हेल्लो फ्रेंड्स, ये सेक्स कहानी है पूनम की चूत की तड़प की. अपने पति के देहांत के बाद पूनम की चूत प्यासी ही रहती है और उसकी(uski) हवस बढ़ते बढ़ते उसको पागल ही कर रही है. फिह्र वो एक दिन अपनी तड़प मिटाने की ठान लेती है-
मेरा नाम पूनम माथुर है. मेरे पति मनोज ठेकेदारी का काम करते थे. उनका ठेकेदारी का काम बेहद लंबा चौड़ा था. उनका एक मैनेजर था जिसका नाम अमित सिंह था. वो उनका दोस्त भी था और उनका सारा काम देखता था. वो हमारे घर सुबह के आठ बजे आ जाता था और नाश्ता करने के बाद मेरे पति के साथ साईट पर निकल जाता था. मैं उसे उसके(uske) नाम से हीअमित कह कर बुलाती थी और वो भीमुझे सिर्फपूनम कह कर बुलाता था. उस समय उसकी(uski) उम्र करीब तेईस साल की थी और वो दिखने में बहुत ही हैंडसम था. वो मुझसे कभी कभी मज़ाक भी कर लेता था. शादी के पाँच साल बाद मेरे पति की एक कार एक्सीडेंट में मौत हो गयी. अब उनका सारा काम मैं ही संभालती हूँ और अमित मेरी मदद करता है.
मेरे पति बहुत ही सैक्सी थे और मैं भी. उनके गुज़र जाने के बाद करीब छः महीने तक मुझे सैक्स का बिल्कुल भी मज़ा नहीं मिला तो मैं उदास रहने लगी. एक दिन अमित ने कहा, “क्या बात है पूनम, आज कल तुम बहुत उदास रहती हो!” मैंने कहा, “बस ऐसे ही!”
वो बोला, “मुझे अपनी उदासी की वजह नहीं बताओगी? शायद मैं तुम्हारी उदासी दूर करने में कुछ मदद कर सकूँ.”
मैंने कहा, “अगर तुम चाहो तो मेरी उदासी दूर कर सकते हो. आज पूरे दिन काफ़ी काम है. मैं शाम को तुम्हें अपनी उदासी की वजह जरूर बताऊँगी. मेरी उदासी की वजह जान लेने के बाद शायद तुम मेरी उदासी दूर कर सको. मेरी उदासी दूर करने में शायद तुम्हें काफ़ी ज्यादा वक्त लग जाये, हो सकता है पूरी रात ही गुज़र जाये… इसलिए आज तुम अपने घर बता देना कि कल तुम सुबह को आओगे. मैं शाम को तुम्हें सब कुछ बता दुँगी!”
वो बोला, “ठीक है.”
हम दोनों सारा दिन काम में लगे रहे. एक मिनट की भी फुर्सत नहीं मिली. घर वापसआते-आते रात के आठ बज गये. घर पहुँचने के बाद मैंने अमित से कहा, “मैं एक दम थक गयी हूँ. पहले मैं थोड़ा गरम पानी से नहा लूँ… उसके(uske) बाद बात करेंगे… तब तक तुम हम दोनों के लिये एक-एक पैग बना लो.”
वो बोला, “नहाना तो मैं भी चाहता हूँ. पहले तुम नहा लो उसके(uske) बाद मैं नहा लुँगा.”
मैं नहाने चली गयी और अमित पैग बनाने के बाद बैठ कर टी.वी देखने लगा. पंद्रह मिनट बाद मैं नहा कर बाथरूम से बाहर आयी तो मैंने केवल गाऊन पहन रखा था. गाऊन के बाहर से ही मेरे सारे जिस्म की झलक एक दम साफ़ नज़र आ रही थी. अमित मुझे देखकर मुस्कुराया और बोला, “आज तो तुम बहुत सुंदर दिख रही हो.” मैं केवल मुस्कुरा कर रह गयी.
उसके(uske) बाद अमित नहाने चला गया. मैं सोफ़े पर बैठ कर टी.वी देखते हुए अपना पैग पीने लगी. थोड़ी देर बाद अमित ने मुझे बाथरूम से ही पुकारा तो मैं बाथरूम के पास गयी और पूछा, “क्या बात है?”
वो अंदर से ही बोला, “पूनम! मैं अपने कपड़े तो लाया नहीं था और नहाने लगा. अब मैं क्या पहनुँगा!”
मैंने कहा, “तुम टॉवल लपेट कर बाहर आ जाओ. मैं अभी तुम्हारे लिये कपड़ों का इंतज़ाम कर दुँगी.” अमित एक टॉवल लपेट कर बाहर आ गया. मैंने कहा, “तुम बैठ कर टी.वी देखो, मैं एक-एक पैग और बना कर लाती हूँ. उसके(uske) बाद मैं तुम्हारे लिये कपड़ों का इंतज़ाम भी कर दुँगी.” वो सोफ़े पर बैठ कर टी.वी देखने लगा. मैंने व्हिस्की के दो तगड़े पैग बनाये और मैंने अमित को एक पैग दिया. वो चुप चाप सिप करने लगा. मैं भी सोफ़े पर बैठ कर पैग पीने लगी.
अमित ने मुझसे पूछा, “अब तुम अपनी उदासी की वजह बताओ. मैं तुम्हारी उदासी दूर करने की कोशिश करूँगा.”
मैं उठ कर अमित की बगल में बैठ गयी. फिर मैंने उसके(uske) लंड पर हाथ रख दिया और कहा, “मेरी उदासी की वजह ये है. मेरे पति को गुजरे हुए छः महीने हो गये हैं और तब से ही मैं एकदम प्यासी हूँ. वो रोज ही जम कर मेरी चुदाई करते थे. छः महीने से मुझे चुदाई का मज़ा बिल्कुल नहीं मिला है और ये कमी तुम पूरी कर सकते हो!”
वो कुछ नहीं बोला. मैंने अमित के लंड पर से टॉवल हटा दिया. अमित का लंड एक दम ढीला था लेकिन था बहुत ही लंबा और मोटा.
मैंने कहा, “तुम्हारा लंड तो उनके लंड से ज्यादा लंबा और मोटा लग रहा है. मुझे तुमसे चुदवाने में बहुत मज़ा आयेगा!”
वो बोला, “मैं तुम्हें नहीं चोद सकता!”
मैंने पूछा, “क्यों?”
अमित ने अपना सिर झुका लिया और बोला, “मेरा लंड खड़ा नहीं होता!”
उसकी(uski) बात सुन कर मैं सन्न रह गयी. मैंने कहा, “तुम्हारी शादी भी तो दो महीने पहले हुई है!”
वो बोला, “मेरा लंड खड़ा नहीं होता इसलिए वो अभी तक कुँवारी ही है. मेरी बीवी मुझसे इसी वजह से बेहद खफ़ा रहती है. वो कहती है कि जब तुम्हारा लंड खड़ा नहीं होता था तो तुमने मुझसे शादी क्यों की!”
मैंने अमित से कहा, “ठीक है, जब मैं अपने लिये कोई अच्छा सा मर्द ढूँढ लुँगी जिसका लंड खूब लंबा और मोटा हो और जो खूब देर तक मेरी चुदाई कर सके… उसके(uske) बाद तुम एक दिन अपनी बीवी को भी यहाँ बुला लाना, मैं तुम्हारी बीवी को भी उससे चुदवा दुँगी. इस तरह तुम्हारी बीवी सुहागरात भी मना लेगी और उसे चुदवाने का पूरा मज़ा आ जायेगा. उसके(uske) बाद वो तुमसे कभी खफ़ा नहीं रहेगी. क्यों ठीक है ना?”
अमित बोला, “क्या तुम सही कह रही हो कि वो फिर मुझसे खफ़ा नहीं रहेगी?”
मैंने कहा, “हाँ… मैं एक दम सच कह रही हूँ लेकिन जब तुम अपनी बीवी को यहाँ लाना तो उसे कुछ भी मत बताना!”
अमित बोला, “ठीक है!”
दूसरे दिन मैं अमित के साथ एक साईट पर गयी. वो साईट मेरे घर से करीब करीब अस्सी किलोमीटर दूर थी. उस साईट पर करीब चालीस मज़दूर काम करते थे. उस साईट का मैनेजर उन सब को पैसे दे रहा था. सारे मज़दूर लाईन में खड़े थे. मैं मैनेजर की बगल में एक कुर्सी पर बैठ गयी. सभी ने निक्कर और बनियान पहन रखा था. मैं निक्कर के ऊपर से ही उन सबके लंड का अंदाज़ लगाने लगी.
जब मैनेजर करीब बीस-पच्चीस मज़दूरों को पैसे दे चुका तो मेरी नज़र एक मज़दूर के लंडपर पड़ी. मैंने निक्कर के बाहर से ही अंदाज़ लगा लिया कि उसका लंड कमज़कम आठ-दस इंच लंबा और खूब मोटा होगा. उसकी(uski) उम्र करीब बाईस-तेईस साल की रही होगी और जिस्म एक दम गठीला था. मैंने उस मज़दूर से पूछा, “क्या नाम है तुम्हारा!”
वो बोला, “मेरा नाम राजू है!”
मैंने पूछा, “तुम्हारे कितने बच्चे हैं?”
वो शर्माते हुए बोला, “मालकिन, अभी तक मेरी शादी नहीं हुई है!”
मैंने कहा, “मुझे अपने घर के लिये एक आदमी की ज़रूरत है. मेरे घर पर काम करोगे?”
वो बोला, “आप कहेंगी तो जरूर करूँगा!”
मैंने अमित से कहा, “इसे घर का काम करने के लिये रख लो!”
अमित समझ गया और बोला, “ठीक है!”
अमित ने उस मज़दूर से कहा, “राजू तुम घर जा कर बता दो और अपना सामान ले आओ. आज से तुम मैडम के घर पर काम करोगे.”
वो बोला, “जी साहब!”
वो अपने घर चला गया. करीब एक घंटे के बाद वो वापस आ गया. उसके(uske) बाद हम सब कार से घर वापस चल पड़े. रात के आठ बजे हम सब घर पहुँचे. मैंने राजू को घर का सारा काम समझा दिया और उसे ड्राईंग रूम में सोने के लिये कह दिया. घर में केवल एक ही बाथरूम था इसलिए मैंने राजू से कहा, “घर में केवल एक ही बाथरूम है. तुम इसी बाथरूम से काम चला लेना.” वो बोला, “ठीक है मालकिन.”
मैंने कहा, “घर पर मुझे मालकिन कहलाना पसंद नहीं है. तुम मुझे मेरे नाम से ही बुलाया करो.”
वो बोला, “ठीक है मालकिन!”
मैंने उसे डाँटा और कहा, “मालकिन नहीं… पूनम कह कर बुलाओ.”
वो बोला, “ठीक है पूनम जी.”
मैंने कहा, “पूनम जी नहीं, सिर्फ पूनम.”
वो शरमाते हुए बोला, “ठीक है पूनम!”
मैंने कहा, “लग रहा है कि तुमने बहुत दिनों से नहाया नहीं है. मैं तुम्हें एक साबुन दे देती हूँ, तुम बाथरूम में जा कर ठीक से नहा लो!”
राजू बोला, “ठीक है!”
मैंने राजू को एक खुशबूदार साबुन दे दिया तो वो नहाने चला गया. थोड़ी देर बाद राजू नहा कर बाहर आया. अब उसका सारा जिस्म एक दम खिल उठा था और महक भी रहा था. वो पैंट और शर्ट पहनने लगा तो मैंने कहा, “घर में पैंट शर्ट पहनने की कोई जरूरत नहीं है. तुम निक्कर और बनियान में ही रह सकते हो!”
अमित बोला, “मैं घर जा रहा हूँ!”
मैंने कहा, “ठीक है. मुझे भी एक पार्टी में जाना है अभी… पर कल मैं कहीं नहीं जाऊँगी. अब तुम परसों सुबह आना!”
अमित ने मुस्कुराते हुए कहा, “ठीक है. मैं कल नहीं आऊँगा.”
उसके(uske) बाद अमित चल गया और मैं भी तैयार होके पार्टी में चली गयी. रात के दस बजे मैं पार्टी से वापस लौटी. मैंने पार्टी में ड्रिंक की थी इसलिए मैं कुछ नशे में थी. मैंने बेडरूम में जा कर पैंटी और ब्रा छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिये और नशे की हालत में सैंडल पहने ही बेड पर पसर गयी. उसके(uske) बाद मैंने राजू को पुकारा. वो मेरे पास आया और बोला, “क्या है?” मैंने कहा, “मैंने पार्टी में कुछ ज्यादा ही पी ली और मेरा सारा जिस्म टूट रहा है. तुमथोड़ा सा तेल लगा कर मेरे सारे जिस्म की मालिश कर दो.”
वो बोला, “आप मुझसे मालिश करवायेंगी?”
मैंने कहा, “शहर में ये सब आम बात है. गाँव की तरह यहाँ की औरतें शरम नहीं करतीं. तुम ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आओ और मेरे जिस्म की मालिश करो!”
वो ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी ले आया तो मैंपेट के बल लेट गयी. वो घूर-घूर कर मेरे गोरे जिस्म को देखने लगा.
उसकी(uski) निगाहों में भी सैक्स की भूख साफ़ नज़र आ रही थी. मैंने कहा, “क्या देख रहे हो. चलो मालिश करो.”
वो शर्माते हुए मेरी बगल में बेड पर बैठ गया. मैंने कहा, “पहले मेरी पीठ और कमर की मालिश करो.”
वो मेरी पीठ की मालिश करने लगा. उसका हाथ बार-बार मेरी ब्रा में फँस जाता था. मैंने कहा, “तुम्हारा हाथ बार-बार मेरी ब्रा में फँस रहा है. तुम इसे खोल दो और ठीक से मालिश करो.”
उसने(usne) मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मालिश करने लगा. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने कहा, “और नीचे तक मालिश करो.”
वो और ज्यादा नीचे तक मालिश करने लगा. अभी उसका हाथ मेरे चूत्तड़ पर नहीं लग रहा था.
मैंने कहा, “थोड़ा और नीचे तक मालिश करो.”
वो शर्माते हुए और नीचे तक मालिश करने लगा. जब उसका हाथ मेरी पैंटी को छूने लगा तो मैंने कहा, “पैंटी को भी थोड़ा नीचे कर दो फिर मालिश करो.”
उसने(usne) मेरी पैंटी को भी थोड़ा सा नीचे कर दिया. अब मेरे आधे चूत्तड़ उसे नज़र आने लगे. वो बड़े प्यार से मेरे चूत्तड़ों की मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद वो मेरे दोनों चूत्तड़ों को हल्का-हल्का सा दबाने लगा. मुझे बहुत मज़ा आने लगा. थोड़ी देर तक मालिश करवाने के बाद मैंने कहा, “अब तुम मेरे हाथों की मालिश करो.”
मैंने जानबूझ कर अपनी ब्रा को नहीं पकड़ा और पलट कर पीठ के बल लेट गयी. मेरी ब्रा सरक गयी और उसने(usne) मेरी दोनों चूचियों को साफ़ साफ़ देख लिया. वो मुस्कुराने लगा तो मैंने तुरंत ही अपनी ब्रा से अपनी चूचियों को ढक लिया लेकिन उसका हुक बँद नहीं किया. वो मेरे हाथों की मालिश करने लगा. मेरी ब्रा बार-बार सरक जा रही थी और मैं बार-बार उसे अपनी चूचियों पर रख लेती थी. जब वो मेरे हाथ की मलिश कर चुका तो मैंने कहा, “अब तुम मेरी टाँगों की मालिश कर दो.”
वो घुटने के बल बैठ कर मेरी टाँगों की मालिश करने लगा. उसने(usne) मेरे सैंडल उतारने की कोशिश नहीं की. मैंने देखा कि राजू का लंड एक दम खड़ा हो चुका था और उसका निक्कर तम्बू की तरह हो गया था. वो केवल घुटने तक ही मालिश कर रहा था तो मैंनेकहा, “क्या कर रहे हो, राजू. मेरी जाँघों की भी मालिश करो.”
वो मेरी जाँघों तक मालिश करने लगा. थोड़ी देर बाद वो मालिश करते-करते अपनी अँगुली मेरी चूत पर छूने लगा तो मैं कुछ नहीं बोली. उसकी(uski) हिम्मत और बढ़ गयी और वो अपने एक हाथ से मेरी चूत को पैंटी के ऊपर से ही सहलाते हुए टाँगों की मालिश करने लगा. मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था. मैं दिल ही दिल में खुश हो रही थी कि अब बस थोड़ी ही देर में मेरा काम होने वाला है.
थोड़ी ही देर बाद राजू जोश से एक दम बेकाबू हो गया और उसने(usne) मेरी पैंटी नीचे सरका दी और एक हाथ से मेरी चूत को सहलाने लगा. मैं फिर भी कुछ नहीं बोली तो उसकी(uski) हिम्मत और बढ़ गयी. उसने(usne) मेरी टाँगों की मालिश बँद कर दी और अपनी बीच की अँगुली मेरी चूत में डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा. मैं मन ही मन एक दम खुश हो गयी की अब मेरा काम बन गया. वो दूसरे हाथ से मेरी चूचियों को मसलने लगा. थोड़ी ही देर में मैं एक दम जोश में आ गयी और आहें भरने लगी. वो मेरी चूचियों को मसलते हुए अपनी अँगुली बहुत तेजी के साथ मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा तो दो मिनट में ही मैं झड़ गयी और मेरी चूत एक दम गीली हो गयी.
मैंने उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत की तरफ़ खींच लिया. वो मेरा इशारा समझ गया और मेरी चूत को चाटने लगा. उसने(usne) अपने निक्कर का नाड़ा खोल कर अपना निक्कर नीचे सरका दिया और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. उसका लंड तो करीब आठ इंच ही लंबा था लेकिन मेरे पति के लंड से बहुत ज्यादा मोटा था. मैं उसके(uske) लंड को सहलाने लगी तो थोड़ी ही देर में उसका लंड एक दम लोहे जैसा हो गया. वो मेरी चूत को बहुत तेजी से चाट रहा था. मैं जोश से पागल सी होने लगी तो मैंने राजू से कहा, “राजू, अब देर मत करो. मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है!”
मेरे इतना कहते ही उसने(usne) एक झटके से मेरी पैंटी जो की पहले से ही नीचे थी, उतार दी और मेरी ब्रा को भी खींच कर फेंक दिया. अब मैं बिल्कुल नंगी, सिर्फ अपने सैंडल पहने उस के सामने पड़ी थी. उसके(uske) बाद उसने(usne) अपना निक्कर भी उतार कर फेंक दिया. उसके(uske) बाद वो मेरी टाँगों के बीच आ गया. उसने(usne) मेरी टाँगों को पकड़ कर दूर-दूर फैला दिया और अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत की फाँकों के बीच रख दिया. उसके(uske) बाद उसने(usne) अपना लंड धीरे-धीरे मेरी चूत के अंदर दबाना शुरू कर दिया. उसका लंड बहुत ज्यादा मोटा था इसलिए मुझे थोड़ा दर्द होने लगा. मैंने दर्द के मारे अपने होठों को जोर से जकड़ लिया जिससे मेरे मुँह से आवाज़ ना निकल पाये. मेरी धड़कनें तेज होने लगी. लग रहा था कि जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस रहा हो.
धीरे-धीरे उसका लंड मेरी चूत के अंदर घुसने लगा. दर्द के मारे मेरी टाँगें थर-थर काँपने लगीं. मेरी धड़कने बहुत तेज चलने लगी. मेरा सारा जिस्म पसीने से नहा गया. उसका लंड फिसलता हुआ धीरे-धीरे मेरी चूत के अंदर करीब पाँच इंच तक घुसा चुका था. दर्द के मारे मेरा बुरा हाल हो रहा था. मैंने सोचा कि अगर मैंने राजू को रोका नहीं तो मेरी चूत फट जायेगी. मैंने राजू से रुक जाने को कहा तो वो रुक गया. उसने(usne) मेरी टाँगों को छोड़ दिया. उसने(usne) मेरी दोनों चूचियों के निप्पलों को पकड़ कर धीरे-धीरे मसलना शुरू कर दिया और मुझे चूमने लगा. मैं भी उसके(uske) होठों को चूमने लगी.
थोड़ी देर बाद वोह मेरी चूचियों को मसलते हुए अपना लंड धीरे-धीरे मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगा. उसका लंड इतना ज्यादा मोटा था कि मेरी चूत ने उसके(uske) लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था. दो मिनट में जब मेरा दर्द कुछ कम हो गया तो मैंने जोश में आकर अपने चूत्तड़ों को उठाना शुरू कर दिया. मुझे चूत्तड़ उठाता हुआ देखकर राजू ने अपनी रफ़्तार थोड़ी सी बढ़ा दी. मुझे अब ज्यादा मज़ा आने लगा. मैं जोश के मारे पागल सी हुई जा रही थी. जोश में आ कर मैंने “और तेज… और तेज…” कहना शुरू कर दिया तो राजू ने अपनी रफ़्तार और तेज कर दी. पाँच मिनट चुदवाने के बाद मैं झड़ गयी तो राजू ने बिना मेरे कुछ कहे ही जोर-जोर के धक्के लगाने शुरू कर दिये.
हर धक्के के साथ ही राजू का लंड मेरी चूत के अंदर और ज्यादा गहरायी तक घुसने लगा. मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन मैं पूरे जोश में आ चुकी थी. उस जोश के आगे मुझे दर्द का ज्यादा एहसास नहीं हो रहा था. धीरे-धीरे राजू ने अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया. पूर लंड मेरी चूत में घुसा देने के बाद राजू रुक गया. उसका लंड जड़ के पास बहुत ज्यादा मोटा था. मेरी चूत ने उसके(uske) लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था. थोड़ी देर बाद जब उसने(usne) धक्के लगाना शुरू किया तो वो आसानी से अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर नहीं कर पा रहा था. मुझे एक दम जन्नत का मज़ा मिल रहा था. मैं एक दम मस्त हो चुकी थी. आज मुझे बहुत ही अच्छे लंड से चुदवाने का मौका मिल रहा था. राजू मेरी चूचियों को मसलते हुए मुझे धीरे-धीरे चोद रहा था. पाँच मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गयी.
झड़ जाने की वजह से मेरी चूत एक दम गीली हो गयी तो राजू ने तेजी के साथ धक्केलगाने शुरू कर दिये. अब मेरी चूत ने राजू के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था. वो जोर-जोर के धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई कर रहा था. हर धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी बच्चेदानी के मुँह का चुंबन ले रहा था. मैं जोश से एक दम पागल सी हुई जा रही थी और खूब जोर-जोर से ‘चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत को’, की आवाजें मेरे मुँह से निकल रही थी. राजू भी पूरे जोश और ताकत के साथ मेरी चुदाई कर रहा था. उसकी(uski) रफ़्तार धीरे-धीरे और ज्यादा तेज होने लगी तो मैं पूरी तरह से मस्त हो गयी. अब तक मेरा दर्द एक दम कम हो चुका था. मैंने अपने चूत्तड़ उठा-उठा कर राजू का साथ देना शुरू कर दिया तो उसने(usne) भी मेरी चूचियों को मसलते हुए मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदना शुरू कर दिया.
राजू का लंड अब मेरी चूत में आसानी के साथ अंदर-बाहर होने लगा. राजू ने मेरी चूचियों को छोड़ कर मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया और अपनी रफ़्तार और ज्यादा तेज कर दी. अब वो मुझे एक दम आँधी की तरह से चोदने लगा था. मैं जोर-जोर के हिचकोले खा रही थी. मेरी चूचियाँ उसके(uske) हर धक्के के साथ गोल-गोल घूम रही थी. लग रहा था कि जैसे मेरी चूचियाँ गोल-गोल घूम कर नाच रही हों और मेरी चुदाई का जश्न मना रही हो. मुझे ये देख कर बहुत अच्छा लग रहा था. मैं भी पूरी मस्ती में थी. जब राजू धक्का लगाता तो मैं अपने चूत्तड़ ऊपर उठा देती थी जिस से उसका लंड एक दम जड़ तक मेरी चूत के अंदर दाखिल हो जाता था.
इसी तरह राजू ने मुझे करीब तीस मिनट तक चोदा और उसके(uske) बाद मेरी चूत में ही झड़ गया. उसके(uske) लंड से इतना ज्यादा रस निकला जैसे वो बहुत दिनो से झड़ा ही ना हो. मेरी चूत उउसकी(uski) मनि से पूरी तरह भर गयी थी. मेरी चूत ने अभी भी उसके(uske) लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था इसलिए उसकी(uski) मनि की एक बूँद भी बाहर नहीं निकल पायी. मैं भी इस चुदाई के दौरान तीन दफ़ा झड़ चुकी थी. वो अपना लंड मेरी चूत में डाले हुए ही मेरे ऊपर लेटा रहा और मुझे चूमता रहा. मैं भी उसकी(uski) पीठ को सहलाते हुए बड़े प्यार से उसे चूमने लगी. हम दोनों इसी तरह करीब दस-पंद्रह मिनट तक लेटे रहे.
राजू का लंड अभी तक मेरी चूत के अंदर ही था. वो अपना लंड मेरी चूत में डाले हुए ही अपनी कमर को इधर-उधर करने लगा तो दो मिनट में उसका लंड फिर से मेरी चूत के अंदर ही सख्त होने लगा. मैं अभी तक जोश में थी. मैंने भी उसके(uske) साथ ही साथ अपने चूत्तड़ इधर-उधर करना शुरू कर दिया. पाँच मिनट में ही राजू का लंड मेरी चूतके अंदर ही एक दम सख्त हो कर लोहे जैसा हो गया तो राजू ने मुझे फिर से चोदना शुरू कर दिया. पाँच मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गयी तो मैंने राजू से कहा, “मुझे डॉगी स्टाईल में चुदवाना ज्यादा पसंद है!”
वो इंग्लिश नहीं जानता था. वो बोला, “ये कौन सा तरीका है?”
मैंने कहा, “तुमने कुत्तिया को कुत्ते से करते हुए देखा है?”
वो बोला, “मैं समझ गया. तुम घोड़ी बन कर चुदवाना चाहती हो?”
मैंने कहा, “हाँ.”
उसने(usne) अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया तो मैं डॉगी स्टाईल में हो गयी. राजू मेरे पीछे आ गया और उसने(usne) अपना पूरा का पूरा लंड एक झटके से मेरी चूत में डाल दिया. मुझे थोड़ा दर्द महसूस हुआ तो मेरे मुँह से हल्की सी चींख निकल गयी. पूरा लंड मेरी चूत में घुसा देने के बाद राजू ने मेरी कमर को पकड़ लिया और मुझे बहुत ही तेजी के साथ चोदने लगा. थोड़ी देर तक तो मैं दर्द से तड़पती रही लेकिन फिर बाद में मैं भी अपने चूत्तड़ आगे पीछे करते हुई राजू का साथ देने लगी. मुझे साथ देते हुए देख कर राजू ने अपनी रफ़्तार काफ़ी तेज कर दी.
दस मिनट की चुदाई के बाद ही मैं फिर से झड़ गयी. मेरे झड़ जाने के बाद राजू ने मुझे बहुत ही बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया. वो इतनी जोर जोर के धक्के लगा रहा था कि मैं हर धक्के के साथ आगे की तरफ़ खिसक जा रही थी. राजू ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया और मुझसे ज़मीन पर चलने को कहा. मैं ज़मीन पर आ गयी तो उसने(usne) मेरा सिर दीवार से सटा कर मुझे कुत्तिया की तरह बना दिया. उसके(uske) बाद उसने(usne) बहुत ही बुरी तरह से मेरी चुदाई शुरू कर दी. मेरा सिर दीवर से सटा हुआ था. मैं अब आगे नहीं खिसक पा रही थी इसलिए अब उसका हर धक्का मुझ पर भारी पड़ रहा था.
मैं भी पूरे जोश में आ चुकी थी और अपने चूत्तड़ आगे-पीछे करते हुए उससे चुदवा रही थी. वो भी पूरी ताकत के साथ जोर-जोर के धक्के लगाते हुए मेरी चुदाई कर रहा था. कमरे में ‘धप-धप’ और ‘चप-चप’ की आवाज़ हो रही थी. मैं जोश में आ कर जोर -जोर की सिसकारियाँ भर रही थी. सारा कमरा मेरी जोश भरी सिसकरियों से गूँज रहा था. मैं ‘और तेज… और तेज…’ करती हुई एक दम मस्त हो कर राजू से चुदवा रही थी. आज मुझे राजू से चुदवाने में जो मज़ा आ रहा था वो मज़ा मुझे शादी के बाद कुछ दिनों तक ही अपने पति से चुदवाने में मिला था. आज मैं अपनी ज़िंदगी में दूसरी बार सुहागरात का मज़ा ले रही थी क्योंकि मेरी चूत राजू के लंड के लिये किसी कुँवारी चूत से कम नहीं थी.
राजू ने मुझे इस बार करीब पैंतालीस मिनट तक बहुत ही बुरी तरह से चोदा. इस बार की चुदाई के दौरान मैं तीन बार झड़ चुकी थी. सारी मनि मेरी चूत में निकाल देने के बाद जब राजू ने अपना लंड बाहर निकाला तो मैं अपने आप को रोक ना सकी और मैंने उसका लंड चाटना शुरू कर दिया. वो मुझसे अपना लंड चटवा कर बहुत खुश हो रहा था. मैंने राजू से पूरी मस्ती के साथ सारी रात खूब चुदवाया. सुबह हम दोनों नहाने के लिये एक साथ बाथरूम में गये. राजू ने बाथरूम में भी बुरी तरह से मेरी चुदाई की. उसके(uske) बाद सारा दिन उसने(usne) मुझे कईं तरह के स्टाईल में खूब चोदा.
रात के आठ बजे मैं राजू के साथ डीनर के लिये एक होटल में गयी. होटल से लौट कर आने के बाद राजू ने सारी रात मुझे बहुत ही अच्छी तरह से चोदा. उसने(usne) मुझे पूरी तरह से मस्त कर दिया था. तीसरे दिन सुबह के आठ बजे काल-बेल बजी तो मैंने राजू से कहा, “जा कर देखो. शायद अमित आया है!”
राजू ने एक टॉवल लपेट लिया और जा कर दरवाजा खोला तो अमित ही था. राजू अमित के साथ मेरे पास आया. अमित ने राजू के सामने ही मुझसे पूछा, “कैसी रही चुदाई!” तो राजू समझ गया था कि अमित को सब कुछ मालूम है.
मैंने कहा, “इतनी अच्छी कि मैं बता नहीं सकती!”
अमित बोला, “राजू का लंड पसंद आया?”
तो मैंने कहा, “हाँ, बेहद पसंद आया!”
अमित बोला, “कितनी दफ़ा चोदा राजू ने?”
मैंने कहा, “मैंने तो बस पूरी मस्ती के साथ राजू से खूब चुदवाया. मैं नहीं बता सकती कि इसने कितनी दफ़ा मेरी चुदाई की. तुम राजू से पूछ लो, शायद ये बता सके!”
अमित ने राजू से पूछा तो उसने(usne) कहा, “बारह बार!”
अमित ने कहा, “शाबाश राजू, बस तुम इसी तरह पूनम की चुदाई करते रहो. अभी तो तुम्हें मेरी बीवी की चुदाई भी करनी है!” उसके(uske) बाद अमित ने मुझसे पूछा, “मैं अपनी बीवी को कब ले आऊँ?”
पूनम की भरपूर चुदाई की थी राजू ने. अब अमित की कुंवारी बीवी की बारी थी. जानिए कैसे प्यारी सी सलोनी राजू के जबरदस्त लंड का स्वाद चखती है. पेश है इस सेक्स कहानी का अगला भाग-
अमित बोला, “कितनी दफ़ा चोदा राजू ने?”
मैंने कहा, “मैंने तो बस पूरी मस्ती के साथ राजू से खूब चुदवाया. मैं नहीं बता सकती कि इसने कितनी दफ़ा मेरी चुदाई की. तुम राजू से पूछ लो, शायद ये बता सके!”
अमित ने राजू से पूछा तो उसने(usne) कहा, “बारह बार!”
अमित ने कहा, “शाबाश राजू, बस तुम इसी तरह पूनम की चुदाई करते रहो. अभी तो तुम्हें मेरी बीवी की चुदाई भी करनी है!” उसके(uske) बाद अमित ने मुझसे पूछा, “मैं अपनी बीवी को कब ले आऊँ?”
मैंने कहा, “मुझे कल तक खूब जम कर चुदवा लेने दो. कल शाम को तुम अपनी बीवी को ले आना!”
अमित ने मुझसे कहा, “मैं भी तुम्हारी चुदाई देखना चाहता हूँ. एक बार तुम राजू से मेरे सामने चुदवा लो!”
मैंने राजू को अपने करीब बुलाया. जब वो मेरे करीब आया तो मैंने उसका टॉवल एक झटके से खींच लिया. राजू का आठ इंच का खूब मोटा लंड फनफनाता हुआ बाहर आ गया. अमित उसके(uske) लंड को देखता ही रह गया. वो बोला, “मेरी बीवी तो अभी कुँवारी है. इसका इतना मोटा लंड उसकी(uski) चूत में कैसे घुसेगा!”
मैंने कहा, “जैसे पहली-पहली मर्तबा किसी मर्द का लंड किसी औरत की कुँवारी चूत में घुसता है!”
अमित बोला, “उसे बहुत तकलीफ होगी!”
मैंने कहा, “वो तो हर औरत को पहली-पहली मर्तबा होती है.”
अमित बोला, “उसे बहुत ज्यादा दर्द होगा और वो खूब चिल्लायेगी.”
मैंने कहा, “चिल्लाने दो उसे, उसके(uske) बाद उसको मज़ा भी तो खूब आयेगा.”
अमित चुप हो गया और मेरे पास बैठ गया. राजू ने अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दिया तो मैं उसका लंड चूसने लगी. दस मिनट में ही राजू का लंड एक दम लोहे के जैसा हो गया. मैं अपने चूत्तड़ अमित की तरफ़ कर के डॉगी स्टाईल में हो गयी. राजू ने अपना लंड एक झटके से मेरी चूत में घुसेड़ दिया तो मेरे मुँह से जोर की आह निकली. पूरालंड मेरी चूत में घुसा देने के बाद राजू मुझे चोदने लगा. अमित बड़े ध्यान से मुझे राजू से चुदवाते हुए देखता रहा. राजू ने मुझे करीब पैंतालीस मिनट तक चोदा और फिर झड़ गया. मैं भी दो बार झड़ चुकी थी. राजू ने जब अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला तो मैं राजू के लंड को चाट चाट कर साफ़ करने लगी.
उसके(uske) बाद मैंने अमित से कहा, “आज तुम अकेले ही साईट पर चले जाओ और मुझे चुदाई का मज़ा लेने दो.”
अमित बोला, “ठीक है!” उसके(uske) बाद वो चल गया.
मैंने दूसरे दिन सुबह तक राजू से दिल और चूत खोल केखूब चुदवाया. दूसरे दिन सुबह आठ बजे अमित आ गया. मैंने राजू को कुछ पैसे दिये और कहा, “तुम बाज़ार जा कर खूब अच्छी तरह से खा लेना. आज सारी रात तुम्हें अमित की कुँवारी बीवी की चुदाई करनी है!”
वो मुस्कुराते हुए बोला, “ठीक है.”
मैं अमित के साथ साईट पर चली गयी. शाम को वापस आते हुए मैं अमित के घर रुकी. उसकी(uski) बीवी एक दम दुबली-पतली, छरहरे जिस्म की थी और वो मुझसे भी ज्यादा खूबसूरत और गोरी थी. अमित ने मुझसे कहा, “ये मेरी बीवी सलोनी है!”
सलोनी ने मुझे बिठाया और चाय बनाने जाने लगी तो अमित बोला, “पूनम शाम के बाद चाय-कॉफी नहीं पीती… तू किचन से ग्लास और बर्फ ले आ… मैं पैग बना देता हूँ.”
थोड़ी देर बाद सलोनी ग्लास, बर्फ और सोडा ले आयी और अमित ने व्हिस्की की बोतल निकाल कर दो पैग बनाये. मेरे जोर देने पर सलोनी ने भी पैग ले लिया और हम इधर-उधर की बातें करते हुए पीने लगे. दिन भर की थकान के बाद व्हिस्की बहुत अच्छी लग रही थी और मैंने जल्दी ही दो पैग पी लिये और जब अमित तेरे लिये तीसरा पैग बनाने लगा तो मैंने इंकार नहीं किया. सलोनी तो पहला पग ही अभी तक पी रही थी.
उसके(uske) बाद मैंने सलोनी से कहा, “आज तुम मेरे साथ मेरे घर चलो. आज रात को हम सब एक ही साथ डिनर करेंगे!” सलोनी तैयार होने लगी. जब वो तैयार हो कर मेरे पास आयी तो वो मेक-अप में और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी. मैं उन दोनों के साथ कार से घर आ गयी. घर पहुँचने पर मैं सलोनी को अपने बेडरूम में ले गयी और उस से बैठने को कहा. वो मेरे बेड पर बैठ गयी. अमित भी सलोनी की बगल में बैठ गया. मैंने अमितके सामने ही अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये तो सलोनी कभी अमित को और कभी मुझे देखने लगी. मैंने ब्रा, पैंटी और हाई हील सैंडलों को छोड़ कर सारे कपड़े उतार दिये.
सलोनी बोली, “दीदी, आप को अमित के सामने कपड़े उतारने में शरम नहीं आती?”
मैंने कहा, “मेरे पति को गुजरे हुए छः महीने से ज्यादा हो चुके हैं. मैंने इन छः महिनों में कभी भी सैक्स का मज़ा नहीं लिया था. एक दिन मैंने अमित से कहा तो मुझे मालूम हुआ कि इसका तो लंड ही नहीं खड़ा होता. मैं अमित के सामने पहले भी एक दम नंगी हो चुकी हूँ. इसलिए मुझे शरम नहीं आती. मैंने अपनी सैक्स की भूख मिटाने के लिये एक नौकर रख लिया है. उसका नाम राजू है. उसका लंड बहुत ही लंबा और मोटा है और वो बहुत ही अच्छी तरह से मेरी चुदाई करता है. मैं अपने कपड़े उतार कर राजू से चुदवाने जा रही हूँ. मुझे ये भी मालूम है कि तुम अभी तक कुँवारी हो. तुम बैठ कर मेरी चुदाई का मज़ा लो.
उसके(uske) बाद अगर तुम्हारा दिल करे तो तुम भी उससे चुदवा लेना. आखिर तुम चुदवाने के लिये कब तक तड़पती रहोगी. इसी लिये आज मैं तुमको यहाँ ले आयी हूँ.”
सलोनी बोली, “मुझे शरम आयेगी.”
मैंने कहा, “काहे की शरम. जब मुझे तुम्हारे सामने चुदवाने में शरम नहीं आ रही है तो तुम क्यों शरमा रही हो. तुम बैठ कर मेरी चुदाई का मज़ा लो. शायद तुम्हारा मन भी चुदवाने का करे. आखिर अब तुम्हें सारी ज़िंदगी अमित के साथ ही गुजारनी है. अमित को मैंने पहले ही समझा दिया है और उसे कोई ऐतराज़ नहीं है.”
सलोनी चुप हो गयी. मैंने एक ग्लास में व्हिस्की डाल कर एक तगड़ा सा पैग बना कर उसे दिया. “लो सलोनी… ये पीयो… तुम्हें अच्छा लगेगा और शरम भी चली जायेगी.”
मैंने राजू से पहले ही कह रखा था की जब मैं उसे बुलाऊँगी तो वो एक दम नंगा ही मेरे पास आये. मैंने राजू को पुकारा तो वो मेरे कमरे में आ गया. वो एक दम नंगा था. सलोनी ने जैसे ही उसका लंड देखा तो उसने(usne) अपना सिर झुका लिया.
मैंने सलोनी से कहा, “अब क्यों शरमा रही हो. अब तो राजू तुम्हारे सामने एक दम नंगा ही आ गया है. तुम देखो तो सही कि इसका लंड कैसा है.”
सलोनी ने अपना सिर ऊपर उठा लिया. वो राजू का लंड देखने लगी. राजू सलोनी के पास आया और बोला, “कैसा लगा मेरा लंड?”
सलोनी कुछ नहीं बोली और अपना ड्रिंक पीने लगी. मैंने राजू का लंड चूसना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में राजू का लंड एक दम सख्त हो गया तो मैं राजू से चुदवाने लगी. सलोनी चुपचाप बैठ कर देखते हुए व्हिस्की पीती रही. राजू ने मुझे करीब आधे घंटे तक चोदा और झड़ गया. जोश और नशे के मारे सलोनी की आँखें एक दम गुलाबी हो चुकी थीं. जब राजू ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला तो मैंने सलोनी को अपनी चूत दिखाते हुए कहा, “देखो, मेरी चूत ने राजू का लंबा और मोटा लंड कैसे अपने अंदर ले लिया.”
सलोनी मेरी चूत को देखने लगी. मैंने कहा, “अब तुम भी एक बार राजू से चुदवा लो. अगर तुम्हें इससे चुदवाना पसंद नहीं आयेगा तो तुम फिर राजू से कभी मत चुदवाना.”
सलोनी ने शरमाते हुए कहा, “इसका लंड तो बहुत मोटा है. मुझे बहुत तकलीफ होगी!”
मैंने कहा, “तुम अभी कुँवारी हो… इसलिए तुम चाहे जिस भी लंड से पहली बार चुदवाओगी… तकलीफ तो तुम्हें होगी ही. उसके(uske) बाद मज़ा भी खूब आयेगा.”
वो कुछ नहीं बोली. मैंने राजू से कहा, “तुम अपना लंड सलोनी के हाथ में दे दो जिससे ये तुम्हारा लंड ठीक से देख ले.”
राजू सलोनी के पास आ गया. उसने(usne) सलोनी के हाथ से खाली ग्लास ले कर एक तरफ रख दिया और उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया. सलोनी ने शरमाते हुए उसके(uske) लंड को अपने हाथों में पकड़ लिया और देखने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “अगर तुम्हें इसका लंड अच्छा लग रहा हो तो चुदवा लो.” वो कुछ नहीं बोली.
मैंने कहा, “क्या हुआ? कुछ बोलती क्यों नही? अगर तुम्हें इसका लंड अच्छा नहीं लग रहा है तो छोड़ दो इसका लंड!” उसके(uske) बाद मैंने राजू से कहा, “राजू तुम रहने दो और जा कर कपड़े पहन लो. सलोनी को तुम्हारा लंड पसंद नहीं आ रहा है!” राजू जैसे ही अपने लंड से सलोनी का हाथ हटाने लगा तो सलोनी ने उसके(uske) लंड को जोर से पकड़ लिया. मैं समझ गयी कि सलोनी चुदवाने के लिये राज़ी है.
मैंने राजू से कहा, “राजू सलोनी तुमसे चुदवाने के लिये राज़ी है. तुम सलोनी के कपड़े उतार दो और इसकी अच्छी तरह से चुदाई कर के इसे एक दम खुश कर दो.”
राजू ने सलोनी के कपड़े उतारने शुरू कर दिये तो सलोनी शरमाने लगी लेकिन उसने(usne) राजू को रोका नहीं. राजू ने धीरे-धीरे सलोनी के सारे कपड़े उतार दिये. अब सलोनी ने सिर्फ हाई हील के सैंडल पहने हुए थे और सलोनी का गोरा जिस्म संगमरमर की मूर्ती जैसा लग रहा था. उसेदेख कर राजू खुश हो गया. राजू ने सलोनी को बेड पर लिटा दिया. राजू ने अपने होंठ सलोनी के होंठों पर रख दिये और उसके(uske) होंठों को चूमने लगा. थोड़ी ही देर में सलोनी को भी जोश आने लगा तो वो भी राजू के होंठों को चूमने लगी. राजू सलोनी के पीठ पर अपना हाथ फिराते हुए उसे चूमने लगा तो सलोनी भी राजू की पीठ पर अपना हाथ फिराने लगी.
सलोनी की आँखें धीरे-धीरे गुलाबी सी होने लगी. राजू ने सलोनी को चूमते हुए उसके(uske) निप्पलों को मसलना शुरू कर दिया. सलोनी सिसकरियाँ भरने लगी. अमित बड़े ध्यान से देख रहा था. फिर राजू ने सलोनी की चूचियों को, फिर पेट को और फिर उसकी(uski) नाभी को चूमना शुरू कर दिया. सलोनी धीरे-धीरे जोश में आ रही थी और सिसकरियाँ भर रही थी. थोड़ी देर तक सलोनी की नाभी और उसके(uske) आसपास चूमने के बाद राजू ने सलोनी की चूत को चूमना शुरू कर दिया तो सलोनी जोर-जोर से आहें भरने लगी. राजू एक हाथ से सलोनी के निप्पलों को मसल रहा था और दूसरे हाथ से सलोनी की जाँघ को सहला रहा था. सलोनी ने जोश के मारे अपनी दोनों जाँघों को एक दम सटा लिया.
राजू ने सलोनी की दोनों जाँघों को एक दूसरे से अलग किया. सलोनी की चूत पर एक भी बाल नहीं था और उसकी(uski) चूत एक दम गोरी और चिकनी थी. राजू ने अपनी जीभ सलोनी की चूत के दोनों फाँकों पर फिरानी शुरू कर दी तो सलोनी जैसे पागल सी होने लगी. उसने(usne) राजू के सिर को जोर से पकड़ लिया लेकिन राजू रुका नहीं. वो अपनी जीभ को सलोनी की चूत की फाँकों पर तेजी से फिराने लगा. दो मिनट में ही सलोनी झड़ गयी और उसकी(uski) चूत एक दम गीली हो गयी. राजू ने सलोनी की चूत का सारा रस चाट लिया और फिर अपनी जीभ सलोनी की क्लिट पर गोल-गोल घुमाने लगा. सलोनी ने जोश के मारे जोर की सिसकी ली.
मैंने सलोनी से पूछा, “क्या हुआ?”
वो बोली, “दीदी, मेरे तमाम जिस्म में आग सी लग गयी है. तुम राजू से कह दो अब देर ना करे नहीं तो मैं पागल हो जाऊँगी. मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है!”
मैंने राजू से कहा तो वो बोला, “मेरा लंड बहुत मोटा और लंबा है. अगर मैंने इन्हें अभी चोद दिया तो इन्हें बहुत दर्द होगा. अभी इन्हें एक बार और झड़ जाने दो. तब ये जोश से एक दम पागल हो चुकी होंगी और मेरा पूरा का पूरा लंड आरम से अपनी चूत के अंदर ले लेंगी.”
मैंने कहा, “ठीक है, जैसा तुम ठीक समझो, करो!”
राजू सलोनी के ऊपर सिक्स्टी-नाईन की पोज़िशन में लेट गया और उसकी(uski) चूत को तेजी से चाटने लगा. सलोनी अब तक बहुत ज्यादा जोश में आ चुकी थी. उसने(usne) बिना कुछ कहे ही राजू का लंड अपने मुँह में ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी. सलोनी का दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था और उसकी(uski) साँसें बहुत तेज चल रही थी. वो जोर-जोर की सिसकारियाँ भरते हुए राजू का लंड चूस रही थी. थोड़ी देर बाद सलोनी ने मुझसे कहा, “दीदी, राजू से कह दो अब देर न करे. मैं एक दम पागल सी हुई जा रही हूँ!”
मैंने कहा, “मैं क्यों कहूँ, तुम ही राजू से कहो कि वो तुम्हारी चुदाई करे!”
सलोनी इतनी ज्यादा जोश में आ चुकी थी कि वो रोने लगी. लेकिन उसने(usne) राजू से कुछ भी नहीं कहा. पाँच मिनट में ही सलोनी फिर से झड़ गयी तो उसने(usne) राजू का सिर जोर से पकड़ लिया और बोली, “अब तो मैं फिर से झड़ गयी हूँ. अब तो देर ना करो. जल्दी से चोद दो मुझे!”
राजू ने कहा, “मेरा लंड बहुत लंबा और मोटा है. आप इसे अपनी चूत के अंदर ले पाओगी? बहुत दर्द होगा!”
सलोनी बोली, “मैं कुछ नहीं जानती. बस तुम अब देर मत करो. डाल दो अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में और खूब जोर-जोर से चोदो मुझे!”
राजू बोला, “ठीक है. मैं लेट जाता हूँ. आप खुद ही मेरा लंड अपनी चूत के अंदर ज्यादा से ज्यादा घुसाने की कोशिश करो!”
राजू सलोनी के ऊपर से हट कर लेट गया तो सलोनी तुरंत ही राजू के ऊपर चढ़ गयी. सलोनी जोश में एक दम पागल हो रही थी. उसने(usne) राजू के लंड का सुपाड़ा अपनी चूत के बीच रखा और जोर से दबा दिया. राजू के लंड का सुपाड़ा सलोनी की चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया. उसे इस कदर तेज दर्द हुआ कि वो तड़पते हुए तुरंत ही राजू के ऊपर से हट गयी और लेट गयी. सलोनी को बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि इतना दर्द होगा.
आखिर राजू का लंड भी थातो बेहद मोटा. सलोनी दर्द के मारे तड़प रही थी. राजू सलोनी के होंठों को चूमने लगा. थोड़ी देर बाद सलोनी आसुदा हुई तो राजू ने कहा, “मेरे ऊपर आ जाओ और मेरा लंड अपनी चूत में और ज्यादा घुसाने की कोशिश करो!”
सलोनी बोली, “मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत में नहीं घुसा पाऊँगी. मुझे बेइंतेहा दर्द हो रहा है. अब तुम ही अपना लंड मेरी चूत में घुसाओ.”
राजू बोला, “बहुत दर्द होगा!”
सलोनी बोली, “तुम तो मर्द हो. तुम ही अपना लंड मेरी चूत में जबरदस्ती घुसा सकते हो.”
राजू बोला, “ठीक है!”
राजू सलोनी की टाँगों के बीच आ गया. उसने(usne) सलोनी की टाँगों को घुटनों से मोड़ कर उसके(uske) कंधों के पास सटा कर दबा दिया. सलोनी एक दम दोहरी हो गयी और उसकी(uski) चूत उपर की तरफ उठ गयी. राजू ने अपने लंड का सुपाड़ा उसकी(uski) चूत के बीच रखा. राजू ने जोर लगाते हुए अपना लंड सलोनी की चूत के अंदर दबाना शुरू किया. जैसे ही राजू का लंड सलोनी की चूत में दो इंच घुसा तो सलोनी जोर-जोर से चींखने लगी. लेकिन राजू रुका नहीं और उसने(usne) थोड़ा जोर और लगा दिया. सलोनी दर्द के मारे तड़पने लगी. उसकी(uski) आँखों में आँसू आ गये. उसका सारा जिस्म पसीने से नहा गया. उसकी(uski) टाँगें थरथर काँपने लगी. राजू का लंड सलोनी की चूत में तीन इंच तक घुस चुका था. मैं सलोनी के पास बैठ गयी और मैंने उसकी(uski) चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया. सलोनी ने मुझे जोर से पकड़ लिया और रोने लगी. वो बोली, “दीदी! बेहद दर्द हो रहा है. मैं राजू का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर कैसे ले पाऊँगी!”
मैंने कहा, “पहली-पहली मर्तबा दर्द तो होता ही है. तुम घबराओ मत, राजू जब धीरे-धीरे तमाम लंड तुम्हारी चूत में घुसा कर तुम्हें चोदेगा तब तुम्हें खूब मज़ा आयेगा और तुम सारा दर्द भूल जाओगी. उसके(uske) बाद तुम्हें राजू से चुदवाने में कभी दर्द नहीं होगा और तुम चुदाई का पूरा मज़ा ले पाओगी.”
राजू अपना लंड सलोनी की चूत में डाले हुए रुका रहा. थोड़ी देर बाद सलोनी आसुदा होगयी. राजू ने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिये. राजू का लंड अभी भी सलोनी की चूत में चार इंच तक ही अंदर बाहर हो रहा था. थोड़ी देर बाद सलोनी को मज़ा आने लगा और वो पाँच मिनट की चुदाई के बाद झड़ गयी. राजू ने अपनी रफ़्तार थोड़ा बढ़ा दी. राजू हर पंद्रह-बीस धक्कों के बाद एक जोर का धक्का लगाते हुए सलोनी की चुदाई करने लगा. जब वो जोर का धक्का लगा देता तो उसका लंड सलोनी की चूत के अंदर और ज्यादा गहरायी तक घुस जाता. जब राजू जोर का धक्का लगा देता तो सलोनी दर्द के मारे तड़प उठती थी. सलोनी बहुत ज्यादा जोश में थी इसलिए उसे दर्द का ज्यादा एहसास नहीं हो रहा था. राजू इसी तरह सलोनी की चुदाई करता रहा. वो अभी सलोनी को ज्यादा तेजी के साथ नहीं चोद रहा था. दस मिनट की चुदाई के बाद सलोनी फिर से झड़ गयी तो मैंने पूछा, “अब कैसा लग रहा है?”
सलोनी बोली, “मज़ा तो आ रहा है लेकिन दर्द भी बेइंतेहा हो रहा है!”
मैंने कहा, “अभी राजू का पूरा लंड तुम्हारी चूत में नहीं घुसा है इसलिए वो तुम्हें धीरे-धीरे चोद रहा है. जब वो अपना पूरा का पूरा लंड तुम्हारी चूत में घुसा देगा तब वो तुम्हारी बहुत तेजी के साथ चुदाई करेगा. उसके(uske) बाद तुम्हें चुदवाने में खूब मज़ा आयेगा.”
सलोनी ने पूछा, “अभी कितना बाकी है?”
मैंने कहा, “अभी तक तो राजू का लंड तुम्हारी चूत में करीबपाँच इंच ही घुसा है!”
सलोनी बोली, “राजू से कह दो कि वो अपना पूरा लंड मेरी चूत में जल्दी से घुसा दे. मैं जल्दी से जल्दी चुदवाने का पूरा मज़ा लेना चाहती हूँ!”
मैंने कहा, “दर्द बहुत होगा!”
वो बोली, “दर्द तो धीरे-धीरे घुसाने में भी हो रहा है!”
मैंने राजू से कहा, “अब तुम पूरी ताकत लगा कर अपना पूरा का पूरा लंड इसकी चूत में घुसा दो!”
राजू ने पूरी ताकत के साथ बहुत जोर-जोर के धक्के लगाने शुरू कर दिये. सलोनी दर्द के मारे चींखने लगी. सारा कमरा उसकी(uski) चींखों से गूँजने लगा. सलोनी ने दर्द के मारे अपने सिर के बाल नोचने शुरू कर दिये. आठ-दस जोरदार धक्कों के बाद राजू का लंड पूरा का पूरा सलोनी की चूत में घुस गया. सलोनी दर्द के मारे तड़प रही थी. राजू ने पूरा लंड घुसा देने के बाद बहुत तेजी के साथ सलोनी की चुदाई शुरू कर दी. सलोनी दर्द के मारे चींखती रही लेकिन राजू रुका नहीं. वो बहुत तेजी के साथ सलोनी को चोद रहा था.
दस मिनट तक तो सलोनी बुरी तरह से चींखती रही और फिर धीरे-धीरे चुप होने लगी. अब तक सलोनी की चूत ने अपना पूरा मुँह खोल कर राजू के लंड को अंदर जाने का रास्ता दे दिया था. राजू भी पूरे जोश के साथ सलोनी को चोद रहा था. पाँच मिनट और चुदवाने के बाद सलोनी चुप हो गयी. उसकी(uski) दर्द भरी चींखें अब जोश भरी सिसकरियों में बदल रही थी.
पाँच मिनट और चुदवाने के बाद वो झड़ गयी तो उसे और ज्यादा मज़ा आने लगा. अब राजू का लंड सलोनी की चूत में कुछ आसानी से अंदर बाहर होने लगा था. सलोनी भी अब अपने चूत्तड़ उठा-उठा कर चुदवाने लगी थी. मैंने सलोनी से पूछा, “अब मज़ा आ रहा है?”
वो बोली, “हाँ दीदी, अब तो बहुत मज़ा आ रहा है!”
मैंने पूछा, “अब दर्द नहीं हो रहा है?”
वो बोली, “दर्द तो हो रहा है लेकिन काफ़ी कम.”
मैंने राजू से कहा, “अब तुम पूरी ताकत के साथ तेजी से सलोनी की चुदाई शुरू कर दो.”
राजू ने पूरी ताकत लगाते हुए बहुत तेजी के साथ सलोनी की चुदाई शुरू कर दी. अब वो सलोनी को एक दम आँधी की तरह चोद रहा था. पाँच मिनट की चुदाई के बाद ही सलोनी ने “और तेज… और तेज…” कहना शुरू कर दिया तो राजू ने उसे बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया. सारे कमरे में धप-धप और फच-फच की आवाज़ गूँज रही थी. साथही साथ सलोनी की जोश भरी किलकारियाँ भी गूँज रही थी. वो “और तेज… और तेज… खूब जोर-जोर से चोदो मेरे जानू… फाड़ दो आज मेरी प्यासी चूत को…” कहते हुए चुदवा रही थी. अमित आँखें फाड़े हुए सलोनी को पूरे जोश के साथ चुदवाते हुए देख रहा था. सलोनी अपने चूत्तड़ उठा-उठा कर राजू से चुदवा रही थी. राजू को अब तक सलोनी की चुदाई करते हुए करीब पैंतालीस मिनट हो चुके थे. उसने(usne) सलोनी को चोदने के तुरंत पहले ही मुझे चोदा था इसलिए वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था. दस मिनट तक चुदवाने के बाद सलोनी फिर से झड़ गयी.
राजू अभी भी सलोनी को बुरी तरह से चोद रहा था और सलोनी एक दम मस्त हो कर राजू से चुदवा रही थी. दस मिनट और चोदने के बाद राजू रुक-रुक कर बहुत जोर-जोर के धक्के लगाने लगा तो मैं समझ गयी कि वो अब झड़ने वाला है. सलोनी भी अपने चूत्तड़ बहुत तेजी के साथ ऊपर उठा रही थी. दो मिनट बाद ही राजू सलोनी की चूत में झड़ने लगा तो सलोनी भी उसके(uske) साथ ही साथ फिर से झड़ गयी.
तमाम मनि सलोनी की चूत में निकाल देने के बाद राजू सलोनी के ऊपर ही लेट गया और उसे चूमने लगा. सलोनी भी उसकी(uski) पीठ को सहलाते हुए उसे चूमने लगी. मैंने सलोनी से पूछा, “मज़ा आया?”
पूनम और सलोनी दोनों राजू से चुद ली और संतुष्ट थीं. उनको लगा राजू का लंड ही सब कुछ है पर उनको एक उससे भी ‘बड़ा’ सरप्राइज मिलने वाला था. एक नया खिलाडी आ रहा है मैदान में. इस सेक्स कहानी का आखिरी भाग.
सलोनी बोली, “हाँ दीदी, बहुत मज़ा आया. मैं इसी मज़े के लिये शादी के बाद से ही तड़प रही थी!”
मैंने कहा, “अब तो तुम अमित से खफ़ा नहीं रहोगी?”
वो बोली, “अगर अमित मुझे राजू से चुदवाने से मना नहीं करेगा तो मैं उससे कभी भी खफ़ा नहीं रहुँगी.”
वो दोनों थोड़ी देर तक एक दूसरे को चूमते हुए लेटे रहे. दस मिनट बाद राजू सलोनी के उपर से हट गया और उसकी(uski) बगल में ही लेट गया. मैंने देखा कि सलोनी की चूत का मुँह एक दम चौड़ा हो चुका था. उसकी(uski) चूत एक दम गुलाबी हो गयी थी और कई जगह से एक दम कट फट गयी थी. एक घंटे तक आराम करने के बाद सलोनी बाथरूम जाना चाहती थी लेकिन वो उठ नहीं पा रही थी. राजू उसे गोद में उठा कर बाथरूम ले जाने लगा तो मैंने देखा कि राजू का लंड फिर से खड़ा होने लगा था. राजू सलोनी को लेकर बाथरूम में चला गया.
जब दस-पंद्रह मिनट तक राजू वापस नहीं आया तो मैं अमित के साथ बाथरूम में गयी. मैंने देखा कि राजू बाथरूम में ही सलोनी की डॉगी स्टाईल में बुरी तरह से चुदाई कर रहा था. सलोनी भी एक दम मस्त हो कर उससे चुदवा रही थी. मैंने राजू से कहा, “तुम इसे बेडरूम में ला कर इसकी चुदाई करते तो क्या मैं तुम्हें मना कर देती?”
राजू ने कहा, “ऐसी बात नहीं है. ये जब पेशाब कर चुकी तो मुझसे रहा नहीं गया. मैंने इनसे कहा कि मैं फिर से चोदना चाहता हूँ तो इन्होंने कहा कि यहीं चोद दो ना और मैंने इन्हें चोदना शुरू कर दिया!”
मैंने कहा, “ठीक है!”
उसके(uske) बाद मैं अमित के साथ बेडरूम में आ गयी. करीब आधे घंटे के बाद राजू सलोनी को गोद में उठा कर ले आया और उसे बेड पर लिटा दिया. सलोनी की चूत एक दम सूज चुकी थी. मैंने सलोनी से पूछा, “इस बार कैसा लगा?”
वो बोली, “इस बार चुदवाने में इतना मज़ा आया कि मैं बता नहीं सकती. राजू ने इतनी बुरी तरह से मेरी चुदाई की है कि मैं इसका धक्का बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. इस बार की चुदाई ने मेरे जिस्म का सारा जोड़ हिला कर रख दिया!”
मैंने कहा, “अब तो खुश हो?”
वो बोली, “हाँ, अब मैं बहुत खुश हूँ!”
अगले दो दिनों तक अमित साईट पर अकेला ही गया. मैं सलोनी और राजू के साथ घर पर रही ताकि सलोनी दिल भर्र कर राजू से चुदवा सके. राजू ने दो दिनो में सोलह मर्तबा सलोनी की चुदाई की. सलोनी की चूत का मुँह एक दम खुल चुका था. लेकिन उसे अब भी चलने फिरने में दिक्कत हो रही थी. उसकी(uski) चूत राजू से चुदवा-चुदवा कर एक दम सूज गयी थी और किसी डबल-रोटी की तरह फूल चुकी थी. उन दो दिनों में मैंने राजू से एक बार भी नहीं चुदवाया, केवल सलोनी ही चुदवाती रही. मैं भी चुदवाने का खूब मज़ा लेना चाहती थी.
मेरे मन में ख्याल आया कि मुझे किसी दूसरे मर्द का इंतज़ाम कर लेना चाहिए. तभी हम दोनों चुदाई का खूब मज़ा ले पायेंगी. तीसरे दिन मैं अमित के साथ दूसरी साईट परगयी. वो साईट एक आदिवासी इलाके में थी. सलोनी और राजू घर पर ही थे. मैंने उस साईट पर भी एक आदमी देखा. वो आदिवासी था और उसका रंग एक दम साँवला था लेकिन था बहुत ही हट्टा कट्टा. उसका लंड मुझे राजू के लंड से भी मोटा और लंबा लगा. मैंने अमित से उसे भी घर पर काम करने के लिये रखने को कहा. अमित ने उससे बात की तो वो राज़ी हो गया. उसका नाम शंकर था. वो हमारे साथ घर आ गया.
जब उसे मालूम हुआ कि उसे मेरी और सलोनी की चुदाई करनी है तो उसने(usne) इनकार कर दिया. मैंने उस से वजह पूछी तो उसने(usne) कहा, “मेरा लंड बहुत ही लंबा और मोटा है. मैं एक घंटे के पहले नहीं झड़ पाता. मैं पहले भी दो लड़कियों को चोद चुका हूँ. एक बार की चुदाई में ही उनकी चूत बुरी तरह से फट गयी थी और उन्हें असपतालमें भर्ती होना पड़ा. उसके(uske) बाद मैंने कसम खायी कि अब मैं किसी की चुदाई नहीं करूँगा!”
मैंने कहा, “ठीक है, तुम राजू का लंड देख लो. हम दोनों ने बड़े आराम से इसके लंड से खूब चुदवाया है.”
मैंने राजू से कहा, “तुम शंकर को अपना लंड दिखा दो!”
राजू ने शंकर को अपना लंड दिखाया तो शंकर ने कहा, “इसका लंड तो मेरे लंड से बहुत पतला और छोटा है.”
मैंने शंकर से कहा, “जरा मैं भी तो देखूँ कि तुम्हारा लंड कैसा है?”
वो बोला, “हाँ, मैं अपना लंड जरूर दिखा सकता हूँ लेकिन मैं आप दोनों को चुदूँगा नहीं!”
शंकर ने अपना निक्कर उतार दिया. उसका लंड देख कर मैं घबरा गयी. उसका लंड वाकय में माशा अल्लाह काफ़ी लंबा और मोटा था. मैंने कहा, “अभी तुम्हारा लंड ढीला है. पहले इसे खड़ा करो. उसके(uske) बाद ही तुम्हारे लंड के सही साईज़ का पता चलेगा.”
उसने(usne) कहा, “इसे आप दोनों को ही खड़ा करना पड़ेगा!”
शंकर के लंड को देख कर सलोनी बहुत जोश में थी और वो उसके(uske) लंड को लालच भरी निगाहों से देख रही थी. मैंने सलोनी को इशारा किया तो उसने(usne) शंकर का लंड सहलाना शुरू कर दिया. थोड़ी ही देर में शंकर का लंड खड़ा होने लगा. उसका लंड खड़ा होने के बाद किसी मूसल की तरह नज़र आ रहा था. शंकर का लंड करीब नौ इंच लंबा और तीन इंच चौड़ा था.
मैंने थोड़ा सोचते हुए कहा, “हम दोनों तुम्हारे लंड से चुदवाने के लिये तैयार हैं!”
सलोनी ने तुरंत ही कहा, “दीदी, मैं शंकर से नहीं चुदवाऊँगी. बस तुम ही चुदवा लो!”
मैंने पूछा, “क्यों, क्या हुआ?”
वो बोली, “मैं इसका लंड अपनी चूत के अंदर नहीं ले पाऊँगी. मेरी चूत का पहले से ही बहुत बुरा हाल है. मेरी चूत एक दम फट जायेगी.”
मैंने कहा, “मज़ा नहीं लेना है?”
वो बोली, “मज़ा तो मैं भी लेना चाहती हूँ. लेकिन मुझे शंकर के लंड को देख कर बहुत डर लग रहा है!”
मैंने कहा, “जब मैं चुदवा लुँगी तब तो तुम्हारा डर खतम हो जायेगा!”
वो बोली, “पहले तुम चुदवा लो. मैं बाद में सोचुँगी.”
मैंने शंकर से कहा, “पहले तुम मुझे चोद दो. सलोनी बाद में चुदवायेगी!”
शंकर भी लंड खड़ा होने के बाद जोश में आ चुका था. उसने(usne) मुझसे कहा, “आप सोच लो. मुझसे चुदवाने में अगर आपकी चूत फट गयी तो बाद में मुझे दोष मत देना.”
मैंने कहा, “मैं तुम्हें कुछ भी नहीं कहुँगी.” फिर मैंने अमित से कहा, “अमित मुझे एक ग्लास में व्हिस्की भर के दे दो… नशे में मैं इसका लंड मज़े से झेल लुँगी!”
अमित ने जल्दी से एक ग्लास में तीन पैग जितनी व्हिस्की डाल कर मुझे दे दी और मैंने जल्दी-जल्दी गटकने लगी. मुझे गले और पेट में जलन तो हुई पर मैं जल्दी से नशे में मदहोश होना चाहती थी.
शंकर बोला, “आपकी मर्ज़ी है लेकिन पहले मुझे कोई क्रीम या तेल दे दो. मैं अपने लंड पर लगा लूँ. उसके(uske) बाद मैं आपकी चुदाई करूँगा.”
मुझ पर व्हिस्की का नशा छाने लगा था और मैं मस्ती में आ गयी थी. मैंने अमित को इशारा किया तो उसने(usne) एक क्रीम शंकर को दे दी. शंकर ने ढेर सारी क्रीम अपने लंड पर लगा ली. उसके(uske) बाद मैंने भी आननफ़ानन अपने कपड़े उतारने शुरू कर दियेऔर ऊँची हील के सैंडल के अलावा बिल्कुल मादरजात नंगी हो गयी.. जब मैं एक दम नंगी हो गयी तो उसने(usne) मेरे चूत्तड़ बेड के किनारे पर रख कर मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरी टाँगों के बीच ज़मीन पर खड़ा हो गया. उसके(uske) बाद उसने(usne) दो तकिये मेरे चूत्तड़ों के नीचे रख दिये. मेरी चूत अब उसके(uske) लंड की सीध में हो गयी.
उसने(usne) मुझे कहा, “एक बार फिर से सोच लो!”
मैंने कहा, “अब सोचना क्या है. अब तुम मेरी इस तरह से चुदाई करो कि मुझे ज्यादा तकलीफ़ ना हो.”
उसने(usne) अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के बीच रखा और अपना लंड धीरे-धीरे मेरी चूत के अंदर दबाने लगा. अभी उसका लंड दो इंच भी अंदर नहीं घुस पाया था कि मुझे दर्द होने लगा. मैंने अपने होठों को जोर से जकड़ लिया. वो बहुत धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत के अंदर घुसाता रहा. मुझे लग रहा था कि मेरी चूत फट जायेगी. धीरे-धीरे उसका लंड मेरी चूत में चार इंच तक घुस गया तो मेरी हिम्मत जवाब दे गयी. मेरे मुँह से जोरदार चींख निकली.
उसने(usne) कहा, “घबराओ मत. थोड़ा दर्द बर्दाश्त करो. अभी चार-पाँच मिनट में मैं धीरे-धीरे अपना पूरा का पूरा लंड आपकी चूत में घुसा दुँगा और आपको ज्यादा तकलीफ़ भी नहीं होगी!”
मैं चुप हो गयी. उसने(usne) और ज्यादा लंड घुसाने की कोशिश नहीं की और धीरे-धीरे मुझे चोदने लगा. थोड़ी देर तक मैं चींखती रही लेकिन बाद में जब मेरा दर्द कुछ हल्का हुआ तो मैं चुप हो गयी. वो मुझे धीरे-धीरे चोदता रहा.
पाँच मिनट बाद मैं झड़ गयी तो उसने(usne) अपनी रफ़्तार थोड़ी सी बढ़ा दी. अब वो हर आठ-दस धक्कों के बाद एक धक्का थोड़ा सा तेज लगा कर मेरी चुदाई करने लगा. जब वो थोड़ा तेज धक्का लगा देता तो दर्द के मारे मुँह से हल्की सी चींख निकल जाती लेकिन मैं इतने ज्यादा जोश और नशे में थी कि मुझे उस दर्द का ज्यादा एहसास नहीं हो रहा था. इसी तरह वो मेरी चुदाई करता रहा. करीब दस मिनट और चुदवाने के बाद मैं फिर से झड़ गयी. मैंने शंकर से पूछा, “अब तक तुम्हारा लंड मेरी चूत में कितना घुस चुका है?”
वो बोला, “करीब सात इंच घुस चुका है और अभी तीन इंच बाकी है. आप घबराओ मत… मैं धीरे धीरे अपना बाकी का लंड भी आपकी चूत में घुसा दुँगा.”
वो उसी स्टाईल में मेरी चुदाई करता रहा. सलोनी बैठ कर व्हिस्की के पैग की चुस्कियाँ लेती हुई आँखें फाड़े उसके(uske) लंड को मेरी चूत के अंदर घुसता हुआ देखती रही. शंकर अभी मुझे तेजी के साथ नहीं चोद रहा था. उसके(uske) हर धक्के के साथ दर्द के मारे मेरे मुँह से आह की आवाज़ निकल रही थी. करीब दस मिनट की चुदाई के बाद उसने(usne) अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी. मेरे मुँह से अब बहुत जोर-जोर की चींखें निकलने लगीं. मैंने शंकर से कहा, “थोड़ा धीरे-धीरे चोदो, दर्द हो रहा है!”
वो बोला, “अब मैं अपनी रफ़्तार धीरे-धीरे बढ़ाता रहूँगा क्योंकि अब आप मेरा पूरा का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर ले चुकी हो!” मैंने चौंक कर कहा, “क्या?”
वो बोला, “मैं सही कह रहा हूँ. आप इन मेमसाब से पूछ लो!”
मैंने सलोनी की तरफ़ देखा तो सलोनी ने कहा, “दीदी, ये ठीक कह रहा है. इसका पूरा का पूरा लंड तुम्हारी चूत के अंदर घुस चुका है. शंकर ने इतनी अच्छी तरह से अपना पूरा का पूरा लंड तुम्हारी चूत में घुसा दिया है कि मैं भी अब इससे चुदवाने के लिये तैयार हूँ!”
शंकर की रफ़्तार अब धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही थी. मुझे अभी भी दर्द हो रहा था. दस मिनट की चुदाई के बाद मेरा दर्द एक दम कम हो गया और मुझे मज़ा आने लगा. मैंने धीरे-धीरे अपने चूत्तड़ उठा-उठा कर शंकर का साथ देना शुरू कर दिया तो उसने(usne) अपनी रफ़्तार और तेज कर दी. दो मिनट के बाद मैं फिर से झड़ गयी तो शंकर ने अपनी रफ़्तार और बढ़ा दी. अब वो मुझे बहुत तेजी के साथ चोद रहा था. मैं भी एक दम मस्त हो चुकी थी. उसका लंड मेरी चूत के लिये अभी भी बहुत ही ज्यादा बड़ा था. जब वो अपना लंड बाहर खींचता तो मुझे लगता कि मेरी चूत उसके(uske) लंड के साथ ही बाहर निकल जायेगी. धीरे-धीरे शंकर की रफ़्तार बहुत तेज हो गयी. अब वो मुझे एक दम पागलों की तरह से चोदने लगा था.
अब तक मुझे चुदवाते हुए करीब चालीस मिनट हो चुके थे. मेरी चूत ने शंकर के लंड को रास्ता दे दिया था और मुझे अब ज्यादा मज़ा आने लगा था. वो मुझे चोदता रहा और मैं एक दम मस्त हो कर चुदवाती रही. करीब एक घंटे की चुदाई के बाद शंकर झड़ गया और मैं भी उसके(uske) साथ ही साथ एक बार फिर से झड़ गयी. मैं इस चुदाई के दौरान चार बार झड़ चुकी थी. शंकर ने अपनी तमाम मनि मेरी चूत में निकालने के बाद अपना लंड बाहर निकाला तो मुझे लगा कि मेरी चूत भी उसके(uske) लंड के साथ ही बाहर निकल जायेगी. उसने(usne) अपना लंड मेरे मुँह के पास कर दिया तो सलोनी बोली,“दीदी, तुम रहने दो! इसका लंड मैं चाट कर साफ़ करूँगी!”
सलोनी ने अपना पैग खतम किया और शंकर के लंड को चाट-चाट कर साफ़ करना शुरू कर दिया. उसके(uske) बाद शंकर बेड पर लेट गया और आराम करने लगा. अब वो एक दम मुतमाइन नज़र आ रहा था. तीस मिनट के बाद सलोनी ने शंकर से कहा, “मुझे भी चोद दो!”
सलोनी भी काफी ज्यादा पी चुकी थी और नशे में झूम रही थी.
शंकर बोला, “अभी थोड़ी देर मुझे और आराम कर लेने दो, उसके(uske) बाद मैं आपको भी चोद दुँगा. जब मैं आपकी चुदाई करूँगा तो आपको ज्यादा तकलीफ़ होगी.”
सलोनी ने पूछा, “क्यों?”
शंकर ने कहा, “आपने अभी तक राजू से ज्यादा से ज्यादा बीस बार चुदवाया होगा. अभी आपकी चूत पूनम मेमसाब की चूत से बहुत ज्यादा तंग होगी.”
सलोनी बोली, “कुछ भी हो, मैं तो बस तुम्हारा लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हूँ.”
शंकर बोला, “ठीक है.. थोड़ी देर के बाद मैं आपको चोदुँगा.”
सलोनी तो नशे में मस्त थी और उसकी(uski) चूत दहक रही थी. उसने(usne) अपने कपड़े उतार दिये और सिर्फ अपने सैंडल पहने ही मेरे पास आ कर बैठ गयी और मेरा हाथ अपनी चूत पे रख दिया. मैं थोड़ी देर उसकी(uski) चूत सहलाती रही पर मेरी अँगुलियों से उसकी(uski) चूत को कहाँ राहत मिलती. कुछ देर बाद शंकर ने सलोनी से अपना लंड चूसने को कहा तो सलोनी शंकर का लंड चूसने लगी.
जब उसका लंड खड़ा हो गया तो उसने(usne) सलोनी की चुदाई शुरू की. उसने(usne) मुझे जिस तरह आरम से चोदा था, ठीक उसी तरह सलोनी को भी चोद रहा था. लेकिन सलोनी की चूत अभी भी बहुत ज्यादा तंग थी. वो बहुत चिल्लायी और उसे दर्द भी बहुत हुआ लेकिन आखिर में शंकर ने अपना पूरा का पूरा लंड सलोनी की चूत में डाल ही दिया. सलोनी की चूत में शंकर को अपना लंड आरम से घुसाने में करीब बीस मिनट लगे और फिर उसके(uske) बाद उसने(usne) बहुत ही बुरी तरह से सलोनी की चुदाई शुरू कर दी और उसे करीब सवा घंटे तक चोदा. सलोनी उससे चुदवाने में तीन बार झड़ गयी थी. शंकर से चुदवाने के बाद सलोनी की चूत में इतना ज्यादा दर्द हो रहा था कि वो बिल्कुल भी हिलडुल नहीं पा रही थी.
शंकर ने कहा, “मैं अभी एक बार आपकीचुदाई और करूँगा… उसके(uske) बाद तुम हिलडुल सकोगी और चल भी सकोगी.”
सलोनी ने शंकर से चुदवाने से मना कर दिया लेकिन शंकर माना नहीं. करीब तीस मिनट के बाद शंकर ने फिर से सलोनी की चुदाई शुरू कर दी. इस बार उसने(usne) सलोनी को एक दम पागलों की तरह बहुत ही बुरी तरह से चोदा. इस बार पूरी चुदाई के दौरान सलोनी जोर-जोर से चींखती ही रही. करीब तीस मिनट चोदने के बाद शंकर ने सलोनी को ज़मीन पर खड़ा कर दिया और खड़े-खड़े ही उसकी(uski) चुदाई की. थोड़ी देर खड़े हो कर चोदने के बाद शंकर ने उसे डॉगी स्टाईल में चोदना शुरू कर दिया. उसके(uske) बाद शंकर ने सलोनी को कईं स्टाईल में बुरी तरह चोदा और उसकी(uski) चूत में ही झड़ गया.
सलोनी बहुत तड़पी लेकिन शंकर ने उसकी(uski) एक ना सुनी. झड़ जाने के बाद जब शंकर ने अपना लंड उसकी(uski) चूत से बाहर निकाल तो सलोनी की चूत कईं जगह से कट-फट गयी थी और बुरी तरह से सूज भी चुकी थी.
शंकर ने सलोनी से कहा, “अब मैंने आपकी चूत को एक दम चौड़ा कर दिया है. अब आप मुझे चल कर दिखाओ!”
सलोनी ने चलने की कोशिश की लेकिन वो ठीक से चलनहीं पा रही थी. शंकर ने कहा, “अभी थोड़ी देर बाद मैं फिर से आपकी चुदाई करूँगा. उसके(uske) बाद आप चलने फिरने लगोगी.”
सलोनी बोली, “अब मैं तुमसे नहीं चुदवाऊँगी. तुमने मेरी चूत की हालत खराब कर दी है.”
लेकिन शंकर माना नहीं. एक घंटे के बाद शंकर ने फिर से सलोनी को बहुत ही बुरी तरह से चोदना शुरू कर दिया. वो मना करती रही लेकिन शंकर माना नहीं. उसने(usne) इस बार भी सलोनी को बहुत ही बुरी तरह से करीब डेढ़ घंटे तक चोदा.
उसके(uske) बाद शंकर ने सलोनी से कहा, “अब मुझे फिर से चल कर दिखाओ”,तो सलोनी डर के मारे ठीक से चलने को कोशिश करने लगी.
शंकर ने कहा, “शाबाश! देखा तीन बार चुदवाने के बाद आप थोड़ा ठीक से चलने लगी हो!”
वो बोली, “साले हरामी! वो तो मैं ही जानती हूँ कि मैं कैसे चल रही हूँ!”
शंकर बोला, “अभी मैं फिर से आपकी चुदाई करूँगा!
एक घंटे के बाद शंकर ने फिर से सलोनी की बहुत ही बुरी तरह से चुदाई की. शंकर से चुदवाने के बाद मैं भी बिना सहारे के नहीं चल पा रही थी. मैंने कहा, “मैं भी तो ठीक से नहीं चल पा रही हूँ.”
वो बोला, “पहले मुझे इनकी चाल ठीक कर लेने दो. उसके(uske) बाद मैं आपकी भी बहुत बुरी तरह से चुदाई कर दुँगा उसके(uske) बाद आप भी ठीक से चलने लगोगी!”
उस दिन के बाद से तो सलोनी और अमित प्रैक्टीकली मेरे घर पर ही रहने लगे. सारा काम अमित ही संभालने लगा क्योंकि मैं साईट पर भी अब हफ्ते में दो-तीन दिन ही जाती थी. सलोनी भी मेरी तरह ही चुदक्कड़ निकली और हम दोनों मिलकर नशे में मस्त होकर दिन-रात राजू और शंकर से चुदवाती रहती. रात को अमित अकेला दूसरे बेडरूम में सोता रहता जबकि सलोनी मेरे साथ मेरे बेडरूम में राजू और शंकर के साथ ऐश करती.
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