Sunday, May 3, 2020

साली के साथ चुदाइ

फ्रेंड्स.. मेरा नाम मनीष है.. मैं दिल्ही का हूँ पर अभी मैं गुजरात में नौकरी करता हूँ. मेरी उम्र 30 वर्ष है.. दिखने में खूबसूरत हूँ.. और हर तरह से फिट हूँ.
मैं अन्तर्वासना पर नया हूँ.. पर मैं इसका नियमित पाठक भी हूँ. अन्तर्वासना पर मेरी यह पहली कहानी है.
मेरी साली(saali) की शादी थी.. शादी से कुछ दिन पहले मुझे किसी काम से ससुराल बुलाया गया था. मेरी ससुराल का घर स्टेशन से 15 किलोमीटर दूर था और मुझे स्टेशन पहुँचने तक अंधेरा हो गया था.. तो मैंने बिना देर किए ऑटो कर लिया और रात को 7 बजे तक घर पहुँच गया तो मेरा स्वागत किया गया, उसके(uske) बाद मैं घर में गया.
अन्दर जाते ही खाने का निमंत्रण आया.
भूख जोरों से लगी हुई थी, मैं खाने बैठ गया.. खाना खाने के बाद मैं साली(saali) से मिला.. जिसकी शादी अगले कुछ दिन बाद होने वाली थी.
उस दिन उसने(usne) हल्का मेकअप किया था, क्या माल लग रही थी… उसका बदन 29-26-30 का था, गोरा रंग.. हाईट मीडियम.. कुल मिला कर परी लग रही थी.
जब मैं उससे मिला.. तो वो मुझे देख कर खुश हो गई और मेरे करीब आते हुए मुझसे गले लग गई, उसकी(uski) चूचियाँ मेरे सीने में दब रही थीं.
मेरे शरीर में उत्तेजना पैदा होने लगी.. तो मैंने भी उसको बाँहों में दबा लिया और उसके(uske) गाल पर चुम्बन किया.
उसने(usne) अपनी आँखें बंद कर लीं.. तो मैंने उसके(uske) होंठों पर होंठ रख कर चुम्बन किया.
वो बोली- जीई..जा.. जी..
मैं बोला- यस जानू.. कुछ दिन बाद तो तुम्हारे मजे होने हैं.
तो उसने(usne) शरमा कर अपना चेहरा झुका लिया.
मैं और आगे बढ़ता उससे पहले मुझे बाहर से कुछ आवाज आई, मैंने साली(saali) छोड़ दिया और अपनी जानू यानि साली(saali) से कहा- मैं तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊँगा.
रात में उससे फिर से मिलने का वादा करके बाहर चला आया, मेरी साली(saali) मुझे प्यासी नजरों से देखती रह गई. मैं जब बाहर आया तो किसी काम से मैं अपने साले की बाईक लेकर बाजार गया.. काम किया.. वापस मुड़ा.. तो याद आया, मैंने एक कंडोम का पैकेट भी ले लिया, सोचा शायद काम आ ही जाएगा.
मैं वापस आ गया. उसके(uske) बाद सब सोने लगे तो मैं साली(saali) के पास गया और हम दोनों बिस्तर पर पास-पास बैठे थे. उसका चेहरा देखकर ही मेरा खड़ा हो गया.. मेरी पैंट में तंबू बन गया, मैं अपने पैन्ट को ठीक करने लगा. उसकी(uski) नजर मेरे तंबू पर पड़ी और गौर से देखने लगी. मेरी नजर अचानक उस पर पड़ी और उसने(usne) शरमा कर नजर झुका ली.
मैं बोला- तुम कहो तो शादी के पहले ही सुहागरात..
उसने(usne) मेरे मुँह पर हाथ रख दिया और बोली- जीजाजी(jijaji).. सुहागरात का ही तो डर लग रहा है.
इतना सुनते ही मैंने उसको बाँहों में भर लिया.. और कहा- तो मैं तेरा सारा डर खत्म कर देता हूँ ना! वो बोली- पहले दरवाजा बंद कर लो.
मैं दरवाजा बंद करने गया.. बाहर सब सो गए थे.. क्योंकि उस समय कोई गयारह बज रहे थे.
दरवाजा बंद करके वापस आया और साली(saali) को बाँहों में भरकर चूमने लगा, उसने(usne) भी मुझे कसके पकड़ लिया.. मैं उसके(uske) होंठों का रस पीने लगा.
मैं एक हाथ से हल्के-हल्के उसकी(uski) चूचियाँ दबाने लगा.. और वो सिसकारियाँ लेने लगी.
धीरे-धीरे मैंने उसका ब्लाउज खोल दिया, गुलाबी ब्रा में उसके(uske) दूध गजब के लग रहे थे.
मैंने ब्रा के ऊपर चुम्बन किया.. उसने(usne) मेरा सिर अपनी छाती में दबा लिया.
धीरे-धीरे मैंने उसकी(uski) साड़ी उतार दी और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया. अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैन्टी में थी.
मैं उसकी(uski) गर्दन पर चुम्बन करने लगा.. एक हाथ से ब्रा खोलकर उसके(uske) स्तन सहला रहा था.. और दूसरे हाथ से उसकी(uski) चड्डी उतार कर चूत सहलाने लगा.
वो ‘आह.. आह..’ करते-करते बोलने लगी- जीजाजी(jijaji).. अब मत तड़पाओ..
मैं उसकी(uski) चूत चाटने लगा, वो जोर-जोर से ‘आह..’ भरने लगी.
फिर मैंने अपना लौड़ा उसके(uske) मुँह में डाला.. उसको चूसने का बोला.. तो वो चूसने लगी.
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थोड़ी देर के बाद मुझे अपने ऊपर खींचने लगी.
मैंने कंडोम पहना, फिर अपने लौड़े से उसकी(uski) चूत का दाना रगड़ना चालू किया… तो वो गाण्ड उठाकर ‘आह.. उहह’ करने लगी, मुझे अपने ऊपर दबाने लगी.
इससे पहले वो झड़ चुकी थी.
मैंने अपना सामान उसकी(uski) चूत के ऊपर रख कर जोर का झटका दिया. वो चिल्लाने वाली थी.. लेकिन बड़ी फुर्ती के साथ मैंने उसके(uske) मुँह पर हाथ रख दिया क्योंकि मेरा लंड उसकी(uski) सील तोड़ कर आधा अन्दर चला गया था.
मैंने हाथ हटाकर उसके(uske) होंठ चूसना चालू किया.. धीरे-धीरे उसका दर्द कम होने लगा और वो गाण्ड उठाने लगी.
मैं धीरे-धीरे लंड अन्दर-बाहर करने लगा, मौका देखकर एक और झटका मारा और मेरा पूरा लंड उसकी(uski) चूत में जा चुका था.
थोड़ी देर मैं ऐसे ही पड़ा रहा, जब वो फिर से सिसकारियाँ भरने लगी.. तो मैंने तो मैंने चोदना चालू किया.
करीब 21 मिनट चुदाई चलने के बाद वो झड़ गई.
मैं फिर भी चोदता रहा और स्पीड पहले से बढ़ा दी. दस मिनट चोदने के बाद वो फिर झड़ गई.. उसके(uske) गर्म पानी से मेरा लंड भी गर्म हो गया और मैं भी उसकी(uski) चूत में जोर-जोर से पिचकारियाँ मारते हुए झड़ गया.
थोड़ी देर उसके(uske) ऊपर ही लेटा रहा.. जब हम दोनों को होश आया.. तो अपना-अपना लंड और चूत साफ करके कपड़े ठीक किए.

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