नमस्कार फ्रेंड्स. आज इस सेक्स कहानी का समापन है. और विश्वास रखिये, ये धमाकेदार ही होगा.मेरा देवर मेरी गांड मारने पे तुला है और उधर एक नया खिलाडी मुझे दिख रहा था अपना लंड हाथ में लिए. शामिल हो जाईये इस चुदक्कड़ खेल में- वो बोला, “अभी मैंने आपको पूरी तरह से औरत कहाँ बनाया है? थोड़ी देर बाद मैं आपको पूरी तरह से औरत बना दूँगा!” मैंने कहा, “वो कैसे?”
वो बोला, “आपने देखा था न कि मैंने समरीन की गाँड और चूत दोनों को बुरी तरह से चोदा था. अभी तो मैंने सिर्फ आपकी चूत की ही चुदाई की है. जब मैं आपकी गाँड भी मार लूँगा तब आप पूरी तरह से औरत बन जाओगी!”
मैंने कहा,“प्लीज़. ऐसा मत करो. मेरी चूत में पहले से ही बहुत दर्द हो रहा है. अगर तुम आज ही मेरी गाँड भी मार दोगे तो मैं तो बेड पर से उठने के काबिल भी नहीं रह जाऊँगी!”
वो बोला, “तो क्या हुआ! मैं आपको आज पूरी तरह से औरत बना कर ही दम लूँगा!”
पंद्रह मिनट गुजर गये तो शरीफ का लंड मेरी चूत में ही फिर से खड़ा होने लगा. जैसे ही उसका लंड खड़ा हुआ उसने(usne) फिर से मेरी चुदाई शुरु कर दी. इस बार मुझे बहुत हल्का सा दर्द ही हो रहा था क्योंकि उसने(usne) अपना लंड मेरी चूत से बाहर ही नहीं निकाला था. इस बार मुझे भी खूब मज़ा रहा था. शरीफ पूरे जोश और ताकत के साथ जोर-जोर के धक्का लगाता हुआ मुझे चोद रहा था. दो मिनट में ही मैं एक दम मस्त हो गयी थी और चुतड़ उठा-उठा कर शरीफ से चुदवाने लगी. फिर शरीफ ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया. उसका लंड मेरी चूत के रस से एक दम भीगा हुआ था. उसने(usne) मुझे डॉगी स्टाइलमें कर दिया. उसके(uske) बाद उसने(usne) अपने लंड का सुपाड़ा मेरी गाँड के छेद पर रख दिया और मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया. मैं डर गयी क्योंकि अब मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली थी. उसके(uske) बाद उसने(usne) एक धक्का मारा तो मेरी तो जान ही निकल गयी. उसके(uske) लंड का सुपाड़ा मेरी गाँड को चीरता हुआ अंदर घुस गया. मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चीखने लगी. तभी उसने(usne) दूसरा धक्का लगा दिया इस बार का धक्का इतने जोर का था कि मैं दर्द के मारे तड़प उठी. मैं बेहद बुरी तरह से चीखने लगी. उसका लंड इस धक्के के साथ ही मेरी गाँड में चार इंच तक घुस गया. मैं रोने लगी. मैंने कहा, “अपना लंड बाहर निकाल लो नहीं तो मैं मर जाऊँगी. बेइंतेहा दर्द हो रहा है. मेरी गाँड फट जायेगी!”
शरीफ ने एक झटके से अपना लंड मेरी गाँड से बाहर निकाल कर मेरी चूत में घुसेड़ दिया. उसके(uske) बाद उसने(usne) मेरी चुदाई शुरु कर दी. मुझे थोड़ी ही देर में फिर से मज़ा आने लगा और मैं गाँड के दर्द को भूल गयी. उसने(usne) अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर एक झटके से मेरी गाँड में डाल दिया. मेरे मुँह से जोर की चीख निकली. उसके(uske) बाद उसने(usne) जोर का धक्का लगाया. इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी गाँड में और ज्यादा गहरायी तक घुस गया. मैं जोर से चिल्लायी, “शरीफ! मैं मर जाऊँगी.“
वो बोला, “शाँत हो जाओ. क्या आपने आज तक कभी सुना है कि किसी औरत की मौत चुदवाने से या गाँड मरवाने से हुई है!” मैंने कहा, “नहीं!”
वो बोला, “फिर घबराओ मत… आप मरोगी नहीं… सिर्फ थोड़ा दर्द होगा. उसके(uske) बाद तो आप खुद ही रोज-रोज मुझसे गाँड भी मरवाओगी और चूत की चुदाई भी करवाओगी!”
इतना कहने के बाद उसने(usne) पूरी ताकत के साथ फिर से एक धक्का मारा. मेरा जिस्म पसीने से लथपथ हो गया. मेरी आँखों के सामने अन्धेरा छाने लगा. मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चीखने लगी. शरीफ ने मेरे उपर जरा-सा रहम नहीं किया और बहुत जोरदार एक धक्का और लगा दिया. इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गाँड में घुस गया. मैं रोने लगी थी और मेरी आँखों से आँसू बह रहे थे. उसने(usne) मुझे बिना कोई मौका दिये ही अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया और फिर एक झटके में वापस मेरी गाँड में घुसेड़ दिया. मैं फिर से चीखी. उसने(usne) मेरी चीख पर कोई भी ध्यान नहीं दिया और ना ही मुझ पर कोई रहम किया. उसने(usne) ऐसा चार-पाँच बार किया. मेरी गाँड की हालत बेहद खराब हो चुकी थी. उसके(uske) बाद उसने(usne) अपना लंड मेरी चूत में घुसा कर मेरी चुदाई शुरु कर दी. थोड़ी ही देर में मैं फिर से सारा दर्द भूल गयी और मुझे मज़ा आने लगा. शरीफ ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी गाँड में घुसेड़ दिया. मैं फिर से चिल्लायी. लेकिन इस बार शरीफ रुका नहीं. उसने(usne) तेजी के साथ मेरी गाँड मारनी शुरु कर दी. करीब पाँच मिनट तक मैं चीखती रही. फिर धीरे-धीरे खामोश हो गयी. अब मुझे गाँड मरवाने में भी मज़ा आने लगा था. दस मिनट तक मेरी गाँड मारने के बाद शरीफ ने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी चुदाई करने लगा. मैं एक दम मस्त हो चुकी थी और सिसकारियाँ भरने लगी थी. थोड़ी देर बाद जब उसने(usne) अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकला तो मैंने कहा, “अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया!”
वो बोला, “अभी कहाँ!”
मैंने कहा, “अब क्या बाकी है?”
वो बोला, “अभी मैंने ठीक से आपकी गाँड कहाँ मारी है. मैं तो अभी आपकी गाँड को ढीला कर रहा था. अगली बार मैं सिर्फ आपकी गाँड मारूँगा और अपने लंड का सारा रस आपकी गाँड में निकाल दूँगा. उसके(uske) बाद आप पूरी तरह से औरत बन जाओगी!”
पैंतालीस मिनट के बाद शरीफ का लंड खड़ा हो गया तो उसने(usne) मेरी गाँड मारनी शुरु कर दी. पहले तो मुझे काफ़ी दर्द हुआ लेकिन थोड़ी ही देर बाद मेरा सारा दर्द खतम हो गया. शरीफ बहुत बुरी तरह से मेरी गाँड मार रहा था. मैं भी अब मस्त हो चुकी थी. मुझे भी अब खूब मज़ा आ रहा था. मैं नहीं जानती थी कि गाँड मरवाने में भी इतना मज़ा आता है. इस दफ़ा उसने(usne) मेरी चूत को छुआ तक नहीं सिर्फ मेरी गाँड मारता रहा. उसने(usne) लगभग पंद्रह मिनट तक खूब जम कर मेरी गाँड मारी और फिर मेरी गाँड में ही झड़ गया. इस दौरान जोश के मारे मेरी चूत से दो दफ़ा पानी भी निकल चुका था. लंड का सारा रस मेरी गाँड में निकाल देने के बाद शरीफ हट गया और मेरे बगल में लेट गया.
मैंने मुसकुराते हुए कहा, “अब तो मैं पूरी तरह से औरत बन गयी हूँ या अभी कुछ और भी बाकी है!”
वो बोला, “नहीं, अब तो मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दिया है!”
सारा दिन शरीफ मेरी चुदाई करता रहा और मेरी गाँड मारता रहा. शाम के पाँच बजे अमित का फोन आया कि ऑफिस में कुछ काम होने की वजह से वो रात के ग्यारह बजे तक आयेंगे. ये सुन कर शरीफ खुश हो गया और मैं भी. रात के ग्यारह बजे तक शरीफ ने मुझे पाँच दफ़ा चोदा और तीन मर्तबा मेरी गाँड मारी. मुझे पहली दफ़ा जवानी का असली मज़ा आया था और मैं बिल्कुल मस्त हो गयी थी. रात के ग्यारह बजे अमित वापस आ गये. मेरी गाँड और चूत बुरी तरह से सूज गयी थी. मैं बेड पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गयी थी. शरीफ दरवाज़ा खोलने गया तो मैंने एक चादर ओढ़ ली. दरवाज़ा खोलने के बाद शरीफ अपने रूम में चला गया. अमित मेरे पास आये. उन्होंने मुझे चादर ओढ़ कर लेटे हुए देखा तो बोले, “क्या हुआ?”
मैंने कहा, “वही जो होना चाहिये था. मैंने आज शरीफ से सारा दिन खूब जम कर चुदवाया है. उसने(usne) मेरी गाँड भी मारी है. आज मुझे जवानी का असली मज़ा मिला है जो कि तुम मुझे कभी नहीं दे सकते थे!”
वो बोले, “चलो अच्छा ही हुआ. अब तुम्हें सारी ज़िन्दगी शरीफ से मज़ा मिलता रहेगा. तुम्हें कहीं इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. शरीफ से चुदवा कर खुश हो ना?”
मैंने कहा, “हाँ! मैं बेहद खुश हूँ. उसने(usne) आज मुझे बेहद अच्छी तरह से चोदा है. मैं शरीफ से चुदवाने के बाद पूरी तरह से सैटिसफाइड हूँ!”
तभी अमित ने मेरे उपर से चादर खींच ली और मेरी चूत और गाँड को देखने लगे. वो बोले, “तुम्हारी चूत और गाँड की हालत तो एकदम खराब हो गयी है. बेड की चादर भी तुम दोनों के रस से से एक दम भीग कर खराब हो चुकी है!”
मैंने कहा, “हाँ! मैं जानती हूँ. मैं इस चादर को साफ़ नहीं करूँगी. इस से मेरी यादें जुड़ी हुई हैं. मैं इसे सारी ज़िन्दगी अपने पास संभाल कर रखुँगी!”
उसके(uske) बाद अमित ने भी मेरी चुदाई की. शरीफ के लंड ने मेरी चूत को इतना ज्यादा चौड़ा कर दिया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब उनका लंड मेरी चूत में घुसा और कब बाहर निकल गया. उसके(uske) बाद हम सो गये. सुबह को अमित के ऑफिस जाने के बाद शरीफ ने फिर से मेरी चुदाई शुरु कर दी. उस दिन भी वो कॉलेज नहीं गया. वो सारा दिन मुझे चोदता रहा और मेरी गाँड मारता रहा.
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