Sunday, May 3, 2020

बहन की झाटे।

हैलो फ्रेंड्स.. मैं सूरज.. उम्मीद है आपको मेरी पहली कहानी पसंद आई होगी. जैसे कि मैंने बताया था कि मैंने अपनी ममेरी बहन(behan) को कई बार चोदा.. और एक बार उसके(uske) पीरियड्स भी मिस हो गए.. यानि वो गर्भवती हो गई थी. तब उसकी(uski) छोटी बहन(behan) नेहा को भी इस बारे में पता चल गया और उसने(usne) मुझसे बात करना बंद कर दिया था.
मेरी छोटी ममेरी बहन(behan) नेहा सब बहनों में सबसे सुंदर है.. पर उम्र में मुझसे छोटी है. उसने(usne) मुझ से कई बार मोनिका से दूर रहने को कहा.. पर मैंने उसकी(uski) बात को हमेशा अनसुना करके मेरी बहन(behan) की बहुत सेवा की.. अभी भी कर रहा हूँ.
मेरी छोटी ममेरी बहन(behan) पढ़ने में बहुत कमजोर है.. सो उसने(usne) कॉलेज में आर्ट्स लिया.
जब मैं गुड़गाँव में जॉब कर रहा था.. तो नेहा ने एक गर्ल्स कॉलेज में एडमिशन लिया. अब वो बहुत मस्त हो गई थी. उसकी(uski) गाण्ड और मम्मे मोनिका जितने बड़े तो नहीं थे.. पर जबरदस्त शेप में थे. क्या मस्त फिगर था साली का.. 30 इंच के मम्मे होंगे.. और कमर 28 इन्च की.. दिखने में वो किसी हीरोइन से कम नहीं थी. उसे देख कर मेरा मन तो करता था कि इसको भी रगड़ दूँ.. पर वो मुझे भाव ही नहीं देती थी.
बात दिसंबर 2011 की है.. जब मेरे भाई की शादी थी. मेरे मामा भी शादी से एक दिन पहले ही आ गए. मैं छुट्टी लेकर आया था.. पर मोनिका को एक दिन की ही छुट्टी मिली.. तो वो शादी पर आई थी. मम्मी के रिश्तेदारों में से सिर्फ़ मामा ही जल्दी आए थे.. पर वो भी आकर जल्दी चले गए और नेहा को छोड़ गए.
मम्मी के रिश्तेदारों में बस नेहा ही रह गई थी.. इस वजह से वो किसी को नहीं जानती थी.. तो मजबूरी में उसे मुझसे बात करनी पड़ी.
मैंने उससे कई बात मजेदार बातें की.. पर वो भाव ही नहीं देती थी. हम एक साथ ही सोते थे.. पर वो मुझसे बहुत दूर सोती थी.. तो सोते वक़्त भी मज़े नहीं ले सकते थे.
फिर मैंने सोचा कि उसको नींद की गोली दे कर ठोक दूँगा.. पर ये भी था कि सोते में सेक्स करने से मज़ा नहीं आएगा. मैंने एक प्लान सोचा मैं नींद की गोली लेकर आया.. केमिस्ट ने सिर्फ़ एक गोली देने की कहा था.. पर मैंने दो गोली पीस कर उसके(uske) दूध में मिला दीं, थोड़ी देर में वो सो गई, मैंने एक पिन चुभा कर देखा.. पर कुछ नहीं हुआ.. शायद वो गहरी नींद में थी.
अब मैं मौके का इन्तजार करने लगा. तकरीबन एक बजे जब सब सो गए.. मैं अपने कमरे में गया और कैमकॉर्डर ले कर आया. मैंने कमरे में वो ऐसे लगाया कि नेहा का क्लोज़-व्यू आ सके. मैंने वीडियो रेकॉर्डिंग शुरू कर दी.
मैं नेहा के पास गया और उसे चूमने लगा.. क्या गजब सामान थी वो.. पर उसके(uske) मोनिका जितने बड़े मम्मे नहीं थे और मुझे मोटे-मोटे मम्मे बहुत पसंद हैं. हालांकि नेहा के छोटे भी नहीं थे.. हाथ में पूरे आ रहे थे.
उस दिन उसने(usne) एक ढीला सा टॉप और लोवर पहना हुआ था. मैंने उसका टॉप उँचा किया.. तो उसके(uske) मम्मों को देख कर मैं हैरान हो गया. गोल-मटोल बिल्कुल कसे हुए.. ब्रा से ही अलग चमक रहे थे. अब मैंने उसके(uske) मम्मों को चूसना शुरू किया. मैंने पहली बार किसी लड़की के पिंक निप्पल देखे थे.. वो सच में बहुत गोरी थी. अब मैंने उसकी(uski) चूत में भी हाथ मारना शुरू कर दिया. ये सभी बात रेकॉर्ड हो रही थीं.
मैंने उसके(uske) लोवर को सरकाया.. मुझे उम्मीद थी कि उसकी(uski) चूत भी गुलाबी ही होगी. फिर मैंने पैन्टी सरकाई और उसकी(uski) चूत निहारने लगा. उसकी(uski) चूत डार्क गुलाबी थी.. पर बाल साफ नहीं थे. मैंने उसकी(uski) चूत को भी चाटा.. चूत कुंवारी थी. मैंने उसकी(uski) गाण्ड मारने की सोची. मैं बोरोप्लस अपने साथ लाया था.. आधा ट्यूब उसकी(uski) गाण्ड में लगा दी अब वो हरकत करने लगी थी.. शायद नींद कमजोर हो रहे थी. मैंने जल्दी से एक की बार में मेरा लण्ड उसकी(uski) गाण्ड की दरार में डाल दिया. बस दो मिनट में ही मैंने निकाल लिया.. क्योंकि मुझे उसके(uske) साथ जबरदस्ती नहीं करनी थी.
अब मैंने वीडियो बंद करके उसकी(uski) गाण्ड साफ की और उसे कपड़े वापस पहना दिए.
अगले दिन वो उठी तो शायद उसे अजीब सा लग रहा था, वो मुझे बार-बार देख रही थी.
मैंने वीडियो को अपने मोबाइल में लिया और मैंने नेहा को उसकी(uski) एक छोटी क्लिप व्हाट्सअप पर भेज दी. सुबह तो सब नॉर्मल था.. शायद उसने(usne) देखा ही नहीं था.. पर करीब 11 बजे वो मेरे पास आई और मुझे कस कर थप्पड़ मारा.
मुझे पता चल गया था कि उसने(usne) वीडियो देख लिया.
उसने(usne) मुझे वीडियो डिलीट करने को कहा और कहा कि नहीं तो वो मेरी मम्मी को सब बता देगी.
मैंने उससे कहा- मेरे पास आधे घन्टे का वीडियो है.. वो चाहे तो बता दे.. पर इससे उसकी(uski) ही बदनामी होगी. अब वो घबरा गई.. उसने(usne) मुझसे वीडियो डिलीट करने को कहा.. मैंने उससे कहा- बस एक ही कीमत पर मैं ऐसा कर सकता हूँ. यदि वो शादी के बचे दिन मुझ से चुदे.. और सेक्स के वक़्त पूरा साथ दे.. एंजाय करे और मुझे भी करने दे..
यह सुन कर वो चली गई.
शाम को जब हम चाय पी रहे थे तो उसने(usne) मुझसे आकर फिर पूछा.. मैंने वापस वही कह दिया.
थोड़ी देर बार उसने(usne) आकर मुझसे कहा- मैं तैयार हूँ.
मेरी तो बल्ले-बल्ले हो गई.. क्योंकि अभी शादी में 4 रातें बाकी थीं. शादी भाई की हो रही थी और हनीमून मैं मना रहा था.
मैंने उससे स्कर्ट और शर्ट पहन कर आने को कहा.. क्योंकि स्कर्ट उतारने की ज़रूरत नहीं होती है और शर्ट खोलना आसान है. वैसे भी इसमे लड़कियां सुंदर लगती हैं. नेहा के पास सारी स्कर्ट बस घुटनों तक की थीं.. तो उसमें वो और सेक्सी लगती थी.
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रात को करीब 10 बजे वो कमरे में आई. उसने(usne) वाइट शर्ट और डार्क ब्लू रंग की स्कर्ट पहनी हुई थी. उसे देख कर ही मेरा लण्ड सलामी दे रहा था. मेरा मन कर रहा था कि खड़े-खड़े उसे चोद दूँ.. पर मैंने अपने आपको रोका. वो उदास थी.. मैंने उसे अपने पास बुलाया और उससे बात करने लगा.
उसने(usne) मुझसे पूछा- तुमने ऐसा क्यों किया?
मैंने उसे रिलॅक्स होने को कहा और पूछा- तुमने कभी सेक्स किया है क्या?
उसने(usne) कहा- नहीं..
मैंने कहा- मैं चाहता तो उसके(uske) साथ सेक्स कर सकता था.. पर सेक्स का असली मज़ा तब है.. जब साथी भी साथ दे.. और यदि तुम्हें पसंद नहीं है.. तो मैं तुम्हारे साथ सेक्स नहीं करूँगा.
इस पर उसने(usne) मुझे तिरछी नज़र से देखा शायद उसने(usne) ऐसा नहीं सोचा था. उसने(usne) कहा- तुम मेरे ऊपर से हाथ फेर सकते हो.. और चूम सकते हो.
मुझे लगा कि शायद वो मान रही है, मैंने उसे चूमना शुरू किया.. मैं उसके(uske) शरीर की गर्मी महसूस कर सकता था.
करीब दस मिनट तक मैं उसे चूमता रहा. अब मैंने अपने दाएं हाथ से उसके(uske) एक मम्मे को पकड़ लिया. उसने(usne) मेरा हाथ हटा दिया.. पर मैंने वापस पकड़ लिया. उसने(usne) 4-5 बार हाथ हटाया.. पर मैं नहीं माना.. आख़िर में उसने(usne) कुछ नहीं कहा.
क्या मस्त मम्मे थे उसके(uske).. मन कर रहा था कि शर्ट खोल कर चूस लूँ.. पर मेरी एक नादानी मेरे मेहनत पर पानी फेर सकती थी.
अब मैंने उसके(uske) दूसरे मम्मे पर हाथ मारा और दाएं हाथ से उसकी(uski) गाण्ड मसलने लगा. अब वो गरम होने लगी थी. मैंने उसके(uske) हाथ को मेरे लोवर में घुसा दिया. कुछ देर तक उसने(usne) कुछ नहीं किया.. पर थोड़ी देर में वो मेरे लण्ड से खेलने लगी. अब मैंने गाण्ड को मसलते हुए उसकी(uski) स्कर्ट उँची कर दी.. और उसकी(uski) जाँघों पर हाथ फेरने लगा. अब शायद उसे भी मज़ा आ रहा था.
रात के करीब 12 बजे तक ऐसा ही चलता रहा. अब मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसकी(uski) शर्ट का एक बटन खोल दिया.. उसने(usne) मुझे फिर तिरछी नज़र से देखा और हँस दी, अब उसने(usne) कहा- भैया, आप नहीं सुधरोगे. मुझे पता चल गया कि अब उसकी(uski) तरफ से भी ‘हाँ’ है.
मैंने उसकी(uski) शर्ट पूरी खोल दी.. उसने(usne) वाइट कलर की ब्रा पहन रखी थी. मैंने ब्रा उतारे बिना ही उसके(uske) कबूतरों को बाहर निकाल लिया.
हाय.. क्या मस्त माल लग रहे थे वो..!
उसके(uske) पिंक निप्पल मेरे दिल पर छा गए, मैं पागलों की तरह उसके(uske) चूचे चूसने लगा.
उसने(usne) कहा- दीदी के इतने मोटे है और तुम उन्हें चूसते हो.. पर फिर भी ऐसे चूस रहे हो.. जैसे पहली बार देखा हो.
अब वो आवाजें निकालने लगी थी. मौका देख कर मैंने स्कर्ट के हुक खोल दिए और ब्रा भी हटा दी. अब उसके(uske) जिस्म स्कर्ट के अलावा सिर्फ़ पैन्टी बची थी.
क्या फिगर था उसका.. पता नहीं अभी तक मैं इसे क्यों नहीं पकड़ पाया था.
उसके(uske) मम्मों को चूसते हुए मैंने पैन्टी भी नीचे कर दी, आज चूत पर बाल नहीं थे, मैंने उससे पूछा- आज तो तुम चुदने के मूड से आई हो क्या?
इतना सुन कर वो शर्मा गई.
उसने(usne) पूछा- भैया आपको नहीं करना क्या?
मैंने कहा- मेरी प्यारी बहन(behan) तुम्हारी सेवा करना तो मेरा काम है.. आखिर राखी का फ़र्ज़ निभाना है और बहन(behan) की हर इच्छा पूरी करनी है.
यह सुन कर वो फिर हँस दी.
मैंने अपना 8 इंच लंबा लण्ड उसकी(uski) चूत में घुसेड़ दिया.. मेरा लण्ड उसकी(uski) चूत फाड़ रहा था.. अब वो आवाजें निकाल रही थी. मेरा पहला खेला तकरीबन 10 मिनट चला.. और मैंने सारा पानी उसकी(uski) चूत में ही छोड़ दिया.
अब मैंने नेहा हो घोड़ी बनने को कहा और उसकी(uski) गाण्ड में अपना लण्ड डाल दिया.
सच में मेरे घर में इतनी मस्त चूत और चूतड़ होते हुए भी पता नहीं मैं दूसरी लड़कियों के पीछे क्यों लगा रहा. अगले 4 दिन मैंने नेहा की खूब ली.. और उसने(usne) भी बहुत मज़े किए.
आखिरी दिन मोनिका भी आ गई, मैंने उसे सब बताया.. तो वो भी खुश हो गई.
शादी की पहली रात मैंने दोनों बहनों की खूब चुदाई की.. वो भी एक साथ. उसके(uske) बाद नेहा छुट्टियों में गुड़गाँव आ जाती है.. और हमारा ये संभोग अभी तक तक चल रहा है.

सेक्सी बहन की चूत।

हैलो दोस्तो.. मेरा नाम नितिन है मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ. मैं कोई पहलवान जैसा नहीं हूँ.. लेकिन एकदम फिट बॉडी है और 5 फीट 11 इंच की लम्बाई का बन्दा हूँ.
मेरी फैमिली में मम्मी-डैडी और मेरी एक बहन(behan) है. मेरी मम्मी एक हाउस वाइफ हैं और पापा का अपना रिटेल का बिजनेस है. मेरी बहन(behan) मुझसे दो साल छोटी है.. लेकिन हम दोनों एक ही कॉलेज में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं.
मेरे घर में सभी काफी हंसमुख स्वभाव के हैं ख़ास तौर पर मेरे डैडी और मेरी बहन(behan) बहुत ही हंसमुख हैं.
जिस तरह से मैं और मेरी बहन(behan) दोनों एक ही कॉलेज में हैं.. तो वो ज़्यादा मॉडर्न बनकर पेश नहीं आती है. मेरे डैडी एकदम जॅकी श्रॉफ से दिखते हैं. कॉलेज में भी अक्सर मेरी दोस्तो कहते हैं कि मेरे डैडी की काफ़ी अच्छी पर्सनॅलिटी है.
यह कहानी की दुनिया के मेरा पहला कदम है. इससे पहले मैंने बहुत कहानियाँ पढ़ी हैं लेकिन कभी अपनी कहानी किसी के साथ शेयर नहीं कर पाया और फाइनली मैंने डिसाइड किया कि क्यों ना मैं अपनी कहानी भी आप सब तक पहुँचाऊँ.. शायद आपको पसंद आए.
कहानी पूरी तरह से मेरे और मेरी बहन(behan) डोली के साथ जुड़ी है.
वो रोज मेरे साथ मेरी बाइक पर कॉलेज जाती है.. लेकिन आने के टाइम वो अपनी दोस्तो के साथ आ जाती है. वो ये भी समझती है कि मुझे भी कॉलेज में लड़कियों के साथ घूमना पसंद है.
कॉलेज में मेरी इमेज एक प्लेबाय से कम नहीं है.. लेकिन कभी सेक्स का एक्सपीरियेन्स नहीं ले पाया.. क्योंकि दिल्ली में जगह अरेंज करना इतना ईज़ी नहीं है.
मैं अभी फाइनल इयर में था और मेरी बहन(behan) अभी फर्स्ट इयर में है.
उसे ट्रेडीशनल कपड़े ही पहनना ही पसंद हैं इसलिए वो सलवार सूट वगैरह पहन कर ही कॉलेज आती है. कभी-कभी मम्मी के कहने पर स्कर्ट भी पहन लेती है. मेरी कुछ खास दोस्तो हैं जो अक्सर कहती हैं कि नितिन अगर डोली चाहे तो तुझसे हॉट दिख सकती है.
अक्सर मैं जब उसे बाइक पर कॉलेज के गेट पर ड्रॉप करता था.. तो उसके(uske) जाने के बाद मेरी दोस्तो अक्सर कहती थीं ‘शुक्र है.. डोली का भाई यहाँ पर है.. नहीं तो वो कॉलेज में एक हॉट बॉम्ब के नाम से जानी जाती..’
ये सब सुनकर मुझे अजीब लगता था कि मेरी वजह से मेरी बहन(behan) खुद को कुछ दबाव में महसूस कर रही है. मैं उन लड़कियों से अक्सर पूछता कि आख़िर क्यों डोली तुम्हें हॉट लगती है.. तो वो सब अक्सर कहतीं कि एक भाई की नज़र से मत देख.. और फिर देख.. ‘लुक एट हर बूब्स.. जैसे अन्दर कोई आयरन बॉल लगी हो.’
‘लुक एट हर बैक.. पता नहीं कितने जवान दिलों की धड़कन होगी ये..’
ये सब सुनकर मैं भी अपनी बहन(behan) को गौर से देखने लगा, यहाँ तक कि घर में भी मैं उसे गौर से देखता. मेरी गर्ल-फ्रेंड अक्सर कहती- नितिन मेरे साथ कहीं चलो न.. हम लोग सेक्स का मजा लेंगे..
तो मैं उसे अक्सर पूछता- क्या लड़कियों का भी माइंड सेक्स की तरफ घूमता रहता है?
तो वो कहती- हाँ.. लड़कों से ज़्यादा..
फिर वो मुझ पर कमेंट भी मारती- लेकिन मैं क्या करूँ.. मेरा बॉयफ़्रेंड तो कुछ करता ही नहीं है.
मैं हँस देता..
मैंने अपनी गर्ल-फ्रेंड को बताया- देख मेरी बहन(behan) को.. वो भी तो कॉलेज आती है लेकिन वो इस बारे में नहीं सोचती.
तो वो बोली- वो तुम्हारी बहन(behan) है.. तुम्हें थोड़ी ना बताएगी.. नहीं तो वो भी तरस रही होगी कि उसे कोई आकर मसल के रख दे. मैं अपनी बहन(behan) से इतना फ्रैंक नहीं था लेकिन मैंने इन्हीं सब बातों को सोच कर धीरे-धीरे उसके(uske) साथ फ्रैंक होना शुरू कर दिया.
घर पर उसके(uske) सामने अपनी गर्ल-दोस्तो से बात करना.. उसके(uske) कमरे में कभी-कभी स्मोकिंग कर लेना इत्यादि..
मैं उससे अक्सर पूछता भी रहता था- तुम्हें बुरा तो नहीं लगता.. तो वो अक्सर कहती- अरे ये सब तो आजकल लड़कों में नॉर्मल बातें हैं इनका क्या बुरा मानना.
धीरे-धीरे मैं उसके(uske) दिल का हाल जानने की कोशिश करने लगा और उसे मैंने बताया- मेरी गर्ल-फ्रेंड ये कहती है कि हर लड़की हॉट दिखना चाहती है.
तो डोली ने कहा- हाँ.. ये बात सच है..
फिर मैंने कहा- तुम कॉलेज इतनी सिंपल बन कर क्यों जाती हो?
तो उसने(usne) कहा- लड़की हॉट दिखती है तो लड़के 100 बार कमेंट करते हैं और वो सब मेरे भाई को अच्छा नहीं लगेगा.
मैंने कहा- मुझे नहीं लगता कि डोली तुम इतनी हॉट दिख पाओगी कि लड़के तुम पर कमेंट करेंगे.
वो बोली- चलो फिर आज शॉपिंग करने चलते हैं.. फिर कल कॉलेज में देखते हैं कि क्या होता है.
मैंने बाइक घर से निकाल ली और आज डोली खुश थी. फिर हम शॉपिंग मॉल में पहुँचे.. जहाँ डोली ने कहा- अच्छा तुमको लड़की कैसे हॉट लगती है?
मैंने कहा- ये बात मैं तुम्हें कैसे बताऊँ?
उसने(usne) कहा- भाई शर्माओ मत.. मुझे सब पता है कि तुम कैसे लड़कियों को आँखें खोल-खोल कर देखते हो. तो मैंने भी उसे खुल कर बता दिया- लड़की का एक हॉट लुक हो.. जिसे देख कर दिल में ‘हॉट थॉट्स’ आएं.. चाहे वो सेक्स के ही क्यों ना हों.
डोली बिल्कुल भी शर्मा नहीं रही थी और वो मेरी बातों को हंस कर सुन रही थी. फिर मैंने बताया- बूब्स की क्लीवेज अच्छा होना चाहिए और बूब्स थोड़े से तो उभरे हुए दिखने ही चाहिए. लड़की की चाल में एक बात होनी चाहिए.. हिप्स का चाल के साथ बैलेंस बनना चाहिए.. मतलब हिप्स का मटकना अच्छा होना चाहिए.
फिर उसने(usne) शॉपिंग मॉल में बहुत सारे फैशन टॉप्स और बॉटम ट्राई किए.. लेकिन मुझे ट्रायल रूम के बाहर निकल कर नहीं दिखाए. फाइनली उसने(usne) कुछ कपड़े खरीदे और हम घर आ गए.
रात में उसने(usne) कहा- भैया कल आप कॉलेज अकेले जाएँगे और मैं आपके बाद खुद आ जाऊँगी.
मैंने भी कहा- ठीक है..
अगले दिन मैं कॉलेज पहुँच गया.
कुछ देर बाद मेरी गर्लफ्रेण्ड आई और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे कॉलेज के गेट पर ले जाने लगी.
मैंने पूछा- क्या बात है?
लेकिन उसने(usne) नहीं बताया.
मैं कॉलेज के गेट पर पहुँचा और देख कर दंग रह गया कि मेरी बहन(behan) एक ‘सुपर हॉट बॉम्ब’ की तरह खड़े होकर अपनी दोस्तो से बातें कर रही है और सब उसे ऐसे देख रहे हैं जैसे कोई ‘हॉट सेलेब्रिटी’ आ गई हो.
गहरे गले वाला टॉप और लो-वेस्ट स्लिम फिट जीन्स.. लाइट मेकअप और उसके(uske) लाइट पर्फ्यूम की खुश्बू चारों तरफ बिखर रही थी. उसके(uske) मम्मों का क्या बताऊँ कैसे लग रहे थे.. इससे पहले मुझे कभी अहसास नहीं हुआ कि उसके(uske) मम्मे इतने हार्ड होंगे.
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उसने(usne) मुझे देखा.. एक स्वीट सी स्माइल दी और फिर अन्दर कॉलेज की तरफ जाने लगी.
सभी लड़कियों उसे इन्फीरियरटी कॉम्प्लेक्स के साथ देख रही थीं.
सच में वो सबसे अलग दिख रही थी. वो अन्दर ऐसे जा रही थी जैसे कोई रैम्प पर चल रहा हो.
उसके(uske) इस रूप से तो मैं दंग रह गया, वो आज़ आग का शोला दिख रही थी.
कोई लड़का कुछ बोल रहा.. तो कोई कुछ.. पहली बार मैंने फील किया कि अपनी बहन(behan) को देख कर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा था. मैं चकित था कि ये कैसे हो गया.. एक सलवार-सूट में दिखने वाली सिंपल लड़की एक ‘सेक्स बॉम्ब’ कैसे बन गई है.
कॉलेज में वो दिन काफ़ी अजीब रहा.. शाम को डोली ने कहा- भैया मैं अब आपके साथ ही जाऊँगी.
अगले दिन से वो फिर से मेरे साथ बाइक पर बैठ गई.. पहले अक्सर वो दोनों टाँगें एक साइड करके बैठती थी.. लेकिन उस दिन फिल्मी स्टाइल में वो दोनों तरफ अपनी टाँगें फैला कर बाइक पर बैठी.
उफ़फ्फ़.. उसके(uske) बैठने का तरीका.. मैं तो पागल ही हो गया..
मैं पूरे रास्ते भर उसके(uske) मम्मों को महसूस करता रहा.. वो भी काफ़ी चिपक कर बैठी हुई थी.
रास्ते में लड़के कमेंट भी कर रहे थे कि ‘क्या माल है..’ कोई कह रहा था कि ‘क्या कपल है!’
एक मेरा लण्ड भी बैठने का नाम नहीं ले रहा था.
किसी तरह से हम घर पहुँचे.. घर पर मम्मी नहीं थीं.. वो सब्जियाँ लेने के लिए गई थीं.
हम दोनों घर के अन्दर गए.. मैं सोफे पर शांत जाकर बैठ गया.
थोड़ी देर बाद मेरी बहन(behan) मुझे पानी देने के लिए आई, उसने(usne) जीन्स चेंज कर ली थी और एक शॉर्ट पहन कर आई थी.. जिसमें उसकी(uski) जाँघों ने मुझे और भड़का दिया.
पानी देते समय उसने(usne) एक स्माइल दी और कहा- लो, ठंडा पानी पी लो..
मैं खुद को रिलेक्स करने के लिए स्मोकिंग करने लगा. अपनी बहन(behan) का वो रूप बार-बार मुझे पागल कर रहा था.
थोड़ी देर बाद मेरी बहन(behan) आई.. सामने वाले सोफे पर बैठ गई और कहने लगी- भैया टेन्शन में क्यों हो? वो हंस भी रही थी.. मैंने कहा- शायद मुझे कुछ चाहिए..
मेरी बहन(behan) तपाक से बोली- यस आई नो यू नीड सेक्स नाओ..
इतना सुनते ही मैं उस पर टूट पड़ा.. उसने(usne) कहा- वेट ब्रदर.. अभी मम्मी का आने का ख़तरा है.. हम लोग रात में पूरी मस्ती से सब कुछ करेंगे.
मैं बहुत खुश हुआ और उसके(uske) होंठों पर एक हार्ड स्मूच किया.
अब मैं रात होने की प्रतीक्षा करने लगा, भूख भी नहीं लग रही थी.. कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा था.. बस अपनी बहन(behan) की चूचियाँ दिमाग में घूम रही थीं.
मैं आज तक कुँवारा था.. सो मैं बाथरूम गया और थोड़ा सा तेल लेकर अपने लण्ड की मालिश करने लगा. इसकी मोटाई से ही अहसास हो रहा था कि आज मेरी बहन(behan) को इसे झेलना भारी पड़ेगा. मेरे लंड का रूप बहुत खतरनाक लग रहा था.
शाम में मैं अपनी छत पर घूम रहा था, तभी बहन(behan) आई और बोली- क्या हुआ? टाइम नहीं कट रहा? मैंने कहा- दिल कर रहा है कि तुझे यहीं लिटा लूँ और पूरी रात पेलता रहूँ.
मेरी बहन(behan) ने कहा- बातों से नहीं किसी और चीज से पेला जाता है.
मुझे लगा कि जैसे वो मुझे चैलेंज कर रही है.
‘ठीक है.. बताता हूँ किस चीज से पेला जाता है.’
वो कंटीली अदा से आँख मार कर भाग गई.
रात हुई और वो मेरे कमरे में आई, करीब 5 मिनट के बाद उसने(usne) आँखों से इशारा किया- शुरू करें..
उसने(usne) पिंक ट्रांसन्स्पेरेंट नाइटी पहनी हुई थी और वो बला की खूबसूरत लग रही थी.
मैंने उसे होंठों पर किस करना शुरू किया वो भी पूरा सपोर्ट कर रही थी.. किस करते-करते वो मेरी शर्ट के बटन खोल रही थी और अन्दर बालों भारी छाती पर हाथ फिरा रही थी.
उसकी(uski) सिसकारियाँ मुझे और पागल कर रही थीं. धीरे-धीरे मैंने अपने हाथ उसके(uske) मम्मों पर पहुँचा दिए. ओह माय गॉड.. उसकी(uski) ब्रा के अन्दर उसके(uske) मम्मे बाहर आने को छटपटा रहे थे.
मैंने ब्रा का हुक तोड़ दिया.
डोली ने कहा- ब्रो रिलॅक्स.. आई एम ऑल युअर्ज़.
फिर उसने(usne) धीरे से मुझे कान पर किस करते हुए कहा- मेरे बूब्स को नहीं चूमोगे?
उसके(uske) मुँह से ये बात सुनकर मैं एकदम से पागल हो गया और उसके(uske) नंगे मम्मों को चाटने लगा. वो भी ‘अहहहा हाहहाआ.. आहहहहाहा..’ करती जा रही थी.
इसके बाद उसने(usne) अपने हाथों से मेरे लण्ड को टटोलना शुरू कर दिया.
लाइट्स ऑफ थीं.
उसके(uske) हाथ में मेरा बड़ा लण्ड जैसे ही आया.. तो डोली ने कहा- प्लीज़ स्विच ऑन करो न.. मुझे तुम्हारा बड़ा लण्ड देखना है..
मैंने लाइट्स ऑन कीं और वो मेरे सामने घुटनों के बल बैठ गई. मेरी जीन्स और अंडरवियर नीचे करने के बाद उसके(uske) मुँह से निकला- वोउव.. उसके(uske) गोरे हाथों की उंगलियों के बीच मेरा मजबूत काला भुजंग लण्ड साफ़ दिख रहा था.
थोड़ी देर बाद उसने(usne) अपने होंठों के स्पर्श से मुझे पागल कर दिया.
उसकी(uski) फ्लेवर्ड लिपस्टिक से मेरा लण्ड महकने और रंगने लगा था. वो भी ऐसे पेश आ रही थी.. जैसे सकिंग में कितनी एक्सपर्ट है.
मेरे लण्ड से वो बिल्कुल भी डर नहीं रही थी.
फिर मैंने उसे सिसकारते हुए कहा- आह.. अगर तुमने इसे ज़्यादा चूसा तो मैं तुम्हारे मुँह में ही डिसचार्ज हो जाऊँगा. वो समझ गई और उसने(usne) मुँह से लवड़ा निकाल दिया.
इसके बाद मैंने उसे बिस्तर पर धक्का दे करके लिटा दिया और उसकी(uski) पैन्टी को उतारने लगा. उसने(usne) अपनी चूत को बिल्कुल चिकना किया हुआ था.
मैंने ज़्यादा टाइम ना लगाते हुए अपने होंठ उसकी(uski) चूत से लगा दिए.
वो पागल हो चुकी थी और बोले जा रही थी- फक्क मीईईईई.. अहह.. भाई.. लण्ड पेल दो..
थोड़ी देर के बाद मैंने अपने लण्ड को उसकी(uski) चूत पर लगाया, मैं खुद भी सोच रहा था कि इतना बड़ा लौड़ा इसकी जरा सी फांक में कैसे अन्दर जाएगा.
फिर एक हल्का सा स्ट्रोक लगाया.. बिल्कुल ऐसा अहसास हुआ कि उसका कुँवारापन टूट गया.
उसकी(uski) साँसें अटक गई.. आँखें ठहर गईं.. और वो मरी सी आवाज में बोल रही थी- ओह्ह.. स्लोय्यययई.. बहुत मोटा है.. तुम्हारा लण्ड है या गरम रॉड.. दर्द हो रहा है.. धीरे.. आह्ह..
मैं पूरे संयम के साथ लगा रहा.. उसके(uske) मम्मों को चूसता रहा.
फिर थोड़ी देर के बाद वो नॉर्मल हुई.. और मैंने तेज धक्के देना शुरू किए.
हम आपस में बहुत गंदी-गंदी बातें कर रहे थे. पूरा कमरा चूत चुदाई की ‘फच फच..’ की आवाजों के साथ गूँज रहा था. कुछ देर के बाद वो शांत हो गई और मैं भी.. निढाल हो गया.
उसके(uske) चेहरे पर तृप्ति के भाव थे.
तब से मेरी छोटी बहन(behan) को बस सेक्स की भूख है..
आप तो जानते ही हैं कि जब जलेबी शीरा पी जाती है तो वो कितनी मीठी हो जाती है इसी तरह वो भी बेहद खूबसूरत और मस्त हो चुकी है.
यह मेरा पहला अनुभव था.. आप सभी के कमेंट्स का मुझे इन्तजार रहेगा.

बहन की प्यासी चूत

नमस्कार फ्रेंड्स, मेरा नाम संदीप है, रामपुर मध्यप्रदेश का रहने वाला हूँ.. मेरी उम्र 22 साल है. यह मेरी पहली वास्तविक कहानी है.. मैंने बहुत बार सेक्स किया है.
मैं अपने चाचा-चाची के घर रहता हूँ.. उनकी बेटी जिसका नाम हेमा है.. जो अभी जवान हुई है.. और एक छोटा बेटा है.
चाचा के घर में केवल दो ही कमरे हैं एक में चाचा-चाची और एक में मैं और हेमा सोते थे.
मैं अक्सर उसके(uske) साथ मस्ती करता था.. पर वो कुछ नहीं कहती थी. मैं अक्सर उसके(uske) रात में सोने के बाद उसको देख कर व उससे चिपक कर मुठ मारता था.. शायद इस बात का उसको भी पता था. ऐसा बहुत दिन तक चला..
अब वो भी जवानी की दहलीज़ पर थी तो उसका भी मन करता होगा मस्ती करने का..
एक दिन उसने(usne) कहा- भाई मुझे मार्किट से कुछ सामान लाना है..
मैंने कहा- क्या लेना है.. मैं ला दूँगा.
तो वो बोली- नहीं मैं खुद ही लाऊँगी.
मैं उसको एक शॉप में ले गया.. वहाँ से उसने(usne) एक गुलाबी ब्रा-पैन्टी खरीदी.. तो मैंने उससे कहा- ये तो मैं भी ला कर दे सकता था.
उसने(usne) कहा- मुझे शर्म आती है.
मैंने कहा- जब उससे मांगी.. तो शर्म नहीं आई?
वो मुस्कुरा कर बोली- ठीक है.. अगली बार आप ही ला देना.
हम घर आ गए.. रात को हम दोनों सो गए और मैं रोज़ की तरह उससे चिपक कर सो गया.
दो दिन बाद उसने(usne) कहा- भाई मेरी एक ड्रेस है उसके(uske) लिए एक काली ब्रा-पैन्टी चाहिए.. आप ला दो. मैं खुश हो गया और शॉप पर गया और नेट में एक बिकनी सैट और एक रेड फैंसी ब्रा-पैन्टी ले आया.
मार्किट से आते-आते शाम हो गई.. जब मैं आया तब वो अपने कमरे में जा चुकी थी. मैंने खाना खाया.. फिर कमरे में अन्दर गया और उसको बैग दे दिया.
मैंने बोला- ले ट्राई कर ले पहले.
तो वो बोली- नहीं.. रहने दो.
पर बाद में उसने(usne) ब्रा-पैन्टी निकाली और बोली- अरे इसमें तो दो सैट हैं.. दो सैट लाने की क्या जरुरत थी? मैंने हँस कर कहा- ठीक है.. अब तू ट्राई कर ले.
तो वो बाथरूम में गई और ब्रा-पैन्टी और अपनी सलवार पजामा पहन कर आ गई और बोली- सही है.. एकदम फिट आई है भाई..
वो लेट गई.. और जल्द ही नींद में आ गई.
मैं भी उससे चिपक कर लेट गया और उसके(uske) ऊपर अपना पैर और हाथ रख लिया और उसके(uske) मम्मों को हल्के हाथ से सहलाने लगा.
उसने(usne) कुछ भी हरकत नहीं की.. मैंने अपना हाथ उसके(uske) पजामा के ऊपर से ही उसकी(uski) बिना चुदी चूत पर रख दिया. पहले तो उसने(usne) अपनी पैर दबा लिए.. पर थोड़ी देर बाद अपनी पैर फैला दिए.. जिससे मैं आराम से उसकी(uski) चूत को सहला सकता था.
अब वो थोड़ी-थोड़ी हिल रही थी और एकदम से अकड़ गई और चित्त लेट गई.
थोड़ी देर बाद वो बोली- भाई मुझे बाथरूम आई है.. मुझे डर लगता है आप साथ चलो.
मैं उठा और उसके(uske) साथ चला गया.. वो बाहर ही मेरे सामने ही अपनी पजामी और पैन्टी खोलकर पेशाब करने लग गई. मुझे उसकी(uski) कसी चूत से ‘शर्र-शर्र’ की आवाज और उसकी(uski) गाण्ड साफ़ दिख रही थी.
उसने(usne) अपनी पजामी पहनी और आकर सो गई.
मैंने भी अपना माल निकाला और सो गया.
सुबह वो बिलकुल नार्मल थी.. पर अब वो मेरे सामने ही अपने कपड़े चेंज करने लग गई थी. ऐसे ही दिन गुजरते गए और फिर कुछ दिन बाद मैंने फिर से रात में उसकी(uski) गाण्ड में अपना लण्ड जो कि छ: इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा है.. को टच किया और धीरे उसकी(uski) चूत को छेड़ना शुरू किया.
तो उसने(usne) मेरा हाथ पकड़ लिया.. मैं डर गया और सोने का नाटक करने लगा. थोड़ी देर बाद उसने(usne) मेरा हाथ अपनी चूत पर रखा और मसलने लगी.
अब मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने अपना हाथ उसकी(uski) पजामी में डाल दिया, पैन्टी के ऊपर से ही उसकी(uski) चूत को मसलने लगा.
अब उसकी(uski) चूत कामरस छोड़ रही थी.. जिससे उसकी(uski) पैन्टी गीली हो गई थी.
वो हिली तो मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और थोड़ी देर बाद वो उठी और बोली- भाई बाथरूम जाना है.. चलो.. मैं उसके(uske) साथ चला गया.. आज बाहर की लाइट चालू थी.. पर वो वहीं अपनी पजामा और पैन्टी खोल कर मेरे सामने ही बैठ गई और पेशाब करने लग गई.
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मैंने कहा- आवाज मत कर.. वरना चाचा जग जाएंगे.
वो हँसने लग गई और बोली- मैं खुद आवाज नहीं कर रही.. भाई वो हो रही है..
मैं भी हंसने लगा.
हम दोनों बापस कमरे में आकर लेट गए.
वो बोली- जब मेरी फ्रेंड्स करती हैं तो उनकी आवाज नहीं होती और जब मैं करती हूँ.. तो होती है.. ऐसा क्यों? मैंने कहा- तू अभी कुंवारी है.
वो बोली- मेरी फ्रेंड्स की भी अभी कुंवारी हैं उनकी शादी नहीं हुई है.
मैंने कहा- उनके बॉयफ्रेंड हैं.. तुम्हारा है क्या कोई?
वो बोली- नहीं..
मैंने कहा- तभी आवाज होती है.
हम दोनों चिपक चुके थे.. उसने(usne) कहा- मैं समझी नहीं?
तो मैंने कहा- वो अपने बॉय फ्रेंड के साथ मस्ती करती है.
‘मस्ती मतलब..?’
मैंने कहा- तू अब सो जा..
वो सो गई और सुबह स्कूल चली गई और मैं अपने कॉलेज.
रात को हम दोनों सोने की तैयारी करने लगे.
वो बाथरूम में गई और आकर सो गई.
मैं भी सो गया.. कुछ देर बाद मैंने अपना काम शुरू किया. मैंने उसकी(uski) चूत को सहलाया और अपना लण्ड हिला कर अपनी क्रीम निकाली.
वो उठी और पानी पी कर सो गई.
मैंने फिर उसकी(uski) चूत पर अपना हाथ फेरा.. तो उसने(usne) अपने पैर खोल दिए.
अब मैंने उसके(uske) पजामे में हाथ डाला.. तो देखा कि उसने(usne) आज पैन्टी नहीं पहनी थी. मेरा हाथ सीधा उसकी(uski) चूत पर उगे कोमल बालों के ऊपर था.
अब वो ‘सी सी..’ की आवाज निकाल रही थी.
मैं समझ गया कि आज इसकी चूत गर्म है.. क्यों ना आज इसे चोद लिया जाए. मैंने उसकी(uski) चूत में अपनी उंगली डाली.. तो उसने(usne) अपनी चूत भींच ली और जोर से ‘आहह..’ की आवाज निकाली.
मैंने उसकी(uski) पजामी का नाड़ा खोल दिया और उसने(usne) अपनी गाण्ड ऊपर उठा ली, जिससे मैंने आसानी से पजामी निकाल दी.
अब मैंने भी अपने पजामा निकाल दिया और अपनी बहन(behan) की चूत चोदने के लिए अपने लण्ड को आजाद कर दिया.
अब मैंने अपना लण्ड बहन(behan) के हाथ में दे दिया.
वो बोली- भाई ये क्या है?
मैंने कहा- ये लण्ड है.. और अब तुम्हारी चूत में जाएगा.
वो बोली- नहीं भाई.. मुझे डर लग रहा है.
मैंने कहा- पगली डरने की कोई बात नहीं.. तुझे मजा आएगा.
वो बोली- भाई मेरी फ्रेंड ने बताया था कि दर्द भी होता है.
मैंने कहा- नहीं ऐसा नहीं है.. मैं आराम से करूँगा.
वो बोली- ओके..
अब मैंने उसको सीधा लेटाया और उस कच्ची कली को फूल बनाने के लिए अपना लण्ड उसकी(uski) चूत में सैट किया.. उसकी(uski) चूत जो कि अब चिप-चिप हो रही थी.
फिर धीरे से मैंने अपना सुपाड़ा उसकी(uski) कुंवारी चूत में डाल दिया, लगभग तीन इंच लौड़ा उसकी(uski) चूत में जा चुका था.. वो रोने लगी.. और हाथ जोड़ कर बोली- प्लीज भाई.. बहुत दर्द हो रहा है.. इसे बाहर निकालो.. मेरी चूत फट गई है.
मैंने कहा- आवाज मत कर.. वरना चाचा चाची जाग जाएंगे… और कुछ नहीं होगा.. थोड़ा दर्द सहन कर ले फिर मजा ही मजा है.
मैंने एक जोरदार झटका मारा और अपनी बहन(behan) को कुंवारी दुल्हन बना दिया.
अब उसकी(uski) चूत से खून निकल रहा था मैं रुक गया और उसके(uske) बत्तीस साइज के मम्मों का रस पीने लग गया.
थोड़ी देर बाद वो शान्त हुई और बोली- भाई आपने मेरी फाड़ दी.
मैंने कहा- क्या?
शर्मा कर उसने(usne) अपनी चूत की तरफ उंगली की.. मैंने कहा- अब तू कुंवारी है.. पर तेरी चूत अब अपने भाई के लण्ड की दुल्हन बन चुकी है, चूत की मांग भर गई है.
वो हँस पड़ी.
मैंने उसको दस मिनट तक चोदा और सारा माल उसकी(uski) चूत में डाल दिया.
जब वो खड़ी हुई तो उसकी(uski) चूत से खून और कामरस बह रहा था.
मैंने उसकी(uski) चूत साफ़ की और उससे पूछा- कैसा लगा?
तो वो मुस्कराने लगी.. उसने(usne) मेरा लण्ड पकड़ा और बोली- ये बड़ा जालिम है.. साले ने मेरी मेरी चूत फाड़ दी. उसकी(uski) बात सुन कर मैं फिर तैयार हो गया और बहन(behan) की दुबारा चुदाई कर दी.
अब रात में मेरे साथ नंगी सो गई और हमने खूब चुदाई की.
अब उसकी(uski) शादी हो गई है.. पर उसने(usne) जाते-जाते भी भाई का ध्यान रखा. वो सब अगली बार विस्तार से लिखूंगा.

भैया बना सैय्या

फ्रेंड्स, मैं हूँ आपकी दोस्त सेक्सी पूर्वा.. आज मैं आप लोगों को बताऊँगी कि मेरी चुदाई मेरे ही भाई ने कैसे की. चलो, तो पहले मैं अपने बारे में बताती हूँ. मैं बहुत ही सुंदर और सेक्सी लड़की हूँ.. मेरे बड़े-बड़े चूचे किसी का भी लण्ड हिला सकते हैं.
अब ज़्यादा समय ना लेते हुए मैं अपनी स्टोरी पर आती हूँ.
बात उस समय की है.. जब मैं अपना एसएससी का एग्जाम देने भोपाल गई थी. भोपाल में मेरा भाई रहता था.. तो मैं उसके(uske) यहाँ रुक गई. वो मेरे दूर के मामा का लड़का था और भोपाल में रूम लेकर रहता था.
जब मैं भोपाल पहुँची.. तो वो मुझे लेने आया था. मैं उसके(uske) साथ उसके(uske) कमरे पर चली गई.
उसके(uske) कमरे पर जाकर देखा तो केबल एक ही बिस्तर था. उसने(usne) बोला- पूर्वा तुम थक गई होगी.. जा के नहा लो.. मैं तेरे लिए चाय लाता हूँ.
मैं नहाने जैसे ही गई.. तो देखा वहाँ पर कुछ सफेद कलर का जैल जैसा कुछ था.
मैं समझ गई कि आज भाई ने मुठ मार कर माल यहीं गिरा दिया है.
उसको देख कर मेरा मन भी कुछ करने लगा.. सो मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नहाने लगी और अपनी चूत में उंगली करने लगी. पता ही नहीं चला कि कब भाई आ गया.. जैसे ही उसने(usne) आवाज़ लगाई.. मैं एकदम से डर गई और जल्दी से तौलिया लपेट कर बाहर आ गई.
मेरा मन अब भाई की तरफ खिंच रहा था.. क्योंकि मैंने चूत में उंगली की.. तो तो मैं बहुत गरम हो गई थी.. और अब तो मुझे हर हाल में लंड चाहिए था.. पर मैंने थोड़ा संयम बरता.
फिर मैंने अपने कपड़े पहने.. खाना खाया.. और भाई से थोड़ी बातें की और सो गई.
कमरे में एक ही बिस्तर था.. तो भाई भी मेरे बगल में सो गया था, मैं थकी हुई थी.. तो नींद जल्दी आ गई.
रात में करीब 1 बजे मेरी नींद खुली.. मैंने देखा कि भाई का लंड खड़ा हुआ है.
यह देख कर मुझसे रहा नहीं गया.. और मैं भाई से चिपक कर सो गई.
जब कोई आहट न मिली.. तो मैंने भाई की बनियान को ऊपर करके उसके(uske) पेट पर हाथ रख लिया और आराम-आराम से उसकी(uski) चड्डी में भी हाथ घुसेड़ दिया.
भाई शायद उठ गया था.. पर सोने का नाटक कर रहा था.
मैं समझ गई कि इसकी नींद खुल चुकी है.
अब मैंने भाई की चड्डी नीचे को की और अपना लोवर नीचे करके अपनी पैन्टी भी नीचे सरका दी और भाई से बिल्कुल चिपक कर लेट गई.
अब भाई से कंट्रोल नहीं हुआ तो उसने(usne) भी अपना हाथ मेरी चूत पर रख कर छेद में उंगली अन्दर-बाहर करने लगा.
जैसे ही उसने(usne) अपनी उंगली अन्दर की.. मैं तो एकदम से तड़फ़ उठी.
उसको चूम लिया तो भाई ने बोला- ये सब क्या चल रहा है?
मैंने कुछ नहीं बोला और उठ कर उसका लंड लपक कर अपने मुँह में ले लिया.
भाई तो ये देख कर दंग रह गया और बोला- चल आज तुझे मैं असली चुदाई का मज़ा देता हूँ.
फिर भाई ने मेरे सारे कपड़े उतार कर फेंक दिए.
मैंने भी भाई के सारे कपड़े उतार दिए, अब हम लोग एक-दूसरे में खो गए.
भाई ने मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया.. मैं इस रस से तड़फ़ने लगी थी.
मैंने भाई से सीत्कार करते हुए बोला- आह्ह.. भाई मैं तड़फ़ रही हूँ.. अपने लंड का मज़ा दो.. एयाया.. भाईईई ईईई.. मुझे छोड़ दो… अपनी सिस्टर को चोद दो..
इतना सुन कर वो बोला- मेरी रानी अब से तुम मेरी रानी हो.. और मैं तेरा राजा.. ये भाई-बहन(behan) का रिश्ता खत्म..
मैंने ‘हाँ’ में ‘हाँ’ मिला दी.
अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आकर एक-दूसरे को चाटने चूसने लगे.
फिर मैंने उससे बोला- मेरे राजा अब और मत तड़फा.. अपने लंड से फाड़ दे मेरी चूत.. और बना ले मुझको अपनी रंडी..
उसने(usne) देर ना करते हुए मेरी चूत पर अपना लंड रखा और एक ही झटके में पूरा 78इंच का मुस्टंडा लंड मेरी चूत में पेल दिया.
जैसे ही लंड मेरी चूत में गया.. मुझे बहुत तेज दर्द हुआ.
मैंने चिल्लाते हुए बोला- ओह्ह.. बहन(behan)चोद.. निकालो इसे.. बाहर.. बहुत दर्द हो रहा है..
पर वो कहाँ सुनने वाला था.. वो तो मेरी चूत ऐसे चोद रहा था.. जैसे कोई रंडी को चोदता है.
थोड़ी देर बाद मुझे भी मज़ा आने लगा, मैं भी उसका उछल-उछल कर साथ दे रही थी.
करीब 12-15 मिनट बाद उसने(usne) बोला- मैं आने वाला हूँ.. कहाँ निकालूँ?
मैंने बोला- अपना लण्ड जल्दी से बाहर खींचो अन्दर मत झड़ना.. अपना रस मेरे मुँह में निकाल दो..
उसने(usne) तेजी से मेरी चूत से लौड़ा निकाला और उठ कर मेरे मुँह के पास लौड़ा चिपका दिया.. मैंने भी अपना मुँह खोल दिया और उसका हलब्बी मेरे मुँह में था.
फिर मैंने उसके(uske) लंड का रस खूब चचोर कर पिया.. और हम दोनों थक कर वहीं लेट गए.
पता ही नहीं चला कि हम दोनों की नींद कब लग गई.
मॉर्निंग में जब उठे तो मेरा राजा मेरे ऊपर ही चढ़ा था.. तो मैंने उसे उठाया और बोला- मुझे एग्जाम देने जाना है यार.. मुझे सेंटर तक छोड़ दो..
इसके बाद मैं पूरे 8 दिन वहाँ रुकी.. और कहानी के अगले भाग में मैं आपको बताऊँगी कि उसने(usne) मेरी गाण्ड कैसे मारी और फिर मेरे साथ क्या-क्या हुआ.

भाई ने मेरा सिल तोरी

हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम मनीषा है. मैं करनाल हरियाणा की रहने वाली हूँ. मेरे घर में मेरे पापा-मम्मी.. मेरे दो बड़े भाई और मैं हूँ. मेरे सबसे बड़े भाई की उम्र 27 साल है.. उनका नाम कमल है. उनकी पत्नी की उम्र 25 साल है. बीच वाले भाई की उम्र 23 साल है.. जो अभी कुँवारे हैं. मेरी उम्र 21 साल की है..
मैं अन्तर्वासना की नियमित पाठक हूँ. इधर की सच्ची कहानियां पढ़कर मुझे भी लगा कि क्यों ना मैं भी अपनी स्टोरी इस पर भेजूँ.
बात अब से एक साल पहले की है जब भाभी घर में आई थीं. मैंने कभी-कभी भाभी और भाई के कमरे से जब कुछ सिसकारियाँ सुनी.. तो मेरे भी मन में कुछ-कुछ होने लगा.
तब मैं 20 साल की थी.. मैं और मेरा बीच वाला भाई.. हम दोनों साथ ही कॉलेज में जाते थे. मैं गर्ल्स कॉलेज में थी.. वो अलग कॉलेज में था.
मैं सभी तरह के ड्रेस यूज करती हूँ.. जैसे सूट-सलवार.. जीन्स-टॉप.. स्कर्ट आदि.. मेरा फिगर का साइज़ 35-32-36 है.. भाई भी जवान था.. और मैं भी पक गई थी.
जब मैं उसके(uske) साथ कॉलेज जाती तो मोटरसाइकिल पर काफ़ी बार मेरे मम्मे उससे लगते थे.. जिससे मैं कुछ उत्तेजित हो जाती थी.
मैं आपको बता दूँ कि मैं थोड़े डीप नेक के टॉप इस्तेमाल करती हूँ. मेरे सूट्स के गले काफी खुले हुए होते हैं.. जिसके कारण भाई भी मुझे कुछ अजीब से नज़रों से देखता था.
एक दिन जब वो घर पर नहीं था.. तो मैंने उसका लैपटॉप यूज किया.. मैंने उसके(uske) सिस्टम की वेब हिस्टरी में देखा तो अन्तर्वासना का पेज भी था. मतलब वो भी अन्तर्वासना की कहानियाँ पढ़ता था.. मैंने एक लिंक पर क्लिक किया तो मालूम हुआ कि वो भाई-बहन(behan) में चुदाई की कहानियाँ पढ़ता था.
मेरा भी मन किसी से सेक्स करने का होता था.. लेकिन उसके(uske) लिए मैंने कभी यह नहीं सोचा था कि मैं अपने ही भाई से सेक्स करूँ. मेरा कोई बॉयफ्रेंड भी नहीं था.
एक दिन मैंने अपने भाई को देखा कि वो ब्लू-फिल्म देख रहा है और अपने लौड़े को हिला रहा है.
मैं रात को जब सोने गई.. तो मुझे वो ही सब याद आ रहा था. मैंने भी अपनी चूत में उंगली करके अपनी प्यास बुझा ली.
मैंने काफ़ी बार नोटिस किया कि मेरा भाई मुझे जिसका नाम वरुण छुप-छुप कर मुझे देखता था.. जैसे जब मैं घर पर झुक कर पोंछा लगाती या झुक कर कोई काम करती तो मेरे झूलते चूचों को निहारा करता था.
एक बार घर में दो शादियों के निमंत्रण पत्र आए.. एक था मेरे बड़े भाई के साले की शादी का.. और दूसरा मेरी फ्रेंड की शादी का था.
घर में पापा ने बताया कि पापा-मम्मी और बड़े भाई और भाभी सभी लोग शादी में चलेंगे.. लेकिन मैंने जाने से इन्कार कर दिया.. क्योंकि मेरी सहेली की शादी भी थी.
सो पापा ने कहा- ठीक है.. हम सभी जाएंगे.. लेकिन मनीषा और वरुण घर पर ही रहेंगे.
उन्होंने वरुण को मेरे साथ शादी में जाने के लिए बोल दिया.
मैंने अपनी सहेली की शादी के लिए एक बैकलैस ब्लाउज लिया.
अब कुछ दिन बाद वो दिन भी आ गया.. घर के सभी लोग शादी में जा चुके थे और उन्हें अगले दिन वापस आना था. घर पर केवल हम दोनों ही थे.. मतलब मैं और वरुण.
रात को हमें भी शादी में जाना था. उस टाइम हल्की सर्दी भी थी.. ये बात नवंबर के आखिर की है.
मैंने ब्लू कलर का बैकलैस ब्लाउज के साथ नैट वाली साड़ी पहनी थी.. जिसमें मेरी पूरी कमर और मेरे गोरे-गोरे हाथ दिख रहे थे.
जब मैं तैयार होकर अपने कमरे से बाहर निकली.. तो वरुण तो मुझे देखता ही रह गया, उसने(usne) अपनी नज़रों से मेरे पूरे जिस्म को देखा.. मेरे डीप नेक और बैकलैस ब्लाउज से मेरा गोरा बदन भी काफ़ी अधिक दिख रहा था.
मैंने अपने बालों को भी बाँध लिया था ताकि लोगों को मेरी कमर और पिछवाड़ा साफ़-साफ़ दिख सके. मैंने अपनी साड़ी को कमर पर मेरी नाभि से भी काफ़ी नीचे से बांधा हुआ था.
मैं और वरुण बाइक पर शादी में पहुँचे सभी मुझे घूर-घूर कर देख रहे थे.
मेरी सहेली ने मुझसे मजाक में कहा- कहीं कोई मर न जाए.. तुझे देखकर..
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इसी तरह पूरी शादी में मुझे सभी की कामुक निगाहों से खुद को देखना बड़ा मजेदार लग रहा था.
कुछ अधिक रात होने पर सर्दी कुछ ज्यादा ही बढ़ गई. मैं तो ठंड से काँपने सी लगी. रात को 11.30 पर मैंने भाई को घर चलने को कहा.. क्योंकि हम बाइक पर थे.. तो सर्दी और तेज लगने लगी.. मैं ठण्ड से काँप रही थी. घर जाने में करीब 30 मिनट का रास्ता था. मैंने भाई से कहा- वरुण यार, बहुत ठण्ड लग रही है.
भाई ने मुझसे कहा- तुम मुझे अच्छे से पकड़ लो.. मैं थोड़ा तेज़ बाइक चलाता हूँ ताकि जल्दी घर पहुँच जाएं.
मैंने वरुण को जोर से पकड़ लिया.
मेरे मम्मे भाई की पीठ पर लग रहे थे.. जिससे मैं कुछ देर बाद गर्म होकर उत्तेजित हो गई. मेरा लेफ्ट हैण्ड उसके(uske) लेफ्ट कंधे पर था और मेरा राइट हैण्ड उसके(uske) पेट पर था. मुझे पता था कि वो भी उत्तेजित हो रहा है.
कुछ देर बाद हम घर पहुँच गए.. मैंने ड्रेस चेंज की और सूट और सलवार पहन लिया, मैं अपने कमरे में सोने चली गई.
भाई और मेरे कमरे के बीच में एक दरवाजा था.. जिसमें से एक-दूसरे के कमरे में आया जा सकता था. मैंने वो दरवाज़ा खोल दिया था.. भाई मेन गेट लॉक करके अपने कमरे में चले गए.
मुझे नींद नहीं आ रही थी.. बस मैं आँखें बंद करके लेटी हुई थी और शादी की बातें याद कर रही थी.. किस तरह सभी मुझे खाने को हो रहे थे.
कुछ देर बाद मेरा दरवाजा जो भाई के कमरे में खुलता है.. उसके(uske) हल्के से खुलने की आवाज़ आई. भाई ने मुझे एक आवाज़ दी- मनीषा सो गई क्या?
मैं जाग रही थी.. लेकिन बोली नहीं.
भाई ने फिर बोला.. मैं फिर भी नहीं बोली. उसे लगा कि मैं सो गई हूँ.
उसे पता था कि शादी में मुझे काफ़ी सर्दी लग रही थी. फिर भी उसने(usne) पंखा चला दिया और मेरे बिस्तर पर मेरे कंबल में आ कर लेट गया.
मैं जाग रही थी लेकिन सोने का नाटक कर रही थी.
उसने(usne) अपने पैर से हल्के से मेरे पैर को टच किया.. फिर थोड़ी देर में उसने(usne) मेरे पेट पर हाथ रख दिया. मेरे पूरे बदन में बिजली सी दौड़ गई.
उसने(usne) अपना हाथ मेरे ऊपर मेरे मम्मों पर रख दिया, मेरी साँसें तेज हो गईं.. क्यों मैं भी अभी तक वर्जिन अनचुदी थी.
मैं एकदम से खड़ी हो गई और नाटक करके बोली- वरुण ये तुम क्या कर रहे हो?
वो एकदम से चौंक गया और अगले ही पल उसने(usne) मुझे अपनी बाँहों में भर लिया.
मैं जान बूझ कर उससे छूटने का झूठा नाटक कर रही थी. उसने(usne) अपनी टी-शर्ट निकाल दी और मुझे लिटा कर मेरे ऊपर आ गया.
मैं अभी भी उसका विरोध कर रही थी लेकिन दिल कह रहा था कि आज तो भाई से ही सील तुड़वा ही लूँ.
उसने(usne) ज़ोर ज़बरदस्ती में मेरा सूट भी फाड़ दिया और मेरी रेड कलर की ब्रा जो मेरे मम्मों को छुपाए हुए थी.. उसे भी फाड़ दिया.
मैंने उससे कहा- वरुण किसी को पता चल गया.. तो हम दोनों की बदनामी होगी.
उसने(usne) कहा- हम दोनों ही घर पर हैं.. और किसी को कैसे पता चलेगा?
वो मुझे होंठ पर चुम्बन कर रहा था, मैं भी उसके(uske) बालों को सहला रही थी.
उसने(usne) अपना लोवर निकाल दिया और मेरी भी सलवार का नाड़ा खोल दिया.
मैं अब केवल फटी हुई ब्रा और पैन्टी में थी.. वो भी उसने(usne) निकाल दिए.
वो मेरे मम्मों को दबाने लगा और मेरे बदन पर हर जगह चुम्बन करने लगा और नाखून गड़ाने लगा.
कुछ ही पलों में वो नीचे को होकर मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया.
मेरी चूत से पानी निकल रहा था.. वो उसे पीने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने(usne) अपना अंडरवियर निकाल दिया. उसका लण्ड काफ़ी बड़ा था, उसने(usne) अपना लण्ड मुझे मुँह में लेने को कहा.. लेकिन मैंने मना कर दिया.
अब हम दोनों से सहन नहीं हो रहा था, वो मेरी दोनों टाँगों के बीच में बैठ गया और अपना लण्ड मेरी चूत पर रख दिया.
अब उसने(usne) अपने लौड़े को मेरी चूत के छेद में फंसा कर पुश किया.. लेकिन उसका लौड़ा मेरी चूत में नहीं गया और फिसल गया.
उसने(usne) फिर से अपना लौड़ा मेरी चूत पर रखा और ज़ोर से धक्का मारा, इस बार उसका लण्ड अन्दर घुस गया, मेरी तो जान ही निकल गई.. मुझे लग रहा था कि मैं मार जाऊँगी.
उसने(usne) एक और धक्का मार कर अपना पूरा लण्ड अन्दर डाल दिया.. मैं दर्द से चिल्ला पड़ी.
वो कुछ देर तक शांत लेटा रहा.. फिर जब मेरा दर्द कम हो गया.. तो उसने(usne) धक्के मारने शुरु किए. उसके(uske) हर धक्के से मैं मज़े से ऊपर उछलती और चुदाई का मजा लेना चालू कर थोड़ी देर बाद हम दोनों ने अपना पानी छोड़ दिया.
बाद में देखा तो बेडशीट खून से लाल हो गई थी, हमने वो चेंज की और सुबह जब मैं उठी.. तो मेरा पूरा बदन टूटने को हो रहा था.. मुझसे चला भी नहीं जा रहा था.
मैंने देखा तो भाई मेरी तरफ देख कर हँस रहा था. उसने(usne) सारे कपड़े धो दिए थे.
भाई ने मुझे गले से लगाया और कहा- आई लव यू जान.. तुमने मुझे खुश कर दिया.
फ्रेंड्स, यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है.. मुझे बताएँ कि आपको ये कैसे लगी.

मामा की बेटी मीणा की चूत

मेरा नाम राजीव अरोरा है, मैं 4 साल से अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ रहा हूँ.. सोचा इस बार अपनी कहानी लिख कर आप सभी से शेयर करता हूँ.
बात दो साल पहले की है.. उस वक्त मैं 12वीं में था. एक दिन मुझे किसी फैमिली प्रोग्राम में जाना था.. तो मैंने अपनी क्लास सुबह कर ली थी.
मैं जाने के लिए तैयार हो गया था. प्रोग्राम मेरे मामा के घर पर था.. दोपहर के वक्त मैं वहाँ पर पहुँच गया.. उधर मैं सबसे मिला और काफी देर के बाद मेरी मुलाकात मेरी मामा जी की लड़की से हुई.. जिसका नाम मीना था.
हम दोनों दोस्त की तरह हैं और काफी टाइम बाद मिल रहे थे.. तो एक-दूसरे से हाथ मिलाया.. और बातें करने लगे. मीना बहुत सुंदर है और उसकी(uski) उम्र 21 साल है.. उसका बदन 37 -24 -34 का है और हर कोई कॉलेज में उसका दीवाना है.
उसके(uske) बाद रात में प्रोग्राम शुरू हो गया.
मैंने खाना खाया और मीना के पास पहुँच गया और बातें करने लगे.
जगह कम होने की वजह से हम दोनों को एक ही बिस्तर पर सोना था. मैं यह बात जान कर काफी खुश था.. पर मुझे क्या पता था कि मीना मुझसे भी ज्यादा खुश होगी.
हम सोने की तैयारी करने लगे.
एक ही बिस्तर पर सोते-सोते हम बातें करने लगे, मैंने उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
तो उसने(usne) धीरे से बोला- हाँ है.
ऐसे ही इधर-उधर की बात करते रहे.
फिर एकदम से मीना ने मेरे कान में बोला- मैं तुम्हें किस कर सकती हूँ क्या?
मैंने कुछ नहीं बोला और उसने(usne) किस करना शुरू कर दिया.
मुझे काफी मजा आ रहा था.. मैंने भी उसे जोर-जोर से किस करना शुरू कर दिया.
हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह किस करने लगे और अचानक मेरा हाथ उसके(uske) चूचों पर चला गया.
उसने(usne) कोई विरोध नहीं किया.. तो मैंने धीरे-धीरे उसके(uske) मम्मों को दबाना शुरू कर दिया.
अब उसे भी मजा आने लगा था.. फिर हमने अपने कपड़े उतार दिए और 69 की पोजीशन में आ गए.
मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3. 5 इंच मोटा है.. जिसे देख कर मीना एक बार तो डर सी गई थी.. पर उसे तो आज चुदना ही था.. तो उसने(usne) बिना किसी डर के मेरा लंड मुँह में ले लिया.
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
हम दोनों 69 की पोजीशन में थे.. मैं उसकी(uski) रसीली चूत चाट रहा था.. जो काफी गीली हो गई थी.
उसकी(uski) चूत पर काफी बाल थे और एकदम गुलाबी चूत थी.. जिसे देख कर मजा आ गया था.
वो मेरा लंड चूसे जा रही थी और मैं उसकी(uski) चूत में उंगली कर-करके चाट रहा था.
लगभग 15 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा.. मीना दो बार झड़ चुकी थी और मेरा भी बस निकलने वाला था, मैंने उससे कहा- जल्दी करो.. निकलने वाला है..
तो उसने(usne) जोर-जोर से मेरा लंड चूसना चालू कर दिया.. थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया.
मेरे माल की पिचकारी उसके(uske) मुँह में निकल गई और वो सारा का सारा पानी पी गई.
फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे. मैं उसके(uske) चूचों को मसल रहा था और वो मेरे लंड को हिला रही थी. थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और उसने(usne) मुस्करा कर एक बार फिर अपने मुँह में मेरा लंड डाल लिया.
थोड़ी देर लण्ड चुसाने के बाद मैंने उसको सीधा लिटा लिया और उसकी(uski) कमर के नीचे तकिया लगा दिया. मैंने ढेर सारा थूक अपने लंड पर और उसकी(uski) चूत पर लगाया..
उसने(usne) मुझसे बोला- धीरे डालना..
मैंने कहा- फ़िकर मत करो.. जरा सा भी दर्द नहीं होगा.
थोड़ी देर लंड उसकी(uski) चूत पर रगड़ने के बाद मैंने एक जोर का झटका मारा. वो चिल्लाने लगी- ऊई… ई… ई… माँ… आ… अह.. बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है.
मैं थोड़ी देर यूँ ही रुक गया और उसे किस करने लगा.. उसके(uske) चूचे दबाने लगा थोड़ी देर बाद वो दर्द भूल गई और उसे मजा आने लगा.
फिर मैंने एक और झटका मारा.. इस बार मेरा आधे से जादा लंड उसकी(uski) चूत में घुस चुका था. इस बार उसे दर्द भी कम हो रहा था.
फिर मैंने धीरे-धीरे झटके मारने चालू कर दिए और पूरा लंड उसकी(uski) चूत में सैट कर दिया.
उसे काफी मजा आ रहा था.. उसके(uske) मुँह से हल्की-हल्की सिसकारी निकल रही थी- आह आहा.. हहाहा..
उसकी(uski) आँखें बंद थीं.. मानो उसकी(uski) चूत को लौड़े की रगड़ाई का सुख मिल रहा हो.
फिर मैंने झटके तेज कर दिए.. उसकी(uski) सिसकारियाँ भी तेज होने लगीं और वो जोश में आकर बोलने लगी- आह्ह.. आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो.. मुझे रंडी बना दो.. मेरी चूत फाड़ दो.. बहुत तड़पाती है साली.. आज मजा आया.. हाँ और जोर से.. अहह..
ये सब सुन कर मेरा भी जोश बढ़ रहा था.
मैंने कहा- ले साली.. मेरी रंडी.. तेरी चूत को भोसड़ा बना दूँगा.. पूरी रात चोदूँगा साली कुतिया.. ले..
हम दोनों को काफी मजा आ रहा था. फिर मैंने अपनी पोजीशन बदली.. मैं बिस्तर पर लेट गया और उसे अपने ऊपर ले लिया.
मेरा लंड सीधे उसकी(uski) चूत में घुस गया. और वो ऊपर से झटके मारने लगी. फिर मैंने नीचे से झटके लगाने शुरू कर दिए उसे बहुत मजा आ रहा था.
वो बोल रही थी- और जोर से चोदो.. आह्ह!
मेरी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी.
थोड़ी देर बाद मैं थक गया और वो ऊपर से ही झटके मारने लगी.
फिर मैंने उसे कुतिया बनने के लिए कहा.. वो हँसने लगी और बिस्तर पर मम्मे झुलाते हुए झुक गई.
फिर मैंने पीछे से उसकी(uski) चूत में लंड डाल दिया.. उसके(uske) मुँह से सिसकारी निकल गई.
मैं उसे बड़े मजे से चोदे जा रहा था.. काफी मजा आ रहा था.
मीना अब तक कई बार झड़ चुकी थी मेरा भी निकलने वाला था.
हमारी चुदाई आधा घंटा चली होगी.
मेरे झटके तेज हो गए मैंने उससे कहा- मेरा आने वाला है..
तो उसने(usne) कहा- अन्दर ही डाल दो.
मैंने और तेजी से चुदाई चालू कर दी और दस-पंद्रह झटकों के बाद मेरी पिचकारी उसकी(uski) चूत को भिगोने लगी और मैं उसी के ऊपर लेट गया.
थोड़ी देर में मेरा लन्ड बाहर निकल आया और उसकी(uski) चूत से मेरा और उसका पानी निकल रहा था.
उसके(uske) बाद हम दोनों ने आराम किया. थोड़ी देर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. इस बार तो मंत्र लौड़ा और भी ज्यादा टाइट हो गया था.
मीना देख कर हँसने लगी.. उसने(usne) लौड़े को अपने मुँह में डाल लिया और बोलने लगी- आज रात तो मेरी चूत का भोसड़ा बन कर ही रहेगा.
मैंने उसके(uske) दूध दबा कर कहा- हाँ आज चूत का भोसड़ा बना कर ही रहूँगा.
मीना ने कहा- इस बार मेरी चुदाई तेल लगा कर करो.
मैंने अपने लंड पर काफी तेल लगा लिया.. बहुत चिकना हो गया था.
मीना मेरे लंड पर हल्के-हल्के हाथ फेर रही थी. मुझे बहुत मजा आ रहा था. फिर मैंने उसे लिटा लिया और उसकी(uski) चूत पर भी तेल लगाने लगा.
तेल उंगली पर लगा कर उसकी(uski) चूत में घुसा दी.. वो झटपटाने लगी.
मैंने फिर अपना लंड उसकी(uski) चूत पर रखा और जोर लगाया.. इस बार लंड आसानी से अन्दर चला गया. फिर मैंने धीरे-धीरे झटके मारने शुरू कर दिए. इसी बीच मीना बोल रही थी- आअह्ह्ह्ह.. डालो और जोर से आह आह्ह्ह्ह.. चोदो मुझे और जोर से..
अब कमरे में बस हमारी सांसें और चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं. कमरे में केवल एक ही आवाज ज्यादा सुनाई दे रही थी ‘फ़च्च फ़्च्च फ़्च्च.. आह आआह्ह.. इइह्ह्ह्ह्म्म्म..’
फ़िर 15 मिनट बाद जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ.. तो मैंने उसे उठा कर बिस्तर के नीचे बिठाया और खुद बिस्तर पर बैठ कर अपना लंड उसके(uske) मुँह पर रख दिया.
थोड़ी देर में मेरी सारी पिचकारी उसके(uske) मुँह में निकल गई और वो सारा पानी पी गई.
रात बहुत हो गई थी.. हमने अपने कपड़े पहने और एक-दूसरे से चिपक कर सो गए.
सुबह होते ही मैं वहाँ से अपने घर आ गया और मीना को धन्यवाद किया. जब भी मैं इस पल को याद करता हूँ.. तो मेरा मन मुठ मारने का हो जाता है.
यह कहानी लिखते-लिखते भी मैंने दो बार मुठ्ठ मारी है.
आप सबका भी धन्यवाद.. अपने विचार जरूर भेजिएगा.

बहन की बेटी की चुदाई

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बहन की चूची से आवाज

मेरी बहन(behan) अपनी ससुराल से वापस आई तो मैंने पूछा- बहना, कैसी रही तुम्हारी दूसरी सुहागरात? तो वो थोड़ी शरमा गई, बोली- आपने भी मनाई या नहीं दूसरी सुहागरात?
मैंने कहा- तुझे तो मिल गया दूसरा लण्ड… पर हमारी किस्मत में कहाँ है कोई दूसरी चूत?
तो वो बोली- अब इसका तो मैं भी कुछ नहीं कर सकती!
मैंने कहा- तू क्यों कुछ नहीं कर सकती? तू जब अपनी चूत ठंडी करवा सकती है तो मेरा भी कुछ कर यार! तो बोली- सोचती हूँ!
मैंने कहा- ओके!
वो रसोई में चली गई, मैं भी उसके(uske) पीछे पीछे रसोई में चला गया और उसको पीछे से पकड़ लिया.
वो बोली- हमारे वो हैं अभी… बाद में करेंगे, अभी छोड़ो ना यार!
मैंने उसके(uske) बूब्स दबा दिए.
वो बोली- यार रात भर तुम्हारे जीजू ने ही बहुत नौचा है, अब तुम शुरु हो गए!
और वो हट गई.
मुझे भी डर था कि कोई भी आ सकता है, मैं भी रसोई से बाहर आ गया और अपने रूम में चला गया.
दिन भर मैं उसको देखता रहा… पता नहीं क्यों वो अब मेरी बहन(behan) ज्यादा सेक्सी लग रही थी, उसके(uske) स्तन थोड़े बड़े और उसके(uske) कूल्हे भी भारी भारी से लग रहे थे.
जब भी मौका मिलता तो वो बोलती- क्या देख रहे हो भाई? माल अब किसी और का है!
और मैं अपनी नजर हटा लेता.
अब शाम को चर्चा हुई की ममता के पति को कहाँ सुलाया जाए?
मैंने कहा- वो और मैं ऊपर वाले रूम में सोएंगे.
सबने खाना खाया और हम सोने चले गए. मैं रात को दस बजे उठा और ममता के पास गया और बोला- थोड़ी देर बाद आ जाना… तुम्हारा वो इंतजार कर रहा है.
वो बोली- ओ के, सबके सोने के बाद मैं आ जाऊँगी.
मैं रूम में आकर सो गया.
लगभग एक बजे वो आई और अपने पति के पास लेट गई,
उनके बीच बात हो रही थी, जीजू बोले- अनुराग उठ जायेगा, तुम क्यों आई हो?
तो वो बोली- वो अब नींद में है, तुम उसकी(uski) चिंता मत करो, अब आओ भी! मुझे नींद नहीं आ रही थी तुम्हारे बिना… आओ!
और वो दोनों अपने कपड़े उतारने लग गये, अब मेरी बहन(behan) बिल्कुल नंगी हो चुकी थी और उसका पति भी अब तैयार था उस बेलगाम घोड़ी की सवारी करने को… उसका लण्ड भी औसत था जो अब पूरे जोर पर था!
मैं ये सब बहुत गौर से देख रहा था कि यह वो ही लड़की है जिसको मैं पहले चोद चुका हूँ, और वो अब किसी दूसरे लण्ड के नीचे है, वो भी मेरे सामने !
अब मैं भी तैयार था पर कुछ नहीं कर सकता था, मैं चुपचाप सब देख रहा था और मेरी बहुत दूर के चाचा की बेटी अपने पति से चुदाई का मज़ा ले रही थी और अब सी… सी… ऊ… उ… कर रही थी.
मैं समझ गया कि उसका काम रस छूट रहा है, अब दोनों एक दूसरे से चिपक चुके थे.
कुछ देर बाद ममता उठी, उसने(usne) गौर से मुझे देखा मेरी तरफ मुंह करके अपनी चूत साफ़ की और अपने कपड़े पहने लगी.
मुझे ऐसा लगा जैसे वो मुझे दिखा रही हो!
कपड़े पहनने के बाद वो बाहर छत पर चारपाई पर लेट गई, मैं भी अब सो गया और उसका पति भी अब सो चुका था. जब सुबह चार बजे मेरी आँख खुली तो मेरा लंड बहुत टाइट था, मैं उठा, ममता के पास गया और उसके(uske) साथ मस्ती करने लग गया. वो बोली- भाई, क्या हो रहा है?
मैंने कहा- जानू, कुछ नहीं, बस चुदाई का मूड हो रहा है!
वो बोली- अच्छा तो हो जाए!
और मैंने उसकी(uski) पजामी का नाड़ा खोल दिया और उसकी(uski) चूत को मसलने लगा, अब भी उसकी(uski) चूत चिपचिप हो रही थी.
मैंने कहा- क्या बात है, मेरी जान की चूत तो बहुत गीली हो रही है?
तो वो बोली- अभी अभी चुदी है अपने भाई के सामने!
मैंने कहा- ओ… तो तुम को पता था कि मैं तुमको देख रहा हूँ?
तो वो बोली- हाँ, मैं सब जानती थी, तुम मुझे चुदाई करवाते हुए देखोगे, तभी तो मैं आई थी!
और बात करते करते मैंने उसकी(uski) गीली चूत में अपना लण्ड उतार दिया.
वो बोली- उ…ई… भाई आराम से!
और मैंने लगभग दस मिनट की दमदार चुदाई के बाद अपना पानी यानि वीर्य अपनी बहन(behan) की चूत में छोड़ दिया और वो भी आह भर कर ठंडी पड़ गई.
मैंने कहा- तू सुबह चली जाएगी तो मेरा क्या होगा?
तो वो बोली- भाई, तुम उसकी(uski) चिंता मत करो, जब मैंने मामी को और अपनी एक सहेली को बताया कि आपने मेरी सील खोली थी तो मामी ने कहा ‘वो ऐसा लगता तो नहीं कि साला किसी की चुदाई कर सकता है.’
तो मैं समझ गया कि मामी की चुदाई हो सकती है.
ममता बोली- मामी की चुदाई हो सकती है, पर मेरी एक शर्त है?
मैंने कहा- क्या शर्त है?
वो बोली- मामी को मेरे सामने चोदना होगा… जब तुम अपनी बहन(behan) की चुदाई देख सकते हो तो क्या मैं अपने भाई की चुदाई नहीं देख सकती?
मैंने कहा- ओके, कोशिश करूँगा!
तो वो बोली- कोशिश नहीं, मेरे सामने ही चोदना होगा.
और वो वहीं नाली के पास मूतने बैठ गई.
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मैंने कहा- यार तुम्हारी चूत से तो अब मूतते हुए चूत से शर्र शर्र की आवाज खुल के आती है?
तो वो बोली- आवाज बंद करना तो बस चोदने के लिये ही था!
मैं अब उठ कर रूम में चला गया.
अब ममता एक माह बाद आने वाली थी, मुझे उसके(uske) आने का इंतजार था और एक दिन उसने(usne) फ़ोन पर कहा- मामी तैयार है भाई आपका लण्ड लेने को! और मैं भी कुछ दिन बाद आ रही हूँ.
मैं बहुत खुश हुआ.
दोस्तो, मुझे मेरी कहानी पर कुछ भाइयों ने कमेंट किया… मैं उनको बताना चाहता हूँ कि वो मेरी सगी बहन(behan) नहीं है.

सगे बहन को चुदाई सीखते सीखते चोद दिया

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घर में सेक्स का मजा लिया

हाय फ्रेंड्स .. आज जो मैं आपको कहानी बताने जा रहा हूँ.. यह मेरी रियल स्टोरी है.
बात तब की है.. जब मैं 13वीं में पढ़ता था.. तब मेरी जवानी छलकने लगी थी. मेरी एक बहन(behan) है.. वो भी मस्त माल बन चुकी थी.. वो भी कॉलेज़ में पढ़ती थी.. उसका नाम मधु है.
मेरी मॉम और डैड दोनों सरकारी जॉब में हैं.
कमसिन जवानी की उम्र में ही उसके(uske) मम्मे काफ़ी बड़े हो गए थे. घर में वो ज्यादातर टी-शर्ट और पजामा पहन कर ही रहती थी. उसकी(uski) चूचियां एकदम उठी हुई रहती थी क्योंकि टी-शर्ट के अन्दर वो ब्रा नहीं पहनती थी. जिससे उसके(uske) मम्मे पूरे सामने की तरफ उठे हुए दिखते थे.. बहुत बड़े-बड़े खरबूज जैसे लगते थे. मेरा दिल करता था कि बस लपक कर पकड़ लूँ.
मैं रोज उसके(uske) नाम की मुठ मारा करता था.
अब तक मुझे सेक्स के बारे में बहुत कुछ पता चल गया था. रोजाना मुठ मार-मार कर मेरा लंड भी काफ़ी लंबा और मोटा हो गया था. मैं बस यही सोचता था कि काश मधु को एक बार मैं नंगी देख लूँ. मैंने बहुत ट्राई किया.. लेकिन देख नहीं पाया.
एक बार हमारे मामा जी के लड़के की शादी थी.. तब हमारे दोनों के एग्जाम चल रहे थे.. इस कारण हम दोनों ही शादी में जा नहीं पाए. मॉम-डैड भी एक दिन के लिए ही गए.. वो सुबह जल्दी चले गए थे.. उन्हें शाम को वापिस आना था. सुबह हम दोनों भाई-बहन(behan) एग्जाम देने के लिए स्कूल चले गए.. लेकिन जब वापिस आए.. तो बहुत तेज बारिश हो रही थी.
हम वापिस आते-आते पूरी तरह से गीले हो गए.. वाइट शर्ट गीली होकर मधु के बदन के साथ चिपक गई थी. अन्दर उसकी(uski) ब्रा साफ दिखाई दे रही थी.
घर पहुँच कर हमने कपड़े चेंज कर लिए. मेरा लंड पूरा खड़ा था.. मैंने जानबूझ कर अपना अंडरवियर निकाल दिया और वैसे ही पजामा पहन लिया.. जिसमें से मेरा लंड साफ फूला हुआ दिखाई दे रहा था. मधु ने भी अपनी ब्रा उतार दी थी और टी-शर्ट और पाजामा पहन लिया था.
हम दोनों खाना खाकर टीवी देखने लगे.. मधु की नज़र बार-बार मेरे खड़े लंड पर जा रही थी.
थोड़ी देर के बाद मैंने टीवी बंद कर दिया और मधु सो गई.
उसकी(uski) गाण्ड मेरी तरफ थी.. मैंने पीछे से उसकी(uski) गाण्ड के ऊपर हाथ रखा और दबाने लगा.. मधु ने कोई हरकत नहीं की तो मेरी हिम्मत बढ़ गई.
फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी(uski) गाण्ड पर अपना लंड लगाया.. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. मैंने अपने पजामे से लंड बाहर निकाल लिया और पूरे ज़ोर से उसकी(uski) गाण्ड पर लगाने लग गया.
अचानक उसकी(uski) नींद खुल गई और वो उठ कर बैठ गई. मैं एकदम से बहुत डर गया.. लेकिन वो कुछ नहीं बोली.. बल्कि मेरे लंड को बहुत गौर से देखने लगी.
मैंने मधु को लंड पकड़ने के लिए कहा तो वो शर्मा गई, उसने(usne) अपने दोनों हाथ अपने मुँह पर रख लिए. मैंने धीरे से उसके(uske) हाथ को पकड़ा और अपने लंड पर रख दिया और हिलाने लगा.
एक हाथ से मैं उसके(uske) मम्मों को दबाने लगा.. तो वो भी बहुत गर्म हो गई थी.
मैंने उसे नीचे लेटा लिया और होंठों पर चुम्बन करने लगा. दस मिनट तक हमने लिप किस किया.
फिर मैंने मधु की टी-शर्ट उतार दी.. वाआऊऊऊओ.. क्या नजारा था.. मधु के मम्मे बहुत ही गोरे ओर मोटे थे. मैं तो पागलों की तरह उन पर टूट पड़ा और एक चूचा मुँह में लेकर चूसने लगा. फिर मैंने अपना एक हाथ उसके(uske) पजामे में डाल दिया और उसकी(uski) फुद्दी को मसलने लगा, उसकी(uski) फुद्दी पूरी गीली हो चुकी थी. मधु ने मेरे कपड़े भी उतार दिए.
थोड़ी देर में हम दोनों बिल्कुल नंगे थे.. मैं पहली बार मधु को नंगा देख रहा था.. मुझसे रहा नहीं जा रहा था. उसकी(uski) फुद्दी पर अभी बाल हल्के हल्के आए थे.. छोटे-छोटे से भूरे भूरे थोड़े से बाल थे.
उसकी(uski) फुद्दी पूरी गीली हो चुकी थी.. मैंने अपनी जीभ से उसे चाट लिया और जीभ उसकी(uski) फुद्दी में डालने लगा. उसे भी बहुत मजा आ रहा था.. उसने(usne) मेरे सिर को अपनी फुद्दी के ऊपर पूरा दबा रखा था. फिर मैंने उससे लंड मुँह में डालने के लिए कहा और वो मेरे लंड को पागलों की तरह मुँह में लेने लगी.
मैं उसके(uske) मुँह में ही झड़ गया और वो मेरा सारा पानी पी गई. फ़िर थोड़ी देर हम दोनों ऐसे ही लेटे रहे और मैं उसके(uske) मम्मों को दबाता रहा.
फिर मैंन उसे उल्टा लेटा कर उसकी(uski) गाण्ड चाटने लगा.. वो पागल हुए जा रही थी, उसने(usne) कहा- अब लंड डालो न अन्दर भैया..
यह सुनकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने अपने लंड को उसकी(uski) गाण्ड पर रख दिया लेकिन मेरा लण्ड अन्दर नहीं जा रहा था.. बहुत टाइट गाण्ड थी उसकी(uski).
फिर मैंने उससे सीधा लेटाया और उसकी(uski) फुद्दी में डालने की ट्राई की.. लेकिन वहाँ भी नहीं गया. फिर मैंने उसकी(uski) फुद्दी पर क्रीम लगाई.. और अपने लंड पर भी मल ली.
अब मैं धीरे से अन्दर डालने लगा.. थोड़ा सा लौड़ा अन्दर घुस गया.
मधु को बहुत दर्द हो रहा था.. वो चिल्ला रही थी.. लेकिन मैंने उसकी(uski) तरफ ध्यान नहीं दिया और एक धक्के से पूरा लंड उसकी(uski) फुद्दी में पेल दिया.
वो रोने लग गई.. थोड़ी देर ऐसे ही मैं उसके(uske) ऊपर लेटा रहा और उसे चूमता रहा.
फिर धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा.. अब उसका दर्द कुछ कम हुआ.. और उसे मजा आने लगा.
फिर 10 मिनट बाद उसकी(uski) फुद्दी में ही मैं झड़ गया.
हम दोनों को उस दिन बहुत मज़ा आया. उसके(uske) बाद फिर उसी दिन हमने एक बार और सेक्स किया.. अब तो बड़ी आसानी से लंड अन्दर चला गया था.
फिर रात को मॉम-डैड आ गए.. लेकिन हमारा सेक्स उसके(uske) बाद फिर चलता रहा जो आज भी चल रहा है.

सगे भाई को पटाए चुद्वाने के लिए

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मौसेरे भाई से चुदने की तमन्ना

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वो मुझसे चूदेगी जरूर

फ्रेंड्स , मेरा नाम अमित वर्मा है.. मैं भोपाल का रहने वाला हूँ.. अभी बारहवीं में पढ़ता हूँ.
आज मैं आपको अपनी सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जिसे सुनकर आपका चोदने का सब्र ख़त्म हो जाएगा.
यह बात अभी सिर्फ दो महीने पुरानी ही है. हम लोग भोपाल के एक मध्यम वर्ग वाले परिवार से है.. हमारे घर से कुछ ही दूर पर मेरे मामाजी का घर था. उनके घर में मामा-मामी और उनके एक लड़का जो दसवीं में है.. और लड़की जो ग्यारहवीं में है.
एक दिन मुझे यह मन हुआ कि चलो उनके घर चलते हैं.. तो मैं अपनी माँ को बोलकर उनके घर की ओर चल दिया. लेकिन मुझे क्या पता था कि आज मुझे वो मिलने वाला है.. जिसकी मैं बरसों से कल्पना कर रहा था.
जब मैं उनके घर गया.. तो देखा कि मामा तो ऑफिस के काम से बाहर गए हुए थे और मेरा भाई यानि उनका लड़का कोचिंग में था. घर में सिर्फ मामी और मेरी बहन(behan) जिसका नाम तृषा था.. वो थी.
मैं दोपहर में गया था.. उस वक्त मामी तो सो रही थीं.. तो तृषा ने मेरा स्वागत किया और हम दोनों ऊपर के कमरे में चले गए.
उसके(uske) साथ कुछ देर गप-शप के बाद उसने(usne) बताया कि उसको पढ़ने में कुछ दिक्कत हो रही है.. तो मैं उसको पढ़ाने लगा.
अभी हम दोनों पढ़ ही रहे थे कि मैंने सोचा कि थोड़ी मस्ती कि जाए.. तो मैंने उसका हाथ पकड़ना चालू कर दिया.. उसके(uske) बाल खींचने लगा. वो भी मेरे साथ मस्ती करने लगी. इसी मस्ती के दौरान बीच में एक बार मेरा हाथ उसकी(uski) चूची में लग गया.. वो कुछ नहीं बोली, मैं भी कुछ नहीं बोला.
लेकिन अब मेरे अन्दर की काम-ज्वाला शुरू हो गई थी.
हम फिर पढ़ने लगे.. आखिर मैंने बहुत हिम्मत जुटाई और उससे कह दिया- तृषा तुम बुरा नहीं मानो.. तो एक बात कहूँ?
उसने(usne) बोला- हाँ कहो.. मैं बुरा नहीं मानूंगी.
मैंने बोला- क्या मैं तुम्हें चुम्बन कर सकता हूँ?
वो तनिक हैरत से बोली- क्या?
मैंने बोला- हाँ.. मैं तुम्हें चुम्बन करना चाहता हूँ.. सिर्फ एक बार.. अगर तुम्हारी इज़ाज़त हो तो ही..
तो उसने(usne) थोड़ा सोचा और बोला- ठीक है.. लेकिन सिर्फ एक बार..
मैंने बोला- ठीक है.
मैंने उसके(uske) सर के पीछे अपना हाथ डाला और उसके(uske) मुलायम होंठ पर अपने होंठ रख दिए.
हम दोनों पागलों की तरह एक-दूसरे को चूम रहे थे. हम लोगों की जीभें एक-दूसरे के मुँह के अन्दर थीं.
फिर धीरे-धीरे मेरे हाथ उसकी(uski) चूचियों पर चले गए और मैं उनको मसलने लगा. उसकी(uski) तरफ से कोई आपत्ति नहीं थी.. तो मैं लगा रहा.
फिर अचानक वो मुझसे दूर हटी और बोली- अमित भैया.. मैं कबसे इस चीज़ का इंतज़ार कर रही थी.
मैंने बोला- मुझे पता था इसलिए तुमसे डायरेक्ट चुम्बन करने को पूछ लिया.
फिर क्या था.. हम दोनों ने अपना कार्यक्रम चालू कर दिया. मैंने उसके(uske) कपड़े खोलना शुरू किए और उसको कुछ ही पल में पूरी नंगी कर दिया.
मैं उसके(uske) होंठ चूमते जा रहा था.. फिर उसके(uske) गाल और फिर धीरे-धीरे नीचे आया तो पहले उसकी(uski) गर्दन को चाटा.. फिर उसकी(uski) मदमस्त चूचियों की बारी थी. मैंने उसके(uske) मम्मों को इतना चूसा कि समझो खा ही गया उनको.
फ्रेंड्स सही में.. पहला अनुभव बहुत अनोखा होता है.
फिर उसकी(uski) चूत चूसने की बारी थी.
चूत पर थोड़े बाल उगने लगे थे.. और उसमें से एक अनोखी खुशबू आ रही थी. मैं तो इस महक से पागल हो उठा, मैं पागलों की तरह उसकी(uski) चूत को चाटने लगा और अपनी जीभ से उसकी(uski) गुलाबी बुर के दाने को हिलाने लगा.
वो मदहोश हो गई थी और मुझे भी काफी अच्छा लग रहा था.
आखिर मैंने उसका पानी निकाल ही दिया. फिर उसने(usne) मेरी पैंट खोली और मेरा लंड सामने आया.
फ्रेंड्स , अब आपसे क्या छुपाना.. मैं बता दूँ कि मेरा लण्ड एक अनोखे साइज़ का है.. केले जैसा घुमाव लिए हुआ है.. यहाँ बहुत से लोगों का भी हो सकता है.. जिस लड़की को इसका मतलब नहीं मालूम.. वो मुझे मेल करके खुद पता कर ले.
तो उसने(usne) मेरा औजार देखा.. तो वो तो जैसे पागल ही हो गई.. वो एकदम से नीचे झुकी और पागलों की तरह मेरा गन्ना चूसने और चाटने लगी.
अब मेरी भी सिसकारियाँ निकलने लगीं. मैं भी लण्ड की चुसाई से मस्त हुए जा रहा था. तभी मैंने सुना कि नीचे से मामी की आवाज़ आई.
हम दोनों एकदम से घबरा गए और अपने कपड़े पहन कर तैयार हो गए. सबसे ज़रूरी हिस्सा चुदाई का तो रह ही गया था. इसके बाद महीना हो गया.. अभी तक चुदाई का मौका न मिल पाने से ये सपना पूरा नहीं हुआ है.
पर वो मुझसे चुदेगी जरूर.. बस जैसे ही उसकी(uski) सील तोडूंगा.. आप सब को इस मीठे अहसास का किस्सा सुना दूँगा.
तो फ्रेंड्स , यही थी मेरी अब तक की सच्ची कहानी.. आप ज़रूर बताइएगा कि कैसी लगी.

जवान बहन की चरम चुदाई

हैलो फ्रेंड्स.. मैं सागर सिंह.. 20 साल का हूँ और दिखने में ठीक-ठाक हूँ. अच्छा ख़ासा गठीला जिस्म है. मेरा लण्ड 7.1 इंच लम्बा और 3.2 इंच मोटा है.
यह मेरी पहली कहानी है.. जो मैं यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ. ये स्टोरी मेरी और मेरी मौसी की लड़की के बारे में है. उसका नाम सोनिया है और सब उसे प्यार से सोनी कहते हैं.
मैं आपको अपनी बहन(BEHAN) के बारे में बता दूँ कि वो अभी 19-20 साल की है.. उसका फिगर किसी 21-22 साल की लड़की की तरह है. बड़े-बड़े चूचे.. मोटी उठी हुई गाण्ड.. जिसका मैं तो मस्त दीवाना हूँ, उस पर मोहल्ले के सारे लड़के मरते थे.
मैंने पहले कभी उसके(uske) बारे में ऐसा नहीं सोचा था.. मगर 4 महीने पहले जब मेरी कॉलेज की छुट्टियाँ चल रही थीं.. उस समय मैं अपने मामा घर गया था. मेरे मामा आर्मी में हैं और साल में 1-2 बार ही घर आते हैं. इसलिए सोनी मेरी मामी के साथ उनके घर पर रहती है.
जब मैं मामा के घर पहुँचा.. तो उस वक्त दोपहर के 2 बजे थे. घर पर सिर्फ मामी जी थीं.. उनका 8 साल का लड़का स्कूल गया हुआ था और सोनी भी स्कूल गई थी.
मामी ने घर वालों के बारे में पूछा और मुझे फ्रेश होने को कहा.
मैं फ्रेश हो गया और उसके(uske) बाद मैंने खाना खाया.
थोड़ी देर बाद सोनी और मेरे मामा का लड़का निशांत भी आ गए.
वो मुझे देख कर काफी खुश हुए.. उस वक्त सोनी स्कूल ड्रेस में ही थी और एकदम भरी-पूरी जवान लड़की लग रही थी.
हम लोग ने थोड़ी देर बात की और फिर रात हो गई, सबने साथ में खाना खाया. उस समय कोई साढ़े आठ बज रहे होंगे.
फिर सब सोने चले गए.. हम सभी लोग एक ही कमरे में सोने वाले थे. मामी.. निशांत और सोनी एक बिस्तर पर और मैं अलग एक सिंगल बेड पर सोने वाला था.
मामी ने मुझसे कुछ देर सोनी को पढ़ाने को कहा.. तो सोनी मेरे बिस्तर पर आ गई.
हम लोगों ने करीब दस बजे तक पढ़ाई की.
उसके(uske) बाद सोनी बोली- मुझे नीद नहीं आ रही है.. पर पहले अपने मोबाइल में मुझे कोई मूवी दिखाओ. मैंने उसे अपने फ़ोन में मूवी लगा कर दे दी और मैं सो गया.
सोनी वहीं मेरे पास लेट कर मूवी देखने लगी.. रात में अचानक मेरी नीद खुली.. तो देखा कि सोनी अभी भी मूवी देख रही थी.
उस वक्त मेरा हाथ उसकी(uski) गाण्ड पर चला गया था. मुझे अपने अन्दर एक अजीब सी.. लेकिन अच्छी उत्तेजना का अहसास हुआ.
मैं जानबूझ कर सोने का नाटक करता रहा. थोड़ी देर बाद.. वो भी उठ कर सोने चली गई. अगले दिन सब कुछ नार्मल था. रात को फिर मामी ने उसे मेरे पास पढ़ने के लिए भेज दिया.
हमने थोड़ी देर पढ़ाई की.
उसके(uske) बाद.. सोनी बोली- आज भी मूवी देखनी है..
तो मैंने उसे मूवी चालू करके दे दी.
वो मूवी 4 पार्ट्स में थी..
मैंने दिन में उस मूवी के सेकंड पार्ट की जगह एक ब्लू फिल्म डाल दी थी और उसको उसका नाम दे दिया था. सोनी मूवी देख रही थी और मैं सोने का नाटक कर रहा था..
जब वो पार्ट ख़त्म हुआ.. तो ब्लू-फिल्म शुरू हो गई.. पहले तो सोनी चौंक गई. मगर बाद में वो बड़े ध्यान से देखने लगी. कुछ देर बाद.. मुझे ऐसा लगा कि वो हिल रही थी. मैंने ध्यान दिया.. तो पता चला कि वो अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
थोड़ी देर में उसका पानी निकल गया और वो वहाँ से उठ कर सोने चली गई.
अगले दिन सन्डे था. जब मैं उठ कर बाथरूम जाने लगा.. तो मैंने देखा कि बाथरूम में कोई नहा रहा था.
मैंने जब दरार से झांक कर देखा.. तो सोनी वहाँ नंगी नहा रही थी. मेरा लण्ड उसे नंगी देख कर एकदम से तन गया. थोड़ी देर बाद सोनी अपनी चूत को सहलाने लगी. उसे ऐसे देख कर मेरा बुरा हाल होने लगा था.
थोड़ी देर बाद.. जब वो तौलिये में बाथरूम से निकल कर बाहर आई.. तो मैं उसकी(uski) चिकनी टांगों को बस देखता ही रह गया. मुझे अपनी टांगों को घूरता हुए देख कर वो हल्के से मुस्कुरा दी और इठलाते हुए वहाँ से चली गई. मेरे लण्ड महाराज का ये देख कर बहुत बुरा हाल होने लगा था. मैं झट से बाथरूम में घुसा और उसके(uske) नाम की मुठ मारी.
मुझे ऐसा लगा.. जैसे कि कोई देख रहा है. जब मैंने पीछे मुड़ कर देखा.. तो वहाँ सोनी तौलिया में लिपटी हुई खड़ी थी. अब मुझसे कण्ट्रोल नहीं हुआ और मैं सीधे सोनी पर भूखे भेड़िये की तरह टूट पड़ा, मैंने उसके(uske) गालों और मुँह पर चूमना शुरू कर दिया.
शुरू में वो थोड़ा विरोध करती रही.. लेकिन मैंने उसको चूमना नहीं छोड़ा.. तक़रीबन दस मिनट तक चूमने के बाद.. मुझे होश आया कि मैं ये क्या कर रहा था?
तब तक सोनी गर्म हो चुकी थी.. मुझे ग्रीन सिंग्नल मिल गया था.. मगर उस वक्त ज्यादा कुछ नहीं हो सकता था.. क्योंकि घर में मामी भी थीं.
अब मैं उसे हमेशा छेड़ता रहता था.. मुझे जब भी मौका मिलता.. तो मैं उसे किस कर लेता और उसके(uske) बड़े-बड़े चूचों को भी दबा देता था.
उसे भी अच्छा लगने लगा था और वो मजे लेने लगी थी. अब मुझे उसे चोदना था.. मगर सही समय का इंतज़ार था. ऊपर वाले ने मेरी सुन भी जल्दी ली.. वहीं पड़ोस में एक शादी थी और मामी रात को वहाँ पर गई थीं और बोल कर गई थीं कि वो सुबह तक ही वापस आ पाएंगी.
अब घर पर केवल हम तीनों ही थे.. निशांत.. सोनी और मैं..
निशांत तो छोटा बच्चा था और वो जल्दी ही सो गया था. हमें और क्या चाहिए था.. मैं और सोनी एक ही बिस्तर पर लेट गए और मैंने अपने मोबाइल पर एक अच्छी सी पोर्न मूवी लगा दी.
कुछ देर देखने के बाद सोनी गर्म होने लगी और उसकी(uski) साँसें तेज होने लगी थीं. उसके(uske) चूचे भी बड़े कड़क हो चुके थे. मेरा लण्ड भी ये सब देख कर गर्म हो चुका था और कड़क होने लगा था.
मैंने देर ना करते हुए.. उसे चूमना शुरू कर दिया.
इस बार सोनी मेरा पूरा साथ दे रही थी. मैंने उसे 15 मिनट तक चूमा और फिर मैंने उसके(uske) कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
उसने(usne) अन्दर लाल रंग की ब्रा और पैन्टी पहनी थी.
मुझसे अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था.. मैं उस पर एकदम से टूट पड़ा और उसकी(uski) ब्रा को खोल दिया. जैसे ही उसके(uske) चूचे उसकी(uski) ब्रा से बाहर आए.. तो मैं हैरान हो गया… इतने बड़े मम्मों को मैंने आज तक नहीं देखे थे.
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मैं कभी उसके(uske) बायें मम्मे को चूसता और दायें मम्मे को दबाता और कभी दायें को चूसता और बायें मम्मे को दबाता.
उसे भी बहुत मज़ा आ रहा था.. उसके(uske) मुँह से ‘आहन.. अहन.. अहहह.. अहह.. ऊऊओओंन.. ऊओहोहोहोह..’ करके आवाजें निकलने लगी थी.
अब बारी उसकी(uski) पैन्टी के उतारने की थी.
पहले तो मैंने उसकी(uski) पैन्टी के ऊपर से ही उसकी(uski) चूत को चूमा और उसके(uske) बाद एक ही झटके में उसकी(uski) पैन्टी को उतार दिया.
हाय क्या मस्त चूत थी उसकी(uski).. एकदम गुलाबी और उस पर हल्के-हल्के रेशमी रोंए..
मैंने उसकी(uski) मखमली चूत को चाटना शुरू किया.. वो मजे में झूम रही थी. उसके(uske) मुँह से मादक आवाजें और सिसकारियाँ निकल रही थीं. ये सिसकारियाँ मुझे और भी ज्यादा पागल बना रही थीं और मुझ में जोश भर रही थीं.
इन सबके बीच सोनी आज पहली बार कुछ बोल रही थी.
सोनी- भाई और जोर से अहहाह अहह.. अह.. ऊऊओ.. मैं मर गई.. और जोर से करो ना.. अह अह.. अहहाह.. ओअओ अओअ अओअओ अओअ होहोहोह ओह्ह्होहहो…
इसी के साथ उसके(uske) अंग में तेज थिरकन होने लगी और वो एकदम से झड़ गई, मैं उसका पूरा का पूरा पानी पी गया.
अब मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए और मेरा 7 इंच का लण्ड देख कर वो हैरान रह गई. मैंने उसे लण्ड चूसने को बोला.. तो उसने(usne) मना कर दिया.
मैंने भी जबरदस्ती करना ठीक नहीं समझा और रसोई से तेल की बोतल ले आया. कुछ तेल उसकी(uski) चूत पर लगाया और ढेर सारा तेल अपने लौड़े पर लगा कर एकदम मस्त चिकना कर दिया.
फिर मैं अपने लण्ड को उसकी(uski) चूत पर रगड़ने लगा और अचानक मैंने एक जोर से झटका दिया. मेरा आधा लण्ड एकदम से उसकी(uski) चूत में चला गया और वो चीख पड़ी.
मैंने एकदम से अपने होंठों को उसके(uske) होंठों पर रख दिया और उसकी(uski) चीख को बीच में ही दबा दिया. उसकी(uski) चूत की सील फट गई थी और बिस्तर पर खून के निशान बन गए.
उसे काफी दर्द हो रहा था.. मैं थोड़ा रुक गया.
जब उसका दर्द कुछ कम हुआ.. तो मैंने धीरे-धीरे अपना पूरा लण्ड उसकी(uski) चूत में डाल दिया.
अब वो भी मजे लेकर चुदवा रही थी. हम दोनों ने बहुत लम्बी चुदाई की और मैं उसकी(uski) चूत में ही झड़ गया. उस रात हमने 2 बार चुदाई की.. सुबह उससे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था.
मामी के पूछने पर उसने(usne) मामी से बोला- बाथरूम में गिर गई थी.. इसलिए थोड़ी चोट आई है.
उसके(uske) बाद तो जब भी हम मिलते.. खूब चुदाई करते.
मैंने उसकी(uski) गाण्ड भी मारी.. लेकिन उसकी(uski) कहानी फिर कभी.. तब तक लिए गुडबाय.. आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. लिखिएगा.

पत्नि के बगल में सली की चुदाई

हैलो फ्रेंड्स, रूपेश का प्यार भरा नमस्कार! मैं कोलकाता का रहने वाला हूँ. मैं आज आप सभी को अपनी आपबीती सुना रहा हूँ.
बात उन दिनों की है.. जब मेरी साली(saali) हमारे साथ रहने आई थी, उसका नाम आरती है, नाम बदला हुआ लिख रहा हूँ ताकि गोपनीयता बनी रहे. उसकी(uski) उम्र 21 साल की है व फिगर 31-29-31 का है वो ऐसी खूबसूरत माल लगती कि किसी का भी ईमान ख़राब हो जाए.
हमारे घर पर बहुत सारे मेहमान आए हुए थे.. दिसम्बर का महीना था.. सर्दी काफी पर रही थी. शाम को हम सबने खाना खाया और सोने चले गए.. मैं और मेरी पत्नी भी अपनी कमरे में आ गए. इतने में आरती भी हमारे कमरे में आ गई और वो अपनी बहन से बोली- दीदी मैं कहा पर सोऊँ?
तो मेरी पत्नी बोली- यहीं पर सो जा..
वो हम लोगों के साथ सो गई.. मेरी रात को नींद खुली.. तो मैं आरती को देखकर कामुक हो उठा और मेरा मन ख़राब हो गया.. क्योंकि उसकी(uski) स्कर्ट ऊपर उठी हुई थी और उसकी(uski) काली पैन्टी दिखाई दे रही थी.
मैं उसको 5 मिनट तक देखता रहा फिर मैं उसके(uske) बगल में जाकर लेट गया.
मेरी पत्नी मेरे बगल में सोई हुई थी इसलिए उसके(uske) साथ कुछ भी करने में डर लग रहा था.. लेकिन क्या करें.. मेरे दिमाग में तो वासना के कीड़े काट रहे थे.
फिर मैं हिम्मत करके उसकी(uski) जाँघों को सहलाना शुरू किया.. तो उसने(usne) कोई रिस्पोंस नहीं दिया. इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैंने धीरे-धीरे उसकी(uski) चूचियों की तरफ अपनी हाथ को ले गया और उसके(uske) टॉप के ऊपर से ही उसके(uske) दूधों को सहलाने लगा.
फिर भी वो कुछ ना बोली.. तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई और मैं उसकी(uski) चूची को जोर-जोर से दबाने लगा. अब तक वो जग चुकी थी और मेरे से चिपक गई थी.. इतने में मेरी पत्नी उठ गई.. तो मैं आख बंद कर के सोने का नाटक करने लगा.
मेरी पत्नी बाथरूम गई और आकर सो गई. मैं कुछ देर लेटा रहा फिर उसके(uske) बाद मैं उठा और आरती की एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
अब तक वो गरम हो चुकी थी और उसने(usne) मेरे लोअर के ऊपर से ही मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी. मुझे समझ आ गया था कि ये भी चुदासी हो उठी है.. तो मैंने अपना लोअर नीचे सरका दिया. यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अब वो मेरे लंड के साथ खेल रही थी. फिर उसने(usne) अपनी सर मेरे पैर के तरफ कर लिया और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.
करीब दस मिनट तक लौड़ा चुसवाने के बाद मैंने अपने आपको उससे अलग किया. अब मैंने उसकी(uski) चड्डी उतार दी और उसकी(uski) चूत में धीरे-धीरे ऊँगली डालने लगा.. ताकि जब मैं उसकी(uski) चूत में लंड डालूँ.. तो वो चिल्लाए न..
पहले मैंने उसकी(uski) चिकनी चूत में एक ऊँगली डाली.. फिर दो घुसेड़ दीं.
जब दोनों ऊँगलियां आसानी से चूत में घुसड़ेने लगा.. तो मैं उसके(uske) ऊपर चढ़ गया और अपना लंड उसके(uske) चूत पर रख कर धीरे-धीरे चूत में घुसाने लगा.
फिर मैंने एक हल्का सा झटका मारा.. तो मेरा लंड आधा उसके(uske) चूत में घुस गया और वो जोर से चिल्लाने को होती.. इससे पहले मैंने एक हाथ से उसका मुँह दबा दिया.
फिर थोड़ी देर बाद मैंने एक और जोर से झटका मारा और पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
अब वो जोर से चिल्लाई.. पर मैंने उसका मुँह एक हाथ से दबा रखा था.. इसलिए गूँ गूँ करके ही रह गई.
फिर मैं थोड़ी देर बाद खुद को धीरे-धीरे उसके(uske) ऊपर-नीचे करने लगा.
अब आरती को भी मजा आने लगा और वो भी अपनी कमर को ऊपर-नीचे करने लगी.
मैं अपनी रफ्तार बढ़ाने लगा और करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने उसकी(uski) चूत में ही सारा माल छोड़ दिया.
मैं झड़ने के बाद उसके(uske) बगल में लेट गया.. और इतने में ही मेरी पत्नी भी उठ गई.
मैं सांस रोके लेटा रहा.. मैंने चादर अपने और आरती के ऊपर खींच ली.
पत्नी नींद में थी उसने(usne) ज्यादा ध्यान नहीं दिया.. और वो फिर सो गई.
उसके(uske) बाद आरती तो मेरे लौड़े के लिए मानो नया नसीब बन कर आ गई थी.. कुछ देर बाद वो फिर से मेरी बाँहों में आ गई और उस रात के बाद मैंने आरती को घुमाने के बहाने बाहर ले जाकर कई बार चोदा.
आज भी आरती मेरे लौड़े की दीवानी है.

साली के साथ सेक्स का असली मजा

मैं दिल्ही का हूँ और रेलवे में अच्छे पद पर कार्यरत हूँ.. मेरी शादी के समय मेरी साली(saali) जो पका हुआ आम जैसी थी.. सबसे ज्यादा मजाक कर रही थी.
उस समय तो उसकी(uski) दीदी को चोदने के चक्कर में मैंने कुछ ज्यादा नहीं किया लेकिन उसको कैसे चोदूँ.. ये सोचता रहता था.
एक बार वो भोपाल अपने मामा के घर गई थी.. तो उसका मेरे पास फोन आया.. एवं मेरी पत्नीने भी मुझसे कहा कि मुझको उधर जाना चाहिए..
मुझे तो पहले ही उसकी(uski) चूत का रस पीने की जल्दी मची थी और अब तो पत्नीने हरी झंडी दे दी थी.
मैं अपनी जवान साली(saali) के पास भोपाल पहुँच गया और उसको पटाने के लिए.. अपने मोबाइल में अपनी ही आवाज में आशिकी भरी बातें रिकार्ड करके उसको कह दिया- मैं तुमसे ही शादी करना चाहता था और तुमसे ही प्यार करता हूँ. मेरी चाहत की गवाह शादी के पहले की ये रिकार्डिंग है.
उसने(usne) रिकॉर्डिंग सुनी तो वो शर्मा कर अन्दर भाग गई.. पर उसके(uske) दिल में कहीं न कहीं मैंने मुहब्बत का बीज बो दिया था.
उस दिन पूरे दिन भर मैं यूँ ही घूमता रहा.. फिर रात को घर वापस आकर खाना आदि खा कर सो गया. आधी रात के करीब जब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा सब लोग सो रहे हैं और मेरी साली(saali) मेरे पैरों के पास सो रही है. मैंने अपने पैरों से उसको सहलाया.. जब उसकी(uski) तरफ से कोई भी प्रतिरोध नहीं हुआ.. तो फिर मैंने अपने पैर से उसके(uske) मम्मों को दबाया.. वो अब कुछ नहीं बोली.
अब मेरी हिम्मत बढ़ने लगी थी.. साथ ही उसको चोदने की लालसा में मेरा लौड़ा भी खड़ा होकर बड़ा होने लगा था. मैंने अपने पैर से उसकी(uski) कमर से नीचे को सहलाया और अपने अँगूठे से उसकी(uski) चूत को दबा दिया.. तो वो जरा सी हिली और उसने(usne) अपने पैरों को फैलाया और मेरा अंगूठा पकड़ कर अपनी चुदासी चूत पर रगड़ दिया.
जब उसने(usne) मेरा अंगूठा पकड़ा तो पहले तो मेरी फट गई थी पर जब उसने(usne) अँगूठे को बुर पर लगा दिया तो मैं समझ गया कि लौंडिया चुदासी है और चूत देने को राजी है.
वो बहुत गर्म हो गई थी और मेरे लंड का तो उससे भी बुरा हाल हो चुका था.
मैंने उसको खींचकर अपने पास ले लिया और उसे चुम्बन करने लगा. मैंने एक हाथ से उसकी(uski) चूचियों को मींजा और दूसरे हाथ से उसकी(uski) चूत को टटोला.. उसकी(uski) चूत तो पूरी गीली हो गई थी.
मैंने उसकी(uski) सलवार को नीचे कर दिया.. मेरे होंठों से उसके(uske) होंठों की कुश्ती जारी थी.
मैंने इसी तरह लेटे हुए उसकी(uski) बुर को नंगा कर दिया और चूत के छेद में खड़ा और अकड़ा हुआ लंड डालने की कोशिश करने लगा.. पर लौड़ा चूत में घुसने का नाम नहीं ले रहा था.
मैं समझ गया कि उसकी(uski) चूत एकदम कोरी है.. वो एकदम नई अनचुदी चूत थी.
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अब मैं भी हार नहीं मानने वाला था. मैंने उसके(uske) पैर ऊँचे कर के अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी(uski) छोटी सी चूत के छेद पर सुपारा रखकर धीरे से धक्का लगा दिया.. तो लंड की टोपी चूत में फंस गई.
कुछ और मेहनत करने पर थोड़ा लण्ड और अन्दर गया.. पर इतने से ही वो तड़प गई.. और बुरी तरह छटपटाने लगी.. वो तो गनीमत कहो कि उसके(uske) होंठों को मैंने कस रखा था.. वर्ना उसकी(uski) आवाज से सब लोग जाग जाते.
मैंने जल्दी से दूसरे झटके में लण्ड को उसकी(uski) चूत में फिट कर दिया.. मेरे इन दो तगड़े धक्कों से.. वो तो बेहोश जैसी हो गई थी.. पर मैं उसकी(uski) चूत में लौड़े को डाले रहा.. हटाया नहीं.
कुछ देर तक मैंने अपने आपको बिना हिले-डुले रहते हुए उसकी(uski) रसीली चूचियों को मसला और उसकी(uski) नोकों को मींजा.. जिससे वो मस्ती में आ गई और अपना दर्द भूल कर थोड़ा हिलने लगी.
मैंने समझ लिया कि अब ये लण्ड खाने को मचलने लगी है.. तो मैंने धक्के देना शुरू कर दिए.
कुछ ही पलों में वो भी मेरे लंड को पूरा अन्दर तक ले रही थी.
फिर मैंने उसको अपने लौड़े के ऊपर खींच लिया और वो मेरे ऊपर चूत को उछाल-उछाल कर मेरे लौड़े का मजा लेने व देने लगी.
केवल 5-7 मिनट में ही वो अकड़ गई और झड़ गई.. तो मैंने उसको बिना लौड़ा निकाले अपने नीचे ले लिया और धकापेल चूत का बाजा बजाना आरम्भ कर दिया.
करीब दस मिनट के चोदन में वो तीन बार झड़ी होगी.. फिर मैं भी उसकी(uski) बुर को भोसड़ा बनाता हुआ.. उसकी(uski) चूत में ही झड़ गया.
हम दोनों बेहद खुश थे और थक चुके थे.. तो वैसे ही नंगे एक-दूसरे की बाँहों में बाँहें डाल कर सो गए.v अब क्या था साली(saali) तो पट चुकी थी और चुद भी चुकी थी.. तो मैं उसको कई बार चोदा.. और इस तरह उसकी(uski) नई चूत का खूब मजा लिया.
अगले दिन तो उसको घुमाने ले जाने के नाम पर बाहर ले गया और एक होटल में ले जाकर उसके(uske) बदन को चाट-चाट कर उसको खूब गर्म किया और उस दिन उसके(uske) साथ खुल कर तीन बार चुदाई का मजा लिया.
आपके ईमेल से मेरा उत्साहवर्धन होगा और मुझे अपनी अन्य कहानियाँ लिखने का साहस मिलेगा. मैं अभी नया हूँ तो आप सभी से निवेदन करता हूँ.. मेरी गलतियों को नजरंदाज करते हुए मुझे अपने प्यार भरे ईमेल जरूर भेजिएगा.