे वह उचक पड़ती और उसके(uske) मुहं से ऊँची सिसकारी निकल जाती.
दस मिनट की इस पूर्व क्रिया में मम्मी का शरीर एक बार फिर अकड़ गया और लम्बी सिसकारी लेते हुए उसने(usne) फिर अपनी योनि से पानी छोड़ा.
उस समय मेरी उत्तेजना मेरे नियंत्रण से बाहर होने लगी इसलिए मैंने मम्मी से अलग होकर उसे पीठ बल नीचे लिटा दिया और उसके(uske) टाँगें चौड़ी करके उनके बीच में बैठ गया.
मेरे तने हुए लिंग के ऊपर का लिंग-मुंड फूल गया था और उसका रंग एवं आकार एक तीन इंच व्यास की स्ट्रॉबेरी के समान था. मैंने तुरंत अपने लिंग को मम्मी के भगान्कुर के ऊपर रगड़ा तो वह उत्तेजनावश चिल्ला उठी और अपने एक हाथ से मेरे लिंग को अपनी योनि के मुख पर लगा कर उचक कर उसे अन्दर डालने का प्रयास करने लगी.
तब उसके(uske) प्रयास को सफल बनाने के लिए मैंने भी एक जोर का धक्का लगा दिया जिससे मेरा आधे से ज्यादा लिंग उसकी(uski) योनि में प्रवेश कर गया.
बिना कोई देर किये मैंने जोर से एक और धक्का लगा दिए जिससे मेरा पूरा लिंग मम्मी की योनि के अंदर समां कर उसके(uske) गर्भाशय की दिवार से जा टकराया.
मेरे लिंग का मम्मी के गर्भाशय से टकराने से उसकी(uski) योनि में हुई आंतरिक हलचल के कारण वह बहुत ही जोर से उछली तथा बहुत ही ऊँचे स्वर में चीख मारी.
मम्मी की चीख सुन कर मैं डर गया और रुक कर उसकी(uski) ओर प्रश्नात्मक दृष्टि से देखने लगा तब उसने(usne) मुस्कराते हुए अपना सिर ऊँचा कर मेरे होंठों को चूमा ओर बोली- तुम रुक क्यों गए? आज तक जिस जगह पर सिर्फ पांच इंच लम्बा और एक इंच मोटा ढीला ढाला लिंग गया हो, वहाँ पर जब सात इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा मूसल जैसा सख्त लिंग घुसेगा तो चीख तो निकलनी ही थी.
मम्मी की बात से मुझे आश्वासन हो गया कि उसे इस क्रिया में आनन्द मिलने लगा था इसलिए मैंने तुरंत मोर्चा सम्भाला और फुर्ती से अपने लिंग को उसकी(uski) योनि के अंदर बाहर करने लगा.
कुछ देर के बाद मम्मी भी मेरे लगाये धक्कों की लय के अनुसार नीचे से उचकने लगी जिससे मेरा लिंग योनि की पूरी गहराई तक जा कर उसके(uske) गर्भाशय से टकराता.
जब मेरा लिंग उसके(uske) गर्भाशय की दिवार से टकराता तब उसकी(uski) योनि सिकुड़ कर मेरे लिंग को जकड़ती और इससे मेरे लिंग को जो रगड़ लगती उसका आनंद ही निराला था.
आहिस्ता से तेज़, फिर तेज़ से तीव्र, उसके(uske) बाद तीव्र से अति तीव्र तथा अंत में अति तीव्र से अत्यंत तीव्र गति से संसर्ग करते रहने को लगभग बीस मिनट ही हुए थे तभी मम्मी का पूरा शरीर अकड़ गया.
उसके(uske) स्तन एवं चुचुक बहुत ही सख्त होकर मेरे सीने में चुभने लगे और उसकी(uski) योनि के अन्दर हो रही बहुत तीव्र सिकुड़न मेरे लिंग को बहुत तेज़ रगड़ मारने लगी थी.
इस प्रक्रिया के कारण अकस्मात ही मेरा लिंग-मुंड फूल गया और उसने(usne) मम्मी की योनि की अंदरूनी दीवारों को तीव्रता से रगड़ने लगा.
हमारे गुप्तांगों पर लग रही तीव्र रगड़ के कारण दोनों एक साथ ही उत्तेजना की चरमसीमा पर पहुँच चुके थे, तभी मम्मी और मैंने एक बहुत ही तेज़ एवं ऊँची सिसकारी एवं हुंकार मार कर अपने अपने रस का विसर्जन कर दिया.
दोनों की साँसें फूल गई और हम पसीने से लथपथ एक दूसरे से चिपके हुए निढाल होकर बिस्तर पर लेट गए.
कुछ देर के बाद जब मैंने आँखें खोल कर मम्मी की ओर देखा तो उसके(uske) चेहरे पर आनन्द एवं संतुष्टि की मुस्कान थी.
जब मैं अपने लिंग को उसकी(uski) योनि में से निकालना चाहा तब उसने(usne) अपनी आंखें खोल दी और मुझसे चिपक कर मुझे चूमने लगी तथा लिंग को बाहर निकालने से मना कर दिया.
मेरे पूछने पर कि मैं लिंग को उसकी(uski) योनि से बाहर क्यों नहीं निकालूं तो उसने(usne) नहीं बल्कि उसकी(uski) योनि ने बहुत जोर से सिकुड़ कर मेरे लिंग में से बचा-खुचा वीर्य-रस खींच कर उत्तर दे दिया.
उससे अलग होने का निर्णय छोड़ कर उसके(uske) ऊपर ही लेट गया और लगभग बीस मिनट के बाद जब मम्मी की योनि ढीली पड़ी और मेरा लिंग बाहर निकल आया तब मैं उसके(uske) ऊपर से उठा.
फिर दोनों उठ कर बाथरूम में जा कर एक दूसरे के गुप्तांगों को साफ़ कर के वापिस बिस्तर पर आ कर लेट गए और बातें करने लगे. तब बातों ही बातों में मम्मी ने बताया कि शादी की पहली रात से लेकर कुछ दिन पहले तक पापा ने उससे संसर्ग किया था लेकिन कभी भी उसे संतुष्ट नहीं कर पाए थे.
उसने(usne) आगे यह भी बताया कि पापा तो सिर्फ पांच मिनट तक ही संसर्ग कर पाते थे और उतनी अविधि में उसकी(uski) योनि कभी भी गीली नहीं हुई थी और वह हमेशा असंतुष्ट एवं प्यासी ही रह जाती थी.
मेरे साथ किये संसर्ग के बारे में पूछने पर उसने(usne) कहा कि मैंने पच्चीस मिनट की पूर्व क्रिया और इतनी ही भेदन क्रिया से उसकी(uski) कई वर्षों की प्यास बुझा दी थी.
फिर उसने(usne) मेरे लिंग को पकड़ कर हिलाते हुए कहा- पीटर, तुमने तो मेरी योनि का सारा पानी निकाल कर रख दिया है. मुझे नहीं पता कि मैंने कितनी बार योनि-रस का विसर्जन किया था. सब कुछ इतनी जल्दी जल्दी हो रहा था कि पांच छह तक गिनने के बाद तो मैं आगे की गिनती ही भूल गई.
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मैंने उसे कहा- वह सब तो ठीक है लेकिन मेरे वीर्य-रस विसर्जन के बाद भी तुम्हारी योनि ने मेरे लिंग को क्यों जकड़े रखा?
मम्मी उचक कर बैठ गई और मेरी आँखों में आँखें डाल कर बोली- इतना आनन्द एवं संतुष्टि देने वाली अनमोल तथा प्यारी वस्तु को तो मैं हर समय अपने अन्दर ही रखना चाहूंगी. कहीं यह बाहर निकल न जाए इसलिए मैंने उसे जकड़ लिया था.
इतना कह कर वह मेरी बगल में लेटने की बजाय वहीं बठे बैठे मेरे लिंग को चूमने लगी और फिर उसे अपने मुख में लेकर चूसने लगी.
दो-तीन मिनट के अन्तरकाल में ही जब मेरा लिंग लोहे की रॉड की तरह तन गया तब मैं मम्मी की टाँगें चौड़ी करके उसकी(uski) योनि पर अपना मुख रख कर उसे चूसने एवं चाटने लगा.
दस मिनट की इस संयुक्त पूर्व-क्रिया करने के बाद मम्मी एकदम से उठी और मुझे सीधा करके मेरे ऊपर आ गई और मेरे लिंग को अपनी योनि के मुख पर रख कर उस पर बैठ गई.
जब आहिस्ता आहिस्ता मेरा पूरा लिंग उसकी(uski) योनि में चला गया तब वह उछल उछल कर उसे अपनी योनि अंदर बाहर करने लगी.
पन्द्रह मिनट तक जब मम्मी उछलते उछलते पसीने पसीने हो गई और उसकी(uski) साँसें फूलने लगी, तब वह मरे ऊपर से उठ कर बिस्तर पर घोड़ी बन गई और मुझे संसर्ग को आगे बढ़ाने के लिए कहा.
मैं तुरंत उठ कर उसके(uske) पीछे गया और अपने लिंग को उसकी(uski) योनि में डाल कर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा. शायद मम्मी बहुत उत्तेजित थी और उसे बहुत आनन्द भी आ रहा था इसलिए वह ऊँचे स्वर में सिसकारियाँ लेते हुए मेरे हर धक्के पर अपने नितम्बों को पीछे की ओर धकेल रही थी.
हमें इस प्रकार धक्कम-पेल करते हुए अभी दस मिनट ही हुए थे कि तभी मम्मी ने बहुत ही जोर से चीखते हुए सिसकारी ली, उसकी(uski) योनि में बहुत ही ज़बरदस्त सिकुड़न हुई और मेरा लिंग उसकी(uski) जकड़ में फंस कर आगे खिंचता गया. उसी क्षण मेरा लिंग-मुंड फूल गया और उसमें से वीर्य-रस की पिचकारी छूटने जिससे मम्मी की योनि भरने लगी.
तभी मम्मी अपनी योनि में जकड़े हुए मेरे लिंग को लेकर एक झटके से नीचे बिस्तर पर लेट गई और मैं खिंचता हुआ उसके(uske) ऊपर गिर पड़ा.
बुरी तरह थके होने के कारण हम दोनों काफी देर तक वैसे ही चुपचाप लेटे रहे और मैं मम्मी की योनि को मेरे लिंग में से वीर्य-रस को खींचते हुए महसूस करता रहा.
कुछ देर के बाद हम दोनों उठे और बाथरूम में गए, तब हमने एक दूसरे के गुप्तांगो को चूस एवं चाट कर साफ़ किया और फिर बिस्तर पर जा कर एक दूसरे को चिपक कर सो गए.
उस दिन के बाद मम्मी हर रात मेरे साथ सम्भोग करती है और बड़े गर्व से कहती है कि उसके(uske) पति मेरे पिता नहीं बल्कि मैं हूँ.
कल रात भी वैसी ही भीषण संसर्ग की रात थी जिसमे हम दोनों बहुत थक गए थे जिससे मम्मी को तो जल्दी नींद आ गई थी. लेकिन उस रात जब पुरानी यादों ने मुझे सोने नहीं दिया तब मुझे अपने रहस्यों को आपके मनोरंजन के लिए कलमबंद करने के लिए श्री सिद्धार्थ वर्मा जी का विचार आया था.
मैं एक बार फिर अन्तर्वासना के लेखक श्री सिद्धार्थ वर्मा जी को मेरे रहस्यों पर आधारित रचना के सम्पादन और प्रकाशित करने में सहायता करने के लिए बहुत आभार और धन्यवाद व्यक्त करता हूँ और आप सब से विदा लेता हूँ.

मम्मी की अंतर्वासना शांत की

मेरा नाम रोहित कुमार है.. मैं 21 साल का हूँ और मेरा लंड 7.9 इंच का लंबा और 2 इंच का मोटा है. दरअसल मैं झारखंड से हूँ.. मेरे घर में मैं अपनी मम्मी-डैड और मेरी एक छोटी बहन के साथ रहता हूँ.. मेरे डैड भुवनेश्वर में एक बैंक में जॉब करते हैं. मेरी छोटी बहन अभी स्कूल में पढ़ रही है और मेरी मम्मी एक हाउनवाइफ हैं.
मेरी असली मम्मी नहीं हैं बस यूँ समझ लीजिये कि इनको मेरी मम्मी की जगह लाया गया था.. उनकी उम्र 36 साल है.. उनका फिगर है 36-28-36.. वो दिखने में एकदम गोरी-चिट्टी है.. अभी भी लगता है कि वो जवान हैं.
यह बात अभी 7 दिन पहले की एक सच्ची घटना है.. प्लीज़ इसको आनन्द लेने के नजरिये से पढ़िए.. मेरा सभी लड़कों से कहना है कि वे अपने लंड को रगड़ें और लड़कियां अपनी चूत में उंगली डालें.. फिर इस कहानी का मजा लें.
मैं हमेशा से अपनी मम्मी का दीवाना हूँ.. क्योंकि डैड हफ्ते में एक बार घर आते थे और शायद एकाध ही बार वो मेरी मम्मी को चोदते थे. इसीलिए मम्मी हमेशा गुमसुम सी रहती थीं. मैं यह सब बहुत दिनों से देख रहा था लेकिन मैंने उनसे इस बारे में कभी पूछा नहीं था.
जब डैड आते थे और मेरी मम्मी के साथ सेक्स करते थे.. तो मैं चुपके से वो सब देखता था और दु:ख करता था. क्योंकि डैड सिर्फ़ 5 मिनट के अन्दर ही चुदाई का खेल खत्म कर देते थे.. फिर सो जाते थे.
एक दिन मैं अपनी बहन और मम्मी के साथ सोया हुआ था.. तो मैं जानबूझ कर मम्मी के गले से लग कर सो गया और मैंने अपना हाथ मम्मी के मम्मों के ऊपर रख दिया.
थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया कि मेरी मम्मी मेरे हाथ के ऊपर अपना हाथ रख कर अपनी मम्मों को दबवा रही थीं.
तभी मुझे लगा कि मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया है.
फिर मैंने सोने की एक्टिंग की और कुछ और अधिक होने का इन्तजार किया.. कुछ पलों तक मम्मी ने मेरे हाथों से अपने चूचे रगड़वाए और फिर हम दोनों सो गए.
अगले दिन मैं कॉलेज नहीं गया और घर पर ही रुका रहा.
मैंने अपनी मम्मी से पूछा- आप इतनी उदास क्यों रहती हो?
उन्होंने कुछ नहीं कहा.. बोला- मुझे कुछ नहीं हुआ है..
मैंने बार-बार पूछा तो वो मुझ पर गुस्सा होकर बोलीं- कुछ नहीं है.. बोला ना.. फिर क्यों एक ही सवाल बार-बार पूछ रहा है.
मैं नाराज़ होकर वापस अपने कमरे में आ गया.
तो मम्मी कुछ देर बाद मेरे कमरे में आईं और ‘सॉरी’ बोल कर मुझे हग करके रोने लगीं.
मैंने उनसे फिर वही सवाल पूछा तो वो बोलीं- तुम्हारे डैड यहाँ नहीं हैं ना.. इसीलिए मैं दुखी हूँ.
तब मैंने कहा- कोई बात नहीं.. मैं तो हूँ ना..
वो बोलीं- डैड का जगह तुम कैसे ले सकते हो..?
मैंने उनके चूचों की तरफ बिंदास देखते हुए कहा- क्या हुआ डैड जो तुम्हें देते हैं.. मैं उनसे ज़्यादा दूँगा और हमेशा तुम्हें खुश रखूँगा..
यह बोल कर मैं अपना हाथ मम्मी के चूतड़ों पर फेरने लगा..
तभी मम्मी ने मुझे अपने से दूर कर दिया और कहा- यह क्या कर रहा है?
मैंने कहा- मम्मी मुझे सब पता है.. तुम्हें सेक्स की ज़रूरत है.. जो तुम्हें ठीक से नहीं मिल रहा है.. इसीलिए तुम हमेशा उदास रहती हो और कल रात को जब मैंने जानबूझ कर तुम्हारे मम्मों के ऊपर हाथ रखा.. तो तुम मेरे हाथ से अपने मम्मों को दबवा रही थीं.
तब मेरी मम्मी शर्मा गईं और अपना मुँह नीचे कर दिया.. तभी मैंने कहा- मम्मी आई लव यू.. मैं कब से तुम्हारा दीवाना हूँ.. प्लीज़ मुझे चोदने को एक मौका दो.
वो कुछ समय तक चुप रहीं.. फिर आकर मेरे गले से लग गईं.. तब मैंने उनको अपने से अलग किया और उनको चुम्बन करने लगा. कुछ ही देर में वो एकदम गरम हो गईं और मैं अपने हाथ से उनको नंगा करने लगा.
क्या बदन है मेरी मम्मी का.. जो भी देख़ेगा वो अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पाएगा.. कुछ ऐसा ही हाल मेरा भी हुआ.
मैंने मम्मी से कहा- मेरे भी सारे कपड़े उतार दो न..
तो वो मेरे सारे कपड़े उतार कर मेरे लंड को सहलाने लगीं.. और हैरत से बोलीं- तेरा लंड तो तेरे डैड से कहीं बड़ा और मोटा है.
फिर मम्मी ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और मुँह से लौड़े को झटके देने लगीं.
मैं तो ‘अया.. अया..’ की आवाज़ निकाल रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर मैंने मम्मी से कहा- चलो हम 69 अवस्था में चुसाई करते हैं.
अब हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए.. मैं अपनी मम्मी की चूत को चाट रहा था.
जब मैंने अपनी जीभ को अपनी मम्मी की चूत में डाल दिया तो वो सिसकारियाँ लेने लगीं- ऊऊहह.. आआ.. आआहम्फ़ उफफ्फ़.. प्लीज़ज़.. मत तड़पाओ..
वे ज़ोर-ज़ोर से स्ट्रोक लगाने लगीं.. तो मैं झड़ गया और मेरी मम्मी भी झड़ गई..
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थोड़ी देर बाद फिर मेरा लंड फिर से खड़ा हुआ तो मैं बोला- मम्मी अब देर नहीं करते हैं और चलो अब मैं तुम्हें संतुष्ट करता हूँ.
तो मम्मी बिस्तर पर चित्त लेट कर अपनी टाँगें फाड़ कर चुदवाने की मुद्रा में आ गईं..
मैं अपना लंड लेकर मेरी मम्मी की चूत के छेद पर आया और ज्यों ही मैंने लौड़ा डाला.. वो चीख उठीं- ओह्ह.. कितना मोटा है.. आज तो अपनी मम्मी की चूत को फाड़ कर ही रख देगा..
फिर मैंने स्ट्रोक लगाना शुरू किया.. तो वो फिर चिल्लाने लगीं- आआहह.. अया ययईएसस्स.. और तेज़्ज़्ज़.. इय्याअहह..
ब्बबाअबबई.. क्कूमे.. ऊनन्न.. आअहह.. उऊहह.. प्लीज.. और ज़ोर से.. करो..
दस मिनट के बाद वो झड़ गई.. लेकिन मैं तो अभी तक झड़ा ही नहीं था.. तो मैंने अपने मम्मी से कहा- मैं तुम्हारी गाण्ड मारूँगा.. तो वो पहले तो मना करने लगीं.. फिर राज़ी हो कर बोलीं- आज से पहले कभी किसी ने मेरी गाण्ड नहीं मारी.. लेकिन आराम से करना.
मैंने मम्मी को घोड़ी बना दिया.. पास में नारियल का तेल था.. वो लाया.. अपने लंड पर लगाया और थोड़ा मेरी मम्मी की गाण्ड पर भी लगा दिया, फिर धीरे से अपनी मम्मी की गाण्ड के छेद में मैंने अपना लंड घुसड़ेने लगा.
कुछ देर ट्राई करने के बाद जब जोर से लण्ड मम्मी की गान्ड में धकेला तो मेरा लंड का अगला हिस्सा अन्दर चला गया.
इमेरी मम्मी ज़ोर से चीख पड़ी- मर गई… प्लीज़.. मुझे छोड़ दो.. मैं नहीं ले सकती अन्दर..
तो मैंने अपनी मम्मी को बोला- चिल्लाओ मत.. अपने मुँह पर तकिया रख लो.. और अपनी आँखें बंद कर लो..
फिर मैंने और एक जोरदार स्ट्रोक मारा तो आधा लंड मेरी मम्मी के गाण्ड में घुसता चला गया.
थोड़ी देर तक मैं लौड़े को धीरे-धीरे आगे-पीछे करता रहा.. उनके बाद अपनी स्पीड बढ़ा दी. तब मेरी मम्मी को भी मज़ा आने लगा था. वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी गाण्ड को उछाल रही थीं ‘अया.. अया.. अयाहह.. आआहह..’
वो मादक आवाजें निकाल रही थीं.. उनके थोड़ी देर बाद मैं झड़ गया और अपनी सारी क्रीम मेरी मम्मी की गाण्ड के छेद में छोड़ दी. मैं थक गया था तो मम्मी के मम्मों को पकड़ कर सो गया.
कुछ देर बाद मम्मी अपने आपको ठीक करने लगीं.. क्योंकि छोटी का कॉलेज से आने का टाइम हो रहा था.
वो बोलीं- मैं बहुत खुश हूँ.. जो तुम्हारे जैसे बेटे को पैदा जरूर नहीं किया.. पर तब भी तू मेरे दु:ख को समझ कर मुझे ख़ुशी दे रहा है.. फिर उन दिन से हम रोज़ सेक्स करते हैं.